सीरियल किलर राहुल जाट – भारतीय रेलवे की डरावनी कहानी 25 दिनों में 6 कत्ल – Hindi Crime Story

मुस्कान की अनहोनी: सुनसान रास्ते की भयावह घटना

गुजरात के वलसाड जिले के पर्डी तालुका के पास रहने वाली मुस्कान, बीकॉम सेकंड ईयर की 19 वर्षीय छात्रा थी। 14 नवंबर 2022 की शाम, जब मुस्कान ट्यूशन खत्म करके घर लौट रही थी, तो उसे रेलवे ट्रैक से होकर गुजरना पड़ा, क्योंकि उसका घर मोतीवाड़ा फाटक के पास था। इस रास्ते में घने पेड़ और झाड़ियां थीं, जो माहौल को और भी सुनसान और सन्नाटे भरा बना देती थीं। उस शाम भी मुस्कान कोचिंग सेंटर से लौटते हुए इसी ट्रैक से गुजर रही थी, लेकिन उसे यह अहसास नहीं था कि कोई उसका पीछा कर रहा है। जैसे ही वह सुनसान जगह पर पहुंची, अचानक पीछे से एक अज्ञात व्यक्ति ने उसे जोर से धक्का दिया, जिससे वह मुंह के बल जमीन पर गिर पड़ी। इससे पहले कि मुस्कान कुछ समझ पाती, वह व्यक्ति उसे झाड़ियों में खींच ले गया।

Rahul Jaat Serial Killer Crime Story
Rahul Jaat Serial Killer Crime Story

परिवार का इंतजार और दुखद सच्चाई का सामना

घर पर मुस्कान के परिजन उसका बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, क्योंकि हर दिन ट्यूशन खत्म होने के 10-15 मिनट के भीतर वह घर लौट आती थी। लेकिन उस दिन समय बीतता गया, और कई घंटे गुजरने के बाद चिंता बढ़ने लगी। परेशान घर वाले मुस्कान को ढूंढने के लिए निकल पड़े, क्योंकि उन्हें पता था कि कोचिंग सेंटर से घर आने का रास्ता रेलवे ट्रैक से होकर गुजरता है।

मुस्कान की तलाश में वे उसी ट्रैक पर आगे बढ़ने लगे। जैसे ही वे लोग उदवाड़ा रेलवे स्टेशन से करीब 100 मीटर पहले उस सुनसान जगह पर पहुंचे, उनमें से एक व्यक्ति की नजर झाड़ियों के पीछे पड़ी किसी लड़की पर गई। पास जाकर देखने पर उनके होश उड़ गए। वह लड़की कोई और नहीं, बल्कि उनकी अपनी मुस्कान थी। परिवार के लोग स्तब्ध रह गए जब उन्होंने देखा कि मुस्कान के शरीर पर कपड़े नहीं थे।

उनमें से एक व्यक्ति ने तुरंत उसे कपड़े से ढका और उसकी सांसों की जांच की। पर यह जानकर दिल दहल गया कि मुस्कान की सांसें थम चुकी थीं। उन्हें एहसास हुआ कि उनकी बेटी के साथ पहले घिनौना कृत्य हुआ और फिर उसकी हत्या कर दी गई। अपनी बेटी की ऐसी हालत देखकर परिवार फूट-फूटकर रोने लगा।

उनकी चीख-पुकार सुनकर आसपास से गुजरने वाले लोग भी वहां इकट्ठा होने लगे, और थोड़ी ही देर में घटना स्थल पर भीड़ जुट गई। परिवार ने मुस्कान को तुरंत अस्पताल ले जाया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद वे पुलिस स्टेशन पहुंचे और अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। वलसाड पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी।

पुलिस की तफ्तीश: सुराग की तलाश और मुश्किलें

वलसाड पुलिस सबसे पहले घटना स्थल पर पहुंची और जांच शुरू की। मौके से उन्हें मुस्कान के फटे हुए कपड़े और स्कूल बैग मिले। लेकिन इसके अलावा, पुलिस को वहां एक सफेद रंग की शर्ट और एक काले रंग का बैग भी मिला। जब लड़की के परिजनों ने स्पष्ट किया कि यह बैग और शर्ट उनकी बेटी के नहीं थे, तो पुलिस ने बैग खोलकर देखा। बैग में तीन जर्सी, दो हाफ पैंट और एक मोबाइल चार्जर रखा हुआ था।

