मां, मामा और एक खतरनाक प्लान – मंदिर के बहाने बुलाया, रास्ते में दी मौत – Hindi Crime Story

सड़क किनारे खड़ी कार और खौफनाक मंजर

यह घटना राजस्थान के करौली जिले के मासलपुर थाना क्षेत्र के भोजपुर गांव की है। 30 अक्टूबर 2024 की सुबह करीब 9 बजे गांव से कुछ दूर, एक सुनसान जगह पर सड़क किनारे एक कार खड़ी मिली। उस समय लोग खेतों की ओर आ-जा रहे थे। कुछ लोगों की नजर कार पर पड़ी, लेकिन किसी ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और अपने-अपने काम में लग गए।

काफी समय बीत जाने के बाद भी कार वहीं खड़ी रही, जिससे लोगों को शक हुआ। उन्होंने पास जाकर देखने का फैसला किया। जैसे ही वे कार के करीब पहुंचे, उनके दिल की धड़कन तेज हो गई क्योंकि कार के बाहर खून के धब्बे साफ दिख रहे थे, जो सूख चुके थे।

हिम्मत जुटाकर जब उन्होंने कार के अंदर झांका, तो उनकी आंखें फटी रह गईं। ड्राइविंग सीट पर एक युवक बैठा था, जिसका सिर स्टेयरिंग पर झुका हुआ था और उसके कपड़े खून से सने थे। डर के मारे कांपते हुए जब लोगों ने पीछे की सीट पर नजर डाली, तो उनके होश उड़ गए। वहां एक लड़की की लाश पड़ी थी।

इस खौफनाक मंजर को देखकर लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दे दी।

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कार में मिली लाशें और बढ़ता रहस्य

पुलिस को सूचना मिलते ही वह मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। कार के अंदर जो लाशें मिली थीं, उनमें से एक को गोली मारी गई थी। तब तक वहां भीड़ भी इकट्ठा हो चुकी थी। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही थी कि ये लाशें किसकी हैं और इन्हें क्यों मारा गया, लेकिन कोई सुराग नहीं मिल रहा था। आसपास के लोगों से पूछताछ की गई, मगर कोई जानकारी हाथ नहीं लगी।

जब पुलिस ने कार की तलाशी ली, तो डैशबोर्ड से गाड़ी के कागजात मिले, जिनमें कार की आरसी और बीमा के दस्तावेज थे। साथ ही, कार में एक प्रसाद का डिब्बा भी रखा हुआ था। कागजात से पता चला कि यह कार राम बण नाम के व्यक्ति की थी, जो धौलपुर का रहने वाला था।

इस जानकारी के बाद पुलिस ने दोनों लाशों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और एक टीम राम बण को तलाशने के लिए निकल पड़ी। जब पुलिस उसके घर पहुंची, तो वह वहीं मिला। पूछताछ में उसने बताया कि यह कार उसका भांजा विकास लेकर गया था, जो अपनी पत्नी दीक्षा के साथ करौली माता के दर्शन करने निकला था।

अब पुलिस के लिए मामला और उलझ गया, क्योंकि जिन दो लाशों की पहचान नहीं हो रही थी, वे दरअसल विकास और उसकी पत्नी दीक्षा की थीं। जब पुलिस ने यह खबर विकास के घरवालों को दी, तो घर में मातम छा गया। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही था कि अगर दोनों मंदिर दर्शन के लिए गए थे, तो उनकी हत्या किसने और क्यों की?

पुलिस ने घरवालों से पूछताछ की, लेकिन न तो किसी को किसी पर शक था और न ही परिवार में किसी दुश्मनी की बात सामने आई। जांच अभी भी जारी थी, लेकिन रहस्य गहराता जा रहा था।

मां की साजिश और चौंकाने वाला सच

पुलिस अब इस दोहरे हत्याकांड के पीछे की सच्चाई जानने के लिए और सुराग ढूंढ रही थी। पूछताछ में पता चला कि विकास और दीक्षा की शादी को सिर्फ 10 महीने हुए थे, और दोनों काफी खुश थे। लेकिन पुलिस को यहां से कोई ठोस जानकारी नहीं मिली, इसलिए उन्होंने करौली माता मंदिर से जांच शुरू करने का फैसला किया। साथ ही, विकास और दीक्षा के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली गई और 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए।

