ख़ूबसूरत ट्यूशन टीचर से स्टूडेंट के बाप को हुआ प्यार – टीचर से प्रेमिका तक: प्रियंका की दर्दनाक कहानी Hindi Crime Story

“पुलिया के नीचे मिला खून से लथपथ प्लास्टिक का बोरा: एक खौफनाक रहस्य”

16 मार्च 2022 को राजस्थान के अलवर जिले के ततारपुर इलाके में इंद्रा बस्ती के पास से गुजर रहे कुछ लोगों की नजर एक प्लास्टिक के बोरे पर पड़ी। बोरा संदिग्ध लग रहा था क्योंकि उसके अंदर से खून रिस रहा था। यह नजारा देखकर राहगीर घबरा गए। आमतौर पर यह इलाका सुनसान रहता था और बहुत कम लोग वहां से गुजरते थे। लेकिन उस दिन, इत्तेफाक से कुछ राहगीर वहां मौजूद थे। मामले की गंभीरता को समझते हुए, उनमें से किसी ने ततारपुर पुलिस स्टेशन को फोन कर सूचना दी कि इंद्रा बस्ती के पास पुलिया के नीचे एक संदिग्ध बोरा पड़ा है, जिसमें से खून बह रहा है।

राहगीर की बात सुनकर पुलिस तुरंत हरकत में आई। एक टीम मौके पर पहुंची और बोरे को पुलिया के नीचे से निकालकर ऊपर लाया गया। जैसे ही बोरा खोला गया, उसके अंदर का दृश्य देखकर पुलिसकर्मियों के होश उड़ गए, और वहां मौजूद लोग डर के मारे पीछे हट गए। बोरे के अंदर एक लड़की की लाश थी। हालांकि शव खराब नहीं हुआ था और चेहरा पहचानने लायक था।

इसके बाद पुलिस ने घटना स्थल के आसपास छानबीन शुरू की, यह सोचकर कि शायद मृतका का कोई आईडी प्रूफ या दस्तावेज मिल जाए। लेकिन कई प्रयासों के बावजूद वहां से ऐसा कुछ भी बरामद नहीं हुआ। पुलिस ने लड़की के शव को ततारपुर सीएससी गवर्नमेंट हॉस्पिटल भेज दिया, लेकिन पोस्टमॉर्टम नहीं कराया क्योंकि पहले मृतका की पहचान करना जरूरी था। पुलिस का अंदाजा था कि लड़की की उम्र लगभग 28 से 30 साल के बीच रही होगी।

इसके बाद पुलिस ने उस इलाके के आसपास के गांवों में जाकर लड़की की फोटो दिखाते हुए लोगों से पूछताछ की। लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगी—कोई भी लड़की की पहचान नहीं कर पा रहा था।

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“अखबार में फोटो छपी, फिर भी गुमनाम रही लड़की: कत्ल का रहस्य और गहरी होती गुत्थी”

17 मार्च को पुलिस ने स्थानीय अखबारों में उस लड़की की तस्वीर और खबर छपवाई, लेकिन इसके बावजूद कोई रिश्तेदार या परिचित सामने नहीं आया। इस बीच, महिला का शव हॉस्पिटल में रखा हुआ था, और नियमों के अनुसार 48 घंटे के भीतर पोस्टमॉर्टम कराना अनिवार्य था। लड़की के घरवालों का पता न चलने पर, पुलिस को मजबूरी में उसका पोस्टमॉर्टम कराना पड़ा।

ततारपुर पुलिस ने आसपास के सभी पुलिस स्टेशनों से संपर्क किया और 28 से 30 साल की किसी महिला की गुमशुदगी की रिपोर्ट के बारे में पूछताछ की। लेकिन किसी भी थाने में ऐसी कोई मिसिंग रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई थी। जल्द ही पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई, जिससे खुलासा हुआ कि महिला की मौत दम घुटने से हुई थी। उसकी गर्दन पर गला दबाए जाने के निशान थे, और इस दौरान उसने संघर्ष भी किया था, जिसके कारण उसके शरीर पर चोटों के निशान पाए गए। यह साफ हो गया था कि यह मामला हत्या का है।