इन वस्तुओं से पुलिस ने अनुमान लगाया कि ये बैग और कपड़े उसी व्यक्ति के हैं, जिसने इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया। बैग और कपड़ों से यह भी स्पष्ट हो गया कि आरोपी स्थानीय नहीं, बल्कि बाहर का रहने वाला था। चूंकि यह घटना रेलवे स्टेशन के पास हुई थी, पुलिस ने अंदाजा लगाया कि आरोपी ट्रेन से आया होगा और वारदात के बाद या तो वह ट्रेन का इंतजार कर रहा होगा या फरार हो चुका होगा।

इस संभावना को ध्यान में रखते हुए पुलिस तुरंत उदवाड़ा रेलवे स्टेशन पहुंची, जहां उन्हें उम्मीद थी कि आरोपी सीसीटीवी कैमरे में नजर आएगा। लेकिन पुलिस को झटका तब लगा, जब पता चला कि उदवाड़ा रेलवे स्टेशन पर एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं था।

इसी बीच, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि मौत से पहले और बाद में भी मुस्कान के साथ दुष्कर्म किया गया था। अब यह पता लगाना मुश्किल हो गया था कि आरोपी किस समय, किस ट्रेन से गया और कहां पहुंचा। बिना आईडी प्रूफ के आरोपी की पहचान करना चुनौतीपूर्ण था।

हालांकि, पुलिस को यकीन था कि वह व्यक्ति इस इलाके से फरार हो चुका है। इस शक के आधार पर वलसाड पुलिस ने तुरंत कई टीमें बनाई और उदवाड़ा रेलवे स्टेशन के आगे और पीछे के सभी स्टेशनों के सीसीटीवी कैमरे खंगालने शुरू कर दिए। लेकिन घटना के समय बीत जाने के कारण आरोपी का सुराग मिलना मुश्किल लग रहा था। पुलिस को यह भी संदेह था कि अगर आरोपी दूर के राज्य से आया था, तो वह आसपास के किसी स्टेशन पर उतरकर छिप गया हो सकता है।

सीसीटीवी से सुराग और आरोपी की तलाश

पुलिस ने अपनी जांच जारी रखी, और आखिरकार वलसाड पुलिस की मेहनत रंग लाई। उदवाड़ा रेलवे स्टेशन से पहले के एक स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरे में एक व्यक्ति दिखाई दिया। हालांकि उसका चेहरा पहचान पाना संभव नहीं था, लेकिन पुलिस फुटेज देखकर चौंक गई। उस व्यक्ति ने वही सफेद शर्ट पहन रखी थी, जो घटना स्थल पर मिले बैग से बरामद हुई थी, और उसकी पीठ पर वही काला बैग भी लटका हुआ था। सबसे अलग बात यह थी कि वह व्यक्ति लंगड़ाते हुए चल रहा था।

इस सीसीटीवी फुटेज से पुलिस ने आरोपी की पहचान तो कर ली, लेकिन वह अब भी पकड़ से बाहर था। आगे के सीसीटीवी कैमरों की जांच से पता चला कि वह व्यक्ति मुंबई जाने वाली ट्रेन में चढ़ा था। इसके बाद पुलिस ने मुंबई रूट पर पड़ने वाले सभी रेलवे स्टेशनों के सीसीटीवी कैमरों की जांच करने का निर्णय लिया।

जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि वह व्यक्ति वापी स्टेशन पर मुंबई जाने वाली ट्रेन में सवार हुआ था। पुलिस समझ चुकी थी कि आरोपी बार-बार अपनी लोकेशन बदल रहा है, जिससे उसे पकड़ना मुश्किल हो रहा था। लेकिन यह राहत की बात थी कि वह लगातार ट्रेन से सफर कर रहा था, जिससे उसकी लोकेशन का पता लगाया जा सकता था।

पुलिस ने पाया कि वह व्यक्ति वापी से मुंबई पहुंचा और फिर मुंबई के दादर रेलवे स्टेशन पर देखा गया। लेकिन अचानक वह वहां से गायब हो गया और उसके बाद किसी भी सीसीटीवी फुटेज में नजर नहीं आया। इस तरह, पुलिस के हाथ एक बार फिर खाली रह गए, और आरोपी की तलाश अब भी जारी थी।

