वासना लालच, बेवफाई और रहस्य: एक सनसनीखेज हत्या की कहानी

कुछ शौक या लतें हमारी ज़िंदगी पर ऐसा कब्जा जमा लेती हैं कि हम सबकुछ जानते हुए भी उनके पीछे भागते चले जाते हैं। हमें पता होता है कि इनके नतीजे भयानक हो सकते हैं, लेकिन फिर भी हम हद से आगे बढ़ जाते हैं। आज मैं आपको एक ऐसा ही चौंकाने वाला किस्सा सुनाने जा रहा हूं जो असम के एक छोटे से शहर से सामने आया है। यह कहानी है प्यार, लालच और अनचाहे मोड़ की। तो आइए, शुरुआत करते हैं।

ये कहानी अमर ज्योति डे और बंदना कलिता के लव अफेयर से शुरू होती है। दोनों की मुलाकात हुई और देखते ही देखते उनका रिश्ता गहराने लगा। प्यार इतना परवान चढ़ा कि दोनों ने शादी का फैसला ले लिया। हालांकि, ये फैसला बेहद जल्दबाज़ी में लिया गया था। उनका रिश्ता अभी पूरी तरह पनप भी नहीं पाया था कि शादी के ख्वाब बुन लिए गए।

Crime Story in Hindi
Crime Tak

लेकिन प्यार जब जुनून बन जाए तो कोई रुकावट मायने नहीं रखती। अमर ज्योति और बंदना ने अपने-अपने घरों में इस रिश्ते की बात रखी। अमर ज्योति की मां, शंकरी डे, इस शादी से बिल्कुल खुश नहीं थीं। शंकरी डे सिर्फ एक मां ही नहीं बल्कि गुवाहाटी की नामी अमीर महिला थीं। शहर में उनके चार आलीशान बंगले थे, जिनमें से एक में वो खुद रहती थीं और बाकी तीन से उन्हें अच्छा-खासा किराया आता था।

शंकरी ने शुरुआत में इस शादी का कड़ा विरोध किया। लेकिन कहते हैं न, मां को आखिरकार बच्चों की खुशी के आगे झुकना ही पड़ता है। कई मन-मुटावों के बाद शंकरी ने अपने बेटे की पसंद को अपनाया और शादी के लिए हामी भर दी। अमर ज्योति और बंदना की शादी धूमधाम से हुई, और ज़िंदगी का एक नया अध्याय शुरू हो गया।

शादी के शुरुआती दिन बेहद खुशनुमा थे। अमर ज्योति अपनी प्राइवेट कंपनी की नौकरी में व्यस्त हो गए, वहीं शंकरी अपने किराए के बंगलों से आने वाली कमाई से निश्चिंत थीं। बंदना भी अपनी सास का दिल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ रही थी। वो हर वो काम करती, जो उसकी सास को खुश कर सके। धीरे-धीरे वो शंकरी का विश्वास जीतने में कामयाब हो गई। सास-बहू के रिश्ते में जो खटास थी, वो अब मिठास में बदल चुकी थी।

घर की खुशियां लौट आई थीं। लेकिन कहानी यहां खत्म नहीं होती… क्योंकि किस्मत के पन्नों पर कुछ और ही लिखा था।

एक नई शुरुआत और उभरता बदलाव

शादी के बाद अमर ज्योति की दिनचर्या उसकी नौकरी के इर्द-गिर्द घूमती थी, और इस वजह से बंदना ज़्यादातर समय घर पर अकेली रहती थी। इसे देखते हुए उसकी सास, शंकरी डे, ने उसे सलाह दी कि वह भी कुछ काम शुरू करे ताकि उसका समय सही तरीके से व्यतीत हो। शंकरी ने यह भी कहा कि बंदना के किसी भी नए काम या बिज़नेस के लिए जो भी फाइनेंशियल सपोर्ट चाहिए, वह देने को तैयार हैं।

बंदना के दिमाग में तुरंत एक ख्याल आया—वह जिम ट्रेनर बनना चाहती थी। शादी से पहले भी वह एक प्राइवेट स्कूल में पीटी टीचर थी, इसलिए फिटनेस और ट्रेनिंग का शौक उसके दिल के करीब था। बंदना ने इस सपने को पूरा करने के लिए ट्रेनिंग लेनी शुरू की, जिसका पूरा खर्च उसकी सास, शंकरी डे, ने उठाया। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद शंकरी ने उसे एक जिम खोलने में भी मदद की।