पुलिस ने अपनी जांच तेज कर दी, लेकिन आसपास के इलाके में कोई भी उस लड़की को पहचान नहीं सका। ऐसे में पुलिस को शक होने लगा कि कहीं लड़की को किसी दूसरी जगह मारकर उसका शव यहां फेंका तो नहीं गया।

पुलिस ने सोचा कि अगर हत्यारे कहीं बाहर से आए थे, तो संभव है कि वे किसी होटल, लॉज, ढाबे या रेस्टोरेंट में रुके या खाया हो। पुलिस ने इन सभी जगहों पर पूछताछ शुरू की, लेकिन हर जगह से उन्हें निराशा ही हाथ लगी। इसके बाद पुलिस ने एक नई संभावना पर विचार किया—अगर हत्यारे किसी दूसरे शहर से आए थे, तो वे निश्चित रूप से किसी कार का इस्तेमाल कर सकते थे।

अब पुलिस ने लड़की के बारे में पता लगाने के साथ-साथ यह भी जांच शुरू कर दी कि क्या किसी ने इलाके में कोई संदिग्ध कार देखी थी।

“सफेद गाड़ी का सुराग: पुलिस जांच में टोल प्लाजा से दिल्ली तक का सफर”

जांच के दौरान पुलिस एक होटल पहुंची, जहां के गार्ड ने अहम जानकारी दी। गार्ड ने बताया कि 14 मार्च की शाम एक सफेद रंग की गाड़ी इस सड़क पर बार-बार घूम रही थी। गाड़ी संदिग्ध इसलिए लगी क्योंकि उसने कुछ ही मिनटों में तीन-चार बार होटल के सामने से चक्कर लगाया था, जिससे गार्ड की नजर उस पर गई। जब पुलिस ने गाड़ी का नंबर पूछा, तो गार्ड ने बताया कि उसे पूरा नंबर याद नहीं है, लेकिन इतना जरूर है कि गाड़ी का नंबर “डीएल” से शुरू हो रहा था, यानी यह गाड़ी दिल्ली की थी। गार्ड को बस इतना याद था कि गाड़ी सफेद रंग की थी, लेकिन कंपनी या अन्य जानकारी का उसे अंदाजा नहीं था।

पुलिस ने इसे ही अहम सुराग मानते हुए अपनी जांच तेज कर दी। उन्होंने होटल के सीसीटीवी फुटेज चेक किए, लेकिन कैमरे की दूरी ज्यादा होने के कारण गाड़ी का नंबर साफ दिखाई नहीं दिया। चूंकि वह गाड़ी राजस्थान में किसी दूसरे राज्य से आई थी, पुलिस ने यह मान लिया कि वह गाड़ी किसी टोल प्लाजा से होकर जरूर गुजरी होगी।

अब पुलिस ने टोल प्लाजा के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू किए। लेकिन यहां एक नई समस्या खड़ी हो गई—दिल्ली नंबर की सफेद गाड़ियां बड़ी संख्या में आती-जाती दिख रही थीं। इन गाड़ियों में से सही गाड़ी पहचानना चुनौतीपूर्ण था। इसके बाद पुलिस ने टोल प्लाजा से लेकर होटल तक के रास्ते पर गुजरने वाली सभी “डीएल” नंबर की गाड़ियों की एक सूची तैयार की।

इस सूची के आधार पर पुलिस ने उन सभी गाड़ियों के मालिकों और उनके पते की जानकारी जुटाई। चूंकि गाड़ियां दिल्ली के अलग-अलग इलाकों की थीं, राजस्थान पुलिस ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय से संपर्क किया। उन्होंने पूरी घटना के बारे में बताया और कहा कि एक महिला का शव मिला है, और उन्हें उस संदिग्ध गाड़ी का पता लगाने में मदद चाहिए जो दिल्ली नंबर की है।

“लापता प्रियंका का सुराग: दिल्ली से राजस्थान तक की पुलिस जांच”