पुलिस की जिद और बड़ी कामयाबी

पुलिस ने हार नहीं मानी और जांच को नई दिशा में आगे बढ़ाया। एक टीम ने गुजरात की सभी जेलों से हाल ही में जमानत पर रिहा हुए कैदियों का रिकॉर्ड खंगालना शुरू किया। रिहा किए गए कैदियों की तस्वीरों को सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे व्यक्ति से मिलाने की कोशिश की गई, लेकिन कोई फोटो मैच नहीं हुई। इसके बाद पुलिस ने उस तस्वीर को सभी राज्यों में भेज दिया। दूसरे राज्यों की पुलिस ने भी अपने-अपने जेल रिकॉर्ड्स की जांच शुरू कर दी।

तभी पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली। राजस्थान के जोधपुर शहर की जेल से हाल ही में रिहा हुए एक कैदी का चेहरा सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे व्यक्ति से मेल खा गया। यह कैदी मई 2022 में जेल से रिहा हुआ था, और उस पर ट्रक चोरी का आरोप था। जब पुलिस ने उसकी पहचान की, तो पता चला कि उसका नाम राहुल जाट है, जो हरियाणा के रोहतक का निवासी है।

इस अहम जानकारी के बाद, पुलिस ने बिना समय गंवाए राहुल के घर रोहतक में दबिश दी। लेकिन राहुल वहां नहीं मिला। पूछताछ में पता चला कि वह अक्सर लड़ाई-झगड़ों में लिप्त रहता था और चोरी के आरोप में कई बार जेल जा चुका था। उसकी हरकतों से तंग आकर परिवार ने उसे घर से निकाल दिया था, और तब से राहुल कभी घर नहीं लौटा।

इस जानकारी के साथ, पुलिस की जांच एक बार फिर मुंबई पर आकर ठहर गई, क्योंकि राहुल को आखिरी बार मुंबई के दादर रेलवे स्टेशन पर देखा गया था। पुलिस ने उसे ढूंढने की हर संभव कोशिश शुरू कर दी। हर दिशा में मुखबिरों का जाल फैला दिया गया था, ताकि राहुल की कोई भी सूचना मिल सके।

10 दिन की तलाश का अंत: राहुल की गिरफ्तारी

हर रेलवे स्टेशन की पुलिस और वहां काम करने वाले कर्मचारियों को राहुल की तस्वीरें पहले ही भेजी जा चुकी थीं। इसी दौरान, मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर काम कर रहे एक फेरीवाले की नजर एक व्यक्ति पर पड़ी, जो लंगड़ाकर चल रहा था। शक होने पर उसने अपने मोबाइल में पुलिस द्वारा भेजी गई राहुल की तस्वीर देखी और पूरा यकीन हो गया कि यह वही दरिंदा है जिसे पुलिस ढूंढ रही है। फेरीवाले ने तुरंत रेलवे पुलिस को सूचित किया कि राहुल बांद्रा से भुज जाने वाली ट्रेन में बैठकर भाग रहा है।

लेकिन जब तक पुलिस स्टेशन पर पहुंची, तब तक ट्रेन बांद्रा से निकल चुकी थी। इसके बाद, बांद्रा रेलवे पुलिस ने तुरंत गुजरात की वलसाड पुलिस को सूचना दी कि राहुल गुजरात की ओर जा रहा है। वलसाड पुलिस ने तुरंत वापी रेलवे स्टेशन की पुलिस को अलर्ट किया, क्योंकि वह ट्रेन वापी स्टेशन पर रुकने वाली थी।

जैसे ही ट्रेन वापी रेलवे स्टेशन पर पहुंची, सादी वर्दी में तैनात पुलिसकर्मी तुरंत ट्रेन के भीतर घुस गए। राहुल, जो पुलिस को पहचानने में नाकाम रहा, उनके लिए एक आसान शिकार बन गया। जिस आरोपी की पुलिस पिछले 10 दिनों से तलाश कर रही थी, जिसके लिए करीब 2000 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई थी, और जिसके लिए देशभर की जेलों की जांच की गई थी—आज वह पुलिस के सामने था।

वलसाड पुलिस ने राहुल को वापी रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया और उसे पुलिस स्टेशन ले जाया गया। वहां उससे सख्ती से पूछताछ की गई, ताकि इस जघन्य अपराध से जुड़ी हर कड़ी को जोड़कर सच्चाई सामने लाई जा सके।

पूछताछ में राहुल का हैवानियत भरा कबूलनामा

राहुल जाट से पूछताछ के दौरान एक दिल दहला देने वाली कहानी सामने आई। उसने बताया कि कुछ दिन पहले वह वापी शहर के एक ढाबे में काम करता था। घटना वाले दिन, 14 नवंबर 2022, वह अपने बकाया पैसे लेने के लिए ढाबे के मालिक के पास आया था। पैसे लेने के बाद, वह वापसी के लिए उदवाड़ा रेलवे स्टेशन पर दूसरी ट्रेन का इंतजार कर रहा था।