सीसीटीवी फुटेज में एक युवक दिखाई दिया, जो विकास और दीक्षा के साथ था। जांच में पता चला कि यह युवक धौलपुर के ईट गांव का रहने वाला चमन खान था। परिवारवालों ने बताया कि चमन पिछले तीन-चार दिनों से उनके घर पर रह रहा था और विकास को कार चलाना सिखा रहा था।

पुलिस ने चमन को हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू की। शुरुआत में वह इधर-उधर की बातें करता रहा और सही जवाब नहीं दे रहा था। लेकिन जब पुलिस ने सख्ती दिखाई, तो वह टूट गया और जो सच बताया, वह हैरान करने वाला था। चमन ने कबूल किया कि उसने और विकास के मामा राम बण ने मिलकर दोनों की हत्या की थी।

इसके बाद पुलिस ने राम बण को भी हिरासत में ले लिया। जब उससे सख्ती से पूछताछ हुई, तो उसने बताया कि उसने ही अपने भांजे और उसकी पत्नी को गोली मारी थी। लेकिन उसकी उनसे कोई दुश्मनी नहीं थी और न ही उसे कोई फायदा था। उसने यह सब सिर्फ अपनी बहन की बात मानने के लिए किया था।

राम बण ने बताया कि विकास की मां ललिता ने ही उसे यह करने के लिए कहा था। यह खुलासा होते ही करौली पुलिस ने अछनेरा के गांव सांता में दबिश डालकर ललिता को गिरफ्तार कर लिया। जब यह खबर गांव में फैली कि एक मां ने ही अपने बेटे और बहू की हत्या करवा दी, तो लोग यकीन नहीं कर पा रहे थे। लेकिन जब हत्या की असली वजह सामने आई, तो सबके होश उड़ गए। कोई सोच भी नहीं सकता था कि एक मां इतनी बेरहम हो सकती है कि अपने ही बेटे और बहू की जान लेने की साजिश रचे।

हैरान करने वाली वजह: जब मां ने खुद बेटे-बहू की हत्या की साजिश रची

पुलिस ने जब ललिता से पूछताछ की, तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। लेकिन जो कहानी उसने बताई, वह इतनी अजीब थी कि पुलिस भी यकीन नहीं कर पा रही थी।

ललिता ने बताया कि उसका बेटा विकास अछनेरा के गांव सांता में अपने परिवार के साथ रहता था। शादी से पहले ही वह रंगीन मिजाज का था और कई लड़कियों से उसके संबंध थे। इस वजह से उसके माता-पिता काफी परेशान थे, क्योंकि घर में और भी बच्चे थे, जिन पर इसका बुरा असर पड़ सकता था। उन्होंने कई बार उसे समझाया, लेकिन विकास पर कोई असर नहीं हुआ। आखिरकार, थक हारकर उन्होंने सोचा कि उसकी शादी कर दी जाए, ताकि वह सुधर जाए।

परिवार को उम्मीद थी कि अगर बहू खूबसूरत होगी, तो शायद विकास दूसरी लड़कियों की तरफ ध्यान देना बंद कर देगा। उन्होंने खोजबीन के बाद एक पढ़ी-लिखी और सुंदर लड़की, दीक्षा, को उसके लिए पसंद किया और बिना देर किए फरवरी 2024 में दोनों की शादी कर दी।

शादी के बाद सबकुछ ठीक लग रहा था, लेकिन कुछ महीनों में घरवालों को समझ आ गया कि विकास की आदतें नहीं बदलीं, बल्कि वह पहले से भी ज्यादा अय्याशी करने लगा था। हद तो तब हो गई जब एक दिन उसकी मां ने उसे किसी लड़की के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया। यह देखकर वह चौंक गई और सोचा कि अब यह बात उसकी पत्नी दीक्षा को बता देनी चाहिए, ताकि वह कोई हल निकाल सके।

लेकिन जब ललिता दीक्षा के कमरे में पहुंची, तो जो उसने देखा, उससे उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। दीक्षा भी गांव के एक लड़के के साथ आपत्तिजनक हालत में थी। यह देखकर ललिता को चक्कर आ गया। उसे लगा कि अब इस हालात में कुछ भी ठीक नहीं हो सकता।

यहीं से उसने ठान लिया कि वह अपने बेटे और बहू को रास्ते से हटा देगी। उसे लगा कि अगर दोनों जिंदा रहे, तो घर के बाकी बच्चों पर बुरा असर पड़ेगा। विकास की आदत सुधरने वाली नहीं थी, और जिस बहू को घर लाकर उसे सुधारने की उम्मीद थी, वह खुद गलत राह पर निकल चुकी थी। इसलिए ललिता ने अपने भाई राम बण के साथ मिलकर बेटे और बहू को मारने की साजिश रच डाली।