राजस्थान पुलिस ने दिल्ली पुलिस को सूचित किया कि उनके पास संदिग्ध गाड़ियों के मालिकों के नाम और पते हैं। उन्होंने आग्रह किया कि इन मालिकों से पूछताछ की जाए कि वे भिवाड़ी में क्यों और किस मकसद से गए थे। साथ ही, राजस्थान पुलिस ने यह भी पूछा कि 14 मार्च के आसपास दिल्ली के किसी पुलिस स्टेशन में किसी लड़की की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई है या नहीं।

जब दिल्ली पुलिस ने अपना डेटा बेस चेक किया, तो पता चला कि कड़कड़डूमा इलाके से एक लड़की लापता है। उसके परिवार ने 14 मार्च की रात आनंद विहार पुलिस स्टेशन में मिसिंग रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद, दिल्ली में लापता लड़की और राजस्थान में मिले शव की तस्वीरों की तुलना की गई, और यह पुष्टि हो गई कि दोनों एक ही हैं।

पुलिस की नजर संदिग्ध गाड़ियों की सूची पर भी गई, जिसमें एक गाड़ी कड़कड़डूमा इलाके में रजिस्टर्ड थी। यह गाड़ी सुनैना गुप्ता नाम की महिला के नाम पर थी। यह सुराग पुलिस के लिए बहुत महत्वपूर्ण था। बिना देरी किए राजस्थान पुलिस की एक टीम दिल्ली पहुंची और आनंद विहार पुलिस स्टेशन के अधिकारियों से बातचीत की।

मिसिंग रिपोर्ट के अनुसार, लापता लड़की का नाम प्रियंका खतरी था, जिसकी उम्र 28 साल थी और वह ट्यूशन टीचर थी। प्रियंका ने 14 मार्च को अपने घरवालों से कहा था कि वह एटीएम से पैसे निकालने जा रही है। उसने अपनी मां रेखा बहल को बताया कि वह शाम 4 से 4:30 बजे तक लौट आएगी।

जब प्रियंका 4 बजे तक नहीं लौटी, तो उसकी मां को चिंता हुई। उन्होंने उसे फोन किया, लेकिन प्रियंका का फोन स्विच ऑफ था। शाम 7:30 बजने तक भी प्रियंका का कोई अता-पता नहीं था। तब रेखा ने अपने पति पंकज को इसकी जानकारी दी। इसके बाद, पंकज और उनके रिश्तेदारों ने प्रियंका की खोज शुरू की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।

आखिरकार, देर रात प्रियंका के घरवालों ने नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर मिसिंग कंप्लेंट दर्ज कराई। अब राजस्थान पुलिस, दिल्ली पुलिस की मदद से, प्रियंका के घर पहुंची। पूछताछ के दौरान पता चला कि प्रियंका बच्चों को उनके घर जाकर ट्यूशन पढ़ाती थी।

“प्रियंका का केस: पति-पत्नी के राज से पर्दा उठा”

राजस्थान पुलिस ने प्रियंका के पिता, पंकज बहल, से उन घरों की सूची मांगी जहां प्रियंका ट्यूशन पढ़ाने जाती थी। पंकज ने सभी पतों की सूची पुलिस को सौंप दी। लेकिन जब पुलिस ने परिवार को बताया कि प्रियंका का शव राजस्थान के ततारपुर क्षेत्र से बरामद हुआ है, तो यह खबर सुनते ही उनके घर में मातम छा गया। प्रियंका की मां रेखा और पिता पंकज बहल का रो-रोकर बुरा हाल था। वे उस दिन को याद करके बिलख रहे थे जब प्रियंका घर से निकली थी और फिर कभी वापस नहीं लौटी। प्रियंका का शव उसके परिवार को सौंप दिया गया।

इसके बाद, राजस्थान पुलिस ने दिल्ली पुलिस की मदद से उन सभी घरों में पूछताछ शुरू की, जहां प्रियंका ट्यूशन पढ़ाने जाती थी। इसी जांच के दौरान पुलिस एक ऐसे घर पहुंची, जहां केवल एक महिला मौजूद थी। उसके पति काम पर और बच्चे स्कूल गए हुए थे। पुलिस ने महिला से उसका नाम पूछा। उसने बताया कि उसका नाम सुनैना गुप्ता है।