बंदना ने उस जिम में खुद को जिम ट्रेनर के रूप में स्थापित किया और जल्द ही जिम अच्छा चलने लगा। ज़िंदगी सामान्य सी लगने लगी थी—बंदना का सपना पूरा हो चुका था, सास-बहू के बीच सब ठीक था, और परिवार में भी शांति थी। लेकिन अक्सर जब सब कुछ सामान्य दिखता है, तो किस्मत कहीं न कहीं एक तूफान की तैयारी कर रही होती है।

रिश्ते में दरार की शुरुआत
एक दिन अचानक शंकरी डे ने बंदना को किसी भी तरह की आर्थिक मदद देने से इनकार कर दिया। यह इतना बड़ा बदलाव था कि किसी को समझ नहीं आया कि आखिर इसके पीछे वजह क्या थी। इतना ही नहीं, शंकरी ने अपने पुराने घर को छोड़कर गुवाहाटी के जू रोड इलाके के एक अन्य घर में शिफ्ट कर लिया। वह घर नूनमती के घर से सिर्फ 5 किलोमीटर दूर था, लेकिन यह दूरी अब रिश्तों में खटास का प्रतीक बनने वाली थी।

शंकरी के इस फैसले का कारण किसी को समझ नहीं आया। नूनमती वाला घर, जहां बंदना और अमर ज्योति पहले इकट्ठे रहते थे, अब उनके लिए सूना-सूना लगने लगा। हालांकि बंदना के लिए जिम अभी भी उम्मीद की एक किरण थी। वह वहां अपना काम पूरी मेहनत से करती रही, और जिम का कारोबार भी अच्छा चलता रहा।

लेकिन धीरे-धीरे ज़िंदगी फिर एक अजीब मोड़ लेने लगी। वह बदलाव इतना रहस्यमयी था कि किसी को अंदाज़ा भी नहीं था कि आगे क्या होने वाला है। बंदना के जिम की चहल-पहल के बीच कुछ ऐसा हुआ जिसने सभी को सन्न कर दिया।

गुमशुदगी, शक और आरोपों का जाल

कहानी अब एक नए और रहस्यमयी मोड़ पर पहुंच चुकी थी। बंदना अचानक पुलिस स्टेशन पहुंचती है और अपने पति अमर ज्योति और सास शंकरी डे की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराती है। वह पुलिस को बताती है कि दोनों काफी समय से लापता हैं और उनका कहीं कोई सुराग नहीं मिल रहा। बंदना बेहद परेशान दिखती थी और पुलिस को भी लगने लगा कि मामला गंभीर है।

पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर ली और मामले की जांच में जुट गई। लेकिन कुछ दिनों तक कोशिश करने के बावजूद पुलिस को कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा। बंदना बार-बार पुलिस स्टेशन के चक्कर काटती रही, उसकी बेचैनी हर बार बढ़ती ही जा रही थी। पुलिस भी मामले को सुलझाने के लिए जी-जान से जुटी थी, लेकिन किसी भी दिशा में उन्हें कोई लीड नहीं मिल रही थी।

बंदना ने 27 अक्टूबर 2022 को यह मामला दर्ज करवाया था। लेकिन समय बीतता गया, और एक महीने बाद भी पुलिस के हाथ खाली थे। निराश होकर बंदना ने पुलिस से कहा कि अब वह यह केस सीआईडी के हवाले करवाना चाहती है। हालांकि पुलिस ने भरोसा दिलाया कि वे अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहे हैं।

लगभग दो महीने बाद, यह मामला एक सनसनीखेज मोड़ लेता है। दिसंबर 2022 में शंकरी डे के भतीजे, निर्मया डे, पुलिस स्टेशन पहुंचते हैं। निर्मया पुलिस को एक चौंकाने वाली शिकायत दर्ज कराता है—उसका कहना था कि उसकी बुआ, शंकरी डे, और उनके बेटे अमर ज्योति डे को बंदना ने ही अगवा कर रखा है।

इसके अलावा, निर्मया ने पुलिस को एक और हैरान करने वाली बात बताई। उसने कहा कि शंकरी डे के एटीएम कार्ड से लगातार पैसे निकाले जा रहे हैं। यह सुनकर पुलिस के होश उड़ गए। आखिर जो महिला बार-बार पुलिस स्टेशन आकर अपने पति और सास की गुमशुदगी की बात कर रही थी, क्या वही इस पूरे खेल के पीछे थी?