इसी दौरान, उसने ट्यूशन से घर लौट रही बीकॉम सेकंड ईयर की छात्रा को देखा। शाम ढल चुकी थी और अंधेरा गहराने लगा था। लड़की को अकेले जाते देखकर, राहुल ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया। उसने बताया कि लगभग 100 मीटर तक लड़की का पीछा करने के बाद, जब वह सुनसान रेलवे ट्रैक पर पहुंची, तो उसने पीछे से आकर लड़की को दबोच लिया।

राहुल ने लड़की का मुंह दबाकर उसे झाड़ियों में खींच लिया और धमकी दी कि अगर उसने शोर मचाया, तो वह उसे जान से मार देगा। इसके बाद, उसने उस मासूम लड़की के साथ दुष्कर्म किया। अपनी हैवानियत के बाद, उसने गला घोंटकर लड़की को मौत के घाट उतार दिया।

राहुल यहीं नहीं रुका। उसने बताया कि वारदात के बाद वह थोड़ी देर वहीं बैठकर आराम करता रहा। आराम करने के बाद, उसने मृत लड़की के साथ फिर से दुष्कर्म किया। इस दौरान, उसे प्यास लगी। उसने अपनी शर्ट उतार दी थी और उसका बैग भी वहीं पड़ा था। चूंकि वह जगह सुनसान थी और आसपास कोई नहीं था, इसलिए वह केवल गमछा पहनकर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर पहुंचा।

वहां से उसने एक जूस और दूध का पैकेट खरीदा और पीने के बाद वापस झाड़ियों में लौट आया। उसके मन में एक बार फिर दुष्कर्म करने का ख्याल था, और वह अपनी दरिंदगी को दोहराने के लिए लौट आया। उसकी इस क्रूरता और निर्लज्जता ने पुलिस अधिकारियों को भी झकझोर कर रख दिया।

एक सीरियल किलर की खौफनाक कबूलनामा

राहुल जाट की दरिंदगी का अंत वहां नहीं हुआ। उसने पुलिस को जो बताया, वह और भी भयावह था। जब वह वापस घटना स्थल पर लौटकर आया, तो उसने देखा कि वहां भारी भीड़ इकट्ठा हो चुकी थी। मुस्कान के घरवाले, जो उसकी तलाश में निकले थे, मौके पर पहुंच गए थे, और उनके आने से घटना सार्वजनिक हो गई थी। राहुल दूर खड़ा इस भीड़ को देखता रहा। उसे तुरंत समझ आ गया कि उसकी करतूत सामने आ चुकी है। घबराकर वह तुरंत प्लेटफॉर्म पर वापस लौटा और जैसे ही ट्रेन आई, वह उसमें सवार होकर फरार हो गया।

हालांकि, राहुल वहां से भाग निकला, लेकिन उसकी शर्ट और बैग मौके पर ही छूट गए, जिससे उसकी पहचान हुई। पुलिस ने जब राहुल से और गहराई से पूछताछ की, तो उसने एक ऐसी कहानी सुनाई जिसने सभी को सन्न कर दिया। उसने कबूल किया कि मुस्कान उसकी पहली शिकार नहीं थी। उसने केवल 25 दिनों के भीतर पांच और कत्ल किए थे, और कुल मिलाकर वह अब तक छह लोगों की जान ले चुका था।

राहुल ने बताया कि उसकी वारदातों का तरीका हमेशा एक जैसा था। वह पहले लड़कियों के साथ जबरदस्ती करता, फिर उन्हें मार डालता और कई बार उनकी लाशों के साथ भी दरिंदगी करता। उसने स्वीकार किया कि मुस्कान के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद वह ट्रेन से वापी गया, फिर मुंबई, और वहां से हावड़ा पहुंचा।

हावड़ा में, 19 नवंबर को, उसने एक महिला के साथ बलात्कार किया और फिर उसकी हत्या कर दी। महिला की लाश एक ट्रेन की बोगी में पाई गई। इसके बाद राहुल आंध्र प्रदेश पहुंचा, जहां उसने एक रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में एक और महिला की जान ली। सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर, वह पुणे से कन्याकुमारी जाने वाली ट्रेन में चढ़ा और वहां भी उसने एक महिला के साथ दुष्कर्म कर उसे मार डाला।