साजिश का अंजाम: जब मां के शक ने ले ली बेटे-बहू की जान

पिछले दो महीनों से ललिता और उसके भाई राम बण अपने बेटे और बहू को मारने की साजिश रच रहे थे। पहले उन्होंने कई बार एक्सीडेंट या डुबोकर मारने की कोशिश की, लेकिन हर बार उनका प्लान फेल हो गया। जब ये तरीके काम नहीं आए, तो राम बण ने एक नया तरीका अपनाया।

उसने एक सस्ती सैंट्रो कार खरीदी और हत्या के लिए एक पिस्टल का इंतजाम किया। इसके बाद सही जगह तलाशने के लिए रेकी की गई। राम बण ने अपने भांजे को मारने के लिए अपने गाड़ी के ड्राइवर चमन खान को भी इस साजिश में शामिल कर लिया और उसे पैसे का लालच देकर इस काम में मदद करने के लिए तैयार कर लिया।

राम बण और चमन खान ने मिलकर कई सुनसान जगहों की तलाश की, जहां आसानी से दुर्घटना करवाई जा सके। छह दिन बाद राम बण ने अपनी सैंट्रो गाड़ी चमन खान को दी और उसे विकास के गांव सांता भेज दिया। चमन ने एक्सीडेंट से हत्या करने की कोशिश की, लेकिन सही मौका नहीं मिल पाया।

जब बार-बार कोशिश करने के बाद भी प्लान सफल नहीं हो पाया, तो राम बण ने चमन से कहा कि वह विकास और दीक्षा को कैला देवी मंदिर घूमाने के बहाने ले जाए और वह रास्ते में मिल जाएगा।

29 सितंबर को चमन खान विकास और दीक्षा को लेकर कैला देवी के लिए निकला। शाम तक उन्होंने दर्शन कर लिए और फिर रात में चमन उन्हें मासलपुर की ओर लेकर बढ़ने लगा। दूसरी तरफ राम बण भी अपने गांव ईट से निकल पड़ा। उसने अपने साथ एक इको गाड़ी और हथियार ले लिए।

मासलपुर कस्बे से आगे बढ़ने पर राम बण ने अपनी इको गाड़ी रोकी और चमन को बुलाकर उसे कट्टा और कारतूस दिए। उसने चमन से कहा कि वह प्लान के मुताबिक विकास को शूट कर दे। चमन ने विकास को ड्राइवर सीट पर बैठा दिया और खुद आगे वाली सीट पर बैठ गया। लेकिन जब गोली चलाने का समय आया, तो चमन हिम्मत नहीं जुटा पाया।

आखिरकार, भोजपुर गांव के पास पहुंचकर चमन ने बहाना बनाकर गाड़ी रुकवाई और बोनट की तरफ चला गया। तभी राम बण इको गाड़ी से वहां पहुंचा और हथियार लेकर गाड़ी के पास आया। फिर दोनों ने मिलकर विकास और दीक्षा को गोली मार दी और लाशों को कार में छोड़कर अपनी इको गाड़ी से फरार हो गए।

लेकिन पुलिस ने गहन छानबीन की और सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। अब उम्मीद है कि उन्हें उनके अपराध की सजा मिलेगी।

रिश्तों की अहमियत और शक की तबाही

यह पूरी घटना दिखाती है कि पारिवारिक मामलों को सही तरीके से हल ना किया जाए, तो अंजाम कितना भयानक हो सकता है। मां का प्यार अमूल्य होता है, लेकिन जब शक और गुस्सा उस प्यार पर हावी हो जाए, तो विनाश तय होता है।

अब सवाल यह उठता है कि क्या मां ललिता ने जो किया, वह सही था? या फिर कुछ और रास्ते भी हो सकते थे? क्या गुस्से और बदले की आग में उसने ऐसा कर डाला, जो किसी भी हाल में नहीं करना चाहिए था?

इस कहानी का मकसद आपको डराना या दुखी करना नहीं है, बल्कि सतर्क करना है कि रिश्तों में भरोसा और समझदारी बहुत जरूरी है, वरना हालात हाथ से निकल जाते हैं।

आपका इस घटना पर क्या कहना है? अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं।

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