इस नए खुलासे के बाद पुलिस अभी कुछ समझ पाती, तभी बंदना भी पुलिस स्टेशन पहुंच गई। उसने निर्मया डे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। बंदना का दावा था कि उसके सास और पति को निर्मया ने ही अगवा किया है, और जो एटीएम से पैसे निकाले जा रहे हैं, वह काम भी शायद निर्मया का ही है।

अब पुलिस के सामने एक अजीब सी उलझन खड़ी हो गई थी। एक ओर निर्मया का दावा था कि बंदना ही गुनहगार है, और दूसरी ओर बंदना भी उसी पर आरोप मढ़ रही थी। पुलिस को थोड़ा-बहुत सुराग तो मिला था, लेकिन इन आरोप-प्रत्यारोपों के बीच जांच और भी उलझती जा रही थी।

पुलिस के लिए यह मामला अब बेहद पेचीदा हो गया था। जो महिला लगातार पुलिस के पास आकर गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करवा रही थी, क्या वह सचमुच मासूम थी या फिर पूरी साजिश के पीछे उसी का हाथ था? दूसरी तरफ, क्या निर्मया का आरोप महज़ एक गलतफहमी था, या वह किसी और बड़ी सच्चाई की ओर इशारा कर रहा था?

जांच के दौरान पुलिस ने आसपास के सभी एटीएम की सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू किया। कड़ी मेहनत और समय बिताने के बाद आखिरकार पुलिस को एक अहम फुटेज हाथ लगी। यह फुटेज किसी और की नहीं, बल्कि खुद बंदना की थी। इसमें साफ दिख रहा था कि वह अपनी सास शंकरी डे के एटीएम कार्ड से पैसे निकाल रही थी।

सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद पुलिस ने तुरंत बंदना को हिरासत में ले लिया। जब पुलिस ने बंदना से पूछताछ की तो उसने खुद को निर्दोष साबित करने के लिए एक नई कहानी गढ़ दी। बंदना ने कहा कि उसे निर्मया डे पर शक था और चूंकि पुलिस उसकी शिकायत पर कोई ठोस एक्शन नहीं ले रही थी, इसलिए उसने यह सब किया। बंदना का दावा था कि वह ऐसा सिर्फ इसलिए कर रही थी ताकि पुलिस का ध्यान निर्मया की तरफ जाए और उससे सख्ती से पूछताछ की जाए, जिससे असली गुनहगार सामने आ सके।

बंदना की यह सफाई सुनने के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया, लेकिन इस बार पुलिस के दिमाग में शक की गहरी लकीरें खिंच गईं।

पड़ोसियों के बयान और नई चौंकाने वाली जानकारियां

पुलिस ने बंदना की गतिविधियों पर नज़र रखना शुरू किया और उसके पड़ोसियों से पूछताछ की। पड़ोसियों ने पुलिस को जो बताया, उसने मामले को और पेचीदा बना दिया।

  1. गुमशुदगी की जानकारी: पड़ोसियों ने कहा कि उन्हें कभी यह एहसास नहीं हुआ कि बंदना का पति उसके साथ नहीं रह रहा है। उनकी समझ के मुताबिक, बंदना के घर में अक्सर कोई न कोई मर्द मौजूद रहता था।
  2. छत पर जलती लपटें: एक और हैरान करने वाली बात यह थी कि कुछ महीनों पहले पड़ोसियों ने बंदना को अपने घर की छत पर कुछ जलाते हुए देखा था। आग की लपटें बहुत तेज़ थीं, लेकिन पड़ोसियों ने सोचा कि शायद वह कचरा जला रही है। हालांकि, सवाल यह था कि बंदना कचरा छत पर क्यों जला रही थी?

इन बयानों के बाद पुलिस ने बंदना के घर की छत की तलाशी ली। हालांकि, इस बार वहां कुछ भी हाथ नहीं लगा। लेकिन पुलिस के दिमाग में शक और गहरा हो गया। उन्हें लगने लगा कि बंदना कुछ बड़ा छिपा रही है।

पुलिस ने आखिरकार बंदना को दोबारा हिरासत में ले लिया। इस बार यह मामला फरवरी 2023 तक पहुंच चुका था। पुलिस ने बंदना को रिमांड पर लेकर सख्ती से पूछताछ शुरू की। और यहीं से एक खौफनाक सच्चाई सामने आई—एक ऐसी सच्चाई, जिसे शायद किसी ने भी पहले नहीं सोचा था, खासकर तब जब बंदना पहली बार पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करवाने आई थी।

पूछताछ के दौरान यह सामने आया कि बंदना शुरू से ही अमर ज्योति और उसकी मां शंकरी डे की संपत्ति पर नज़र गड़ाए हुए थी। शंकरी डे के पास गुवाहाटी में चार आलीशान बंगले थे और उनकी मासिक आय भी काफी अच्छी थी। अमर ज्योति इस संपत्ति और इनकम के बारे में कुछ नहीं जानता था, लेकिन बंदना के इरादे स्पष्ट थे। वह केवल पैसों के लिए अमर ज्योति के करीब आई थी और उसके साथ शादी की थी।