यह नाम सुनते ही पुलिस चौकन्नी हो गई, क्योंकि यही वह नाम था जिसकी कार राजस्थान के ततारपुर इलाके में संदिग्ध पाई गई थी। गाड़ी का रजिस्ट्रेशन पता भी इसी घर का था। पुलिस को समझ आ गया कि सुनैना का प्रियंका के कत्ल से कोई न कोई संबंध जरूर है।

पुलिस ने सुनैना से आराम से बातचीत शुरू की और प्रियंका के बारे में पूछा। सुनैना ने बताया कि प्रियंका पिछले सात सालों से उनके बच्चों को ट्यूशन पढ़ा रही थी, लेकिन 14 मार्च के बाद उसने आना बंद कर दिया। जब हमने प्रियंका के परिवार से संपर्क किया, तो पता चला कि वह अचानक लापता हो गई है।

पुलिस ने फिर सुनैना से पूछा कि उसके पति कहां हैं और उन्हें घर बुलाने को कहा। सुनैना ने अपने पति कपिल गुप्ता को फोन किया। कपिल घर आया और पुलिस से वही बातें बताने लगा, जो सुनैना ने बताई थी। लेकिन जब पुलिस ने सवाल किया कि 14 मार्च को उनकी कार राजस्थान में क्या कर रही थी और सीसीटीवी फुटेज की तस्वीरें दिखाई, तो सुनैना घबरा गई। उसने कहा कि वह उस दिन गाड़ी में नहीं थी और पूरे समय घर पर थी।

इसके बाद, पुलिस ने कपिल से गाड़ी के बारे में पूछताछ की। कपिल के जवाब लड़खड़ाने लगे, जिससे पुलिस को यकीन हो गया कि दाल में कुछ काला है। पुलिस ने दोनों पर दबाव बढ़ाया और थोड़ी सख्ती से पूछताछ की। आखिरकार, सुनैना और कपिल टूट गए।

पुलिस ने उनसे पूछा कि उन्होंने प्रियंका का कत्ल क्यों किया। आखिर एक ट्यूशन टीचर से उनकी ऐसी क्या दुश्मनी थी, जिसने उन्हें इतना बड़ा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया? उनके कबूलनामे ने केस को एक नया मोड़ दे दिया।

“प्यार, धोखा और साजिश: कपिल-प्रियंका के रिश्ते की उलझी कहानी”

दिल्ली के कड़कड़डूमा इलाके में रहने वाला 39 वर्षीय कपिल गुप्ता, जो कपड़ों के बिजनेस में था, अपनी पत्नी सुनैना और दो बच्चों के साथ एक खुशहाल जिंदगी जी रहा था। उनकी जिंदगी में तूफान तब आया, जब 20 वर्षीय प्रियंका खतरी, जो कपिल के घर के पास रहती थी, उनके बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगी। प्रियंका और कपिल के बीच बातचीत शुरू हुई और धीरे-धीरे यह बातचीत एक गहरे रिश्ते में बदल गई।

सुनैना अक्सर घर से बाहर रहती थी, जिससे कपिल और प्रियंका का संबंध मजबूत होता गया। प्रियंका को कपिल से उम्र, शादीशुदा होने, और बच्चों के बावजूद प्यार हो गया। कपिल ने पुलिस को बताया कि प्रियंका को अपने बेटे को राखी बांधने के लिए कहा जाता था, ताकि सुनैना को किसी तरह का शक न हो।

प्रियंका की उम्र बढ़ने के साथ, उसके घर वाले उसकी शादी करना चाहते थे, लेकिन वह बार-बार अपने करियर का बहाना बनाकर शादी से बच जाती थी। यहां तक कि उसने अपने पिता द्वारा जबरन कराई गई दो सगाइयों को भी तोड़वा दिया। सगाई टूटने का कारण यह था कि प्रियंका सगाई से पहले लड़कों से कपिल की बात करवा देती थी, और जब उन्हें प्रियंका और कपिल के अफेयर के बारे में पता चलता, तो वे रिश्ता तोड़ देते थे।