राहुल ने खुलासा किया कि उसका पहला कत्ल 8 जून 2024 को हुआ था, जब उसने ट्रेन में एक शख्स की हत्या की थी। इसके बाद 20 अक्टूबर को उसने दूसरी हत्या की और चार दिन बाद, 25 अक्टूबर को, तीसरी। 14 नवंबर को मुस्कान उसकी चौथी शिकार बनी, लेकिन यह पहली बार था जब उसने ट्रेन के बाहर किसी को निशाना बनाया।

राहुल का आतंक यहीं नहीं रुका। 19 नवंबर को उसने कटिहार एक्सप्रेस में एक 63 वर्षीय बुजुर्ग को चाकू मारकर लूट लिया और उसकी हत्या कर दी। गिरफ्तारी से एक दिन पहले भी उसने ट्रेन में एक महिला को लूटा और उसकी जान ले ली।

राहुल की कबूलनामे ने न केवल पुलिस बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। उसकी क्रूरता और हत्याओं की कड़ी ने उसे एक खतरनाक सीरियल किलर के रूप में उजागर कर दिया, जिसने रेलवे को अपने अपराध का अड्डा बना रखा था।

विकलांगता से अपराध तक: राहुल जाट की हैरान कर देने वाली कहानी

राहुल जाट की कहानी केवल अपराध की नहीं, बल्कि एक विकृत मानसिकता की भी है, जो बचपन के अनुभवों से जन्मी थी। पुलिस की पूछताछ में राहुल ने जो बातें बताईं, वे किसी को भी सोचने पर मजबूर कर सकती हैं। उसने कबूल किया कि वह उन लोगों को ही निशाना बनाता था, जो उसका मुकाबला नहीं कर सकते थे। उसकी हत्या की अधिकांश शिकार विकलांग व्यक्ति थे—सिवाय मुस्कान के, जो उसका एकमात्र शिकार थी, जो शारीरिक रूप से सक्षम थी।

जब पुलिस ने उससे पूछा कि वह ऐसा क्यों करता है, तो राहुल ने अपने बचपन की घटनाओं का जिक्र किया। उसने बताया कि उसे बचपन में पोलियो हो गया था, जिसकी वजह से उसका बायां पैर ठीक से काम नहीं करता था। इस वजह से वह लंगड़ा कर चलता था। स्कूल में बच्चे उसे चिढ़ाते थे और उसका मजाक उड़ाते थे। उसने बताया कि वह पढ़ाई में कमजोर था और बार-बार अपमानित होने के कारण उसने पांचवीं क्लास के बाद पढ़ाई छोड़ दी।

राहुल का सपना था कि वह अपने पिता की तरह ट्रक ड्राइवर बने। लेकिन उसकी विकलांगता के कारण यह सपना अधूरा रह गया। यह अधूरी ख्वाहिश उसकी जिंदगी में गुस्से और नफरत का कारण बन गई। उसने गुस्से में ट्रक चोरी करना शुरू किया और कई बार जेल भी गया। जेल जाना उसकी जिंदगी का हिस्सा बन चुका था, लेकिन बचपन के अनुभव उसे चैन से जीने नहीं देते थे।

राहुल ने पुलिस को बताया कि उसकी विकलांगता का कारण उसके गुस्से की जड़ थी। वह खुद को चोट नहीं पहुंचा सकता था, इसलिए उसने अन्य विकलांग लोगों पर अपना गुस्सा निकालना शुरू कर दिया। उसे लगता था कि लोग अभी भी उसे उसके लंगड़ाने की वजह से ताने मारते हैं। उसने अपना गुस्सा समाज और उन लोगों पर निकाला, जो शारीरिक रूप से कमजोर थे।

एक चूक से बचा जाता बड़ा नुकसान

पुलिस का कहना है कि अगर वह फेरी वाला समय पर पुलिस को सूचित नहीं करता, तो राहुल को पकड़ने में काफी समय लग जाता। इस दौरान वह और भी निर्दोष लोगों को अपना शिकार बना सकता था। राहुल के दिए गए बयान और मिले हुए सबूतों के आधार पर पुलिस ने चार्जशीट तैयार की और उसे कोर्ट में पेश किया।

इस घटना का उद्देश्य किसी को डराना या दुखी करना नहीं है, बल्कि आपको सचेत और जागरूक करना है। यह घटना दिखाती है कि कैसे मानसिक और भावनात्मक आघात किसी इंसान को अपराध के रास्ते पर ले जा सकते हैं।

आप इस घटना के बारे में क्या सोचते हैं? अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर साझा करें।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top