प्रियंका के प्यार और शादी की जिद इस कदर बढ़ चुकी थी कि उसने एक बार अपने घर वालों पर दबाव बनाने के लिए जहर तक खा लिया था। इन सात सालों में, कपिल ने प्रियंका पर करीब 10 लाख रुपये खर्च किए। प्रियंका महंगी दवाइयों और इंजेक्शंस से खुद को खूबसूरत बनाए रखना चाहती थी, और यह सारा खर्च कपिल ही उठाता था।

समस्या तब और बढ़ी जब प्रियंका ने कपिल पर शादी का दबाव डालना शुरू कर दिया। वह जानती थी कि कपिल शादीशुदा है और उससे शादी नहीं कर सकता। लेकिन प्रियंका को यकीन हो गया था कि सुनैना के रहते हुए कपिल कभी उससे शादी नहीं करेगा।

एक दिन, प्रियंका ने कपिल से कहा, “जब तक तुम्हारी पत्नी जिंदा है, तुम मुझसे शादी नहीं करोगे। लेकिन अगर हम दोनों मिलकर सुनैना को रास्ते से हटा दें, तो फिर हम आराम से शादी कर सकते हैं।”

इस साजिश ने एक गहरी और खतरनाक मोड़ ले लिया, जिसने कपिल और प्रियंका के रिश्ते को प्यार से अपराध की तरफ धकेल दिया।

“धमकी से हत्या तक: एक प्रेम कहानी का भयावह मोड़”

प्रियंका की धमकी ने कपिल को पूरी तरह से हिला दिया। प्रियंका ने साफ तौर पर कहा, “अगर तुम मुझसे शादी नहीं करते, तो मैं हमारे रिश्ते के बारे में सबको बता दूंगी।” कपिल ने बहुत समझाने की कोशिश की, लेकिन प्रियंका नहीं मानी। इस बहस का परिणाम इतना खतरनाक हो गया कि प्रियंका ने कपिल को ₹50 लाख देने की शर्त रख दी। प्रियंका ने कहा कि अगर कपिल ₹50 लाख नहीं देता, तो वह सबको उनके रिश्ते के बारे में बता देगी।

कपिल ने प्रियंका को ₹50 लाख देने की बात कबूल की, लेकिन उसके सामने अब दो रास्ते थे: या तो वह अपनी प्रेमिका को ₹50 लाख दे देता, या फिर अपनी पत्नी को मारकर प्रियंका से शादी कर लेता। लेकिन कपिल ने एक तीसरा रास्ता अपनाया। उसने अपनी पत्नी सुनैना को सब कुछ बता दिया और उससे माफी मांगी। सुनैना ने कपिल को माफ कर दिया और उसके सामने एक नया रास्ता रखा।

सुनैना ने कहा, “अगर तुम प्रियंका को ₹50 लाख भी दे देते हो, तो वह तुम्हें फिर से ब्लैकमेल करने लगेगी। इसलिए सबसे अच्छा रास्ता यही है कि तुम प्रियंका को हमेशा के लिए रास्ते से हटा दो।” कपिल को अपनी पत्नी का यह विचार बहुत अच्छा लगा। अब प्रियंका को खत्म करने का प्लान तैयार हो गया। कपिल और सुनैना ने मिलकर प्रियंका को मारने का मन बना लिया।

कपिल ने इस खतरनाक साजिश में अपने दो नौकरों, राज किशोर और सचिन, को भी शामिल किया। 14 मार्च 2022 को कपिल ने दोनों नौकरों को शराब पिलानी शुरू कर दी, ताकि वे कत्ल करने से डरकर पीछे न हट जाएं। यह सब कपिल के लिए एक नया कदम था, क्योंकि वह जानता था कि राज किशोर और सचिन ने इससे पहले कभी कोई हत्या नहीं की थी।

अब कपिल और उसकी पत्नी सुनैना के सामने एक खतरनाक खेल था, जिसमें प्रियंका की जान खतरे में थी।

“प्रियंका की हत्या: एक गाड़ी के अंदर का दर्दनाक सच”

कपिल और उसके दो नौकरों ने प्रियंका को एक खौ़फनाक साजिश के तहत फंसाया। दोपहर के समय, कपिल ने प्रियंका को फोन कर बुलाया और कहा कि उसे कुछ जरूरी काम है। प्रियंका ने अपनी मां से झूठ बोला कि वह एटीएम से पैसे निकालने जा रही है, लेकिन असल में वह सीधे कपिल के पास चली गई। कपिल ने प्रियंका को गाड़ी में बैठने के लिए कहा, और प्रियंका गाड़ी के ड्राइवर के पास वाली सीट पर बैठ गई।

गाड़ी में बैठते ही वह चल पड़ी और कपिल ने प्रियंका से कहा कि वे लोग घूमने जा रहे हैं। कपिल ने जानबूझकर गाड़ी की गति धीमी रखी, ताकि वह राजस्थान पहुंचने से पहले शाम हो जाए। जैसे ही कपिल को लगा कि अब रोड पर आवाजाही कम हो गई है, उसने गाड़ी में भजन लगा दिए और वॉल्यूम तेज कर दिया, ताकि प्रियंका के चीखने-चिल्लाने की आवाज बाहर न जाए।

फिर, जैसे ही कपिल ने इशारा किया, दोनों नौकरों ने प्रियंका पर हमला कर दिया। प्रियंका ने विरोध किया, चीखा, लेकिन दोनों नौकरों ने उसे बुरी तरह दबोच लिया। प्रियंका का गला दबाया गया, और जल्द ही उसकी जान चली गई।

अब, कपिल और उसके नौकरों ने प्रियंका के शव को प्लास्टिक के बोरे में पैक किया और एक सुनसान जगह की तलाश शुरू कर दी। वे एक पुलिया के पास पहुंचे, जो बिल्कुल खाली और सुनसान थी। वहां उन्होंने प्रियंका के शव को बोरे में डालकर पुलिया के नीचे फेंक दिया।

फिर, भूखे और थके हुए, वे एक रेस्टोरेंट में गए और खाना खाया। इसके बाद, उन्होंने गाड़ी से वही रोड पर कई चक्कर लगाए, ताकि यह लगे कि वे घूमने के लिए निकले थे। लेकिन उनका यह कदम उनके खिलाफ गया। एक होटल के गार्ड ने उनकी गाड़ी को संदिग्ध माना, क्योंकि उन्होंने उसी रास्ते पर कई बार चक्कर लगाए थे। इस छोटी सी बात ने पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग दिया, जो आगे जाकर प्रियंका के कत्ल की सच्चाई तक पहुंचाने में मददगार साबित हुई।

सुनैना और कपिल की हत्या की साजिश: न्याय का सामना”

इस हत्या की साजिश ने पुलिस को अहम सुराग उस होटल के गार्ड से मिला, जिसने गाड़ी को संदिग्ध देखा था। अगर यह गार्ड गाड़ी पर नजर नहीं रखता, तो पुलिस को इस मामले को सुलझाने में और अधिक समय लग सकता था। यह सुराग ही था, जिसने पुलिस को सही दिशा में मार्गदर्शन किया और मामले को सुलझाने में मदद की।

पुलिस ने सुनैना गुप्ता, कपिल गुप्ता, राज किशोर और सचिन को गिरफ्तार कर लिया। सुनैना और कपिल के बयान और सबूतों के आधार पर पुलिस ने चार्जशीट तैयार की और उन्हें अदालत में पेश किया। अब वे सभी जेल में हैं और कानून के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई चल रही है।

सुनैना और कपिल के दोनों बच्चे अब अपने दादा-दादी के पास रह रहे हैं, क्योंकि उनके माता-पिता की जिंदगी अब जेल में ही गुजरेगी।

इस घटना का उद्देश्य सिर्फ एक संदेश देना है कि किसी भी रिश्ते में धोखा और छल से बचना चाहिए, और यह भी कि ऐसे अपराधों के खिलाफ हमें जागरूक रहना चाहिए। यह कहानी हमें बताती है कि गलत फैसले और जिद के चलते कैसे एक परिवार का जीवन बर्बाद हो सकता है।

आपकी इस बारे में क्या राय है? कृपया कमेंट बॉक्स में बताएं।

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