पैसे और प्रॉपर्टी के लालच में बंदना ने एक ऐसा जाल बुना, जिसमें आखिरकार सच्चाई दब गई। वह पुलिस के सामने मासूमियत का नाटक करती रही, लेकिन उसकी हरकतें धीरे-धीरे उसके ही खिलाफ सबूत बनने लगीं।

विवाहेतर संबंधों और लालच की खौफनाक परिणति

शादी के बाद से ही बंदना, अमर ज्योति से संतुष्ट नहीं थी। उसके व्यवहार में हमेशा एक असंतोष झलकता था। बंदना शुरू से ही मर्दों के करीब रहना चाहती थी, और इसी वजह से उसने अपनी सास से जिम खोलने का प्लान किया। असल में, जिम खोलने का उसका मकसद मर्दों से घिरे रहना और नए-नए लोगों से मिलना था। बंदना का इरादा धीरे-धीरे सफल भी होने लगा। उसके जिम में कई पुरुष आते थे। हालांकि, शुरुआत में बंदना में इतनी हिम्मत नहीं थी कि वह किसी से खुलकर बात करे या अपने इरादे जाहिर करे।

लेकिन जल्द ही जिम में धनती डेका और अरूप डेका नाम के दो लड़के आए। धनती की उम्र 32 वर्ष थी और वह एक टैक्सी ड्राइवर था, जबकि अरूप की उम्र 27 वर्ष थी। बंदना की उम्र भी 31 वर्ष थी, जिससे तीनों के बीच जल्दी दोस्ती हो गई। बंदना को यह महसूस हुआ कि धनती और अरूप उसे जिस नज़र से देखते हैं, वह सामान्य नहीं है। एक दिन जब उसका पति अमर ज्योति घर पर नहीं था, तो उसने मौका देखकर इन दोनों को अपने घर बुला लिया। बंदना ने जानबूझकर ऐसे कपड़े पहने ताकि वह उन्हें आकर्षित कर सके। जैसा उसने सोचा था, वही हुआ। धीरे-धीरे माहौल बना और तीनों इंटीमेट हो गए।

इसके बाद यह सिलसिला लगातार चलता रहा। तीनों की यह हरकत इतनी आम हो गई कि पड़ोसियों को कभी शक नहीं हुआ। उन्हें लगता था कि अमर ज्योति घर पर मौजूद है, क्योंकि घर में मर्दों की आवाजें अक्सर आती रहती थीं। बंदना धीरे-धीरे और निडर होती गई। उसने जिम में आने वाले लगभग हर पुरुष को आज़माना शुरू कर दिया। अगर उसे लगता कि किसी के इरादे उससे मेल खाते हैं, तो वह उसे अपने घर बुलाती और उनके साथ भी रिश्ते बनाती। हालांकि, सबसे गहरी दोस्ती धनती और अरूप से थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बंदना धनती के साथ एक तरह के रिश्ते में आ गई थी। लेकिन जब भी वह इंटीमेट होती, तीनों साथ ही होते थे।

एक दिन जब ये तीनों दिन के समय घर में थे, तभी अमर ज्योति अचानक घर पहुंच गया। उसने घर के बाहर धनती की टैक्सी देखी, जिससे उसे शक हुआ। उसने सोचा कि बंदना के पास खुद की बुलेट है, तो टैक्सी क्यों बुलाई गई? दूसरी बात, थोड़ी देर पहले ही बंदना ने उससे फोन पर कहा था कि घर पर कोई नहीं है। जब अमर ज्योति घर के अंदर गया, तो उसने दरवाजा अंदर से बंद पाया। शक बढ़ने पर उसने खिड़की से झांककर देखा। अंदर का नज़ारा देखकर उसके होश उड़ गए—बंदना दो मर्दों के साथ कंप्रोमाइजिंग सिचुएशन में थी। अमर ज्योति गुस्से में दरवाजा पीटने लगा। इसके बाद धनती और अरूप कपड़े लेकर भाग गए। बंदना समझ नहीं पा रही थी कि क्या करे। अमर ज्योति ने साफ-साफ कह दिया कि वह तलाक लेगा।

बंदना जानती थी कि तलाक के बाद उसे कुछ नहीं मिलेगा क्योंकि सारी संपत्ति अमर ज्योति की मां शंकरी डे के नाम थी। इसलिए उसने एक खौफनाक प्लान बनाया। अगले दिन, जब अमर ज्योति ऑफिस गया, तो बंदना ने धनती को साथ लिया और अपनी सास के घर पहुंची। उसने शंकरी को बातों में उलझाया, और धनती ने पीछे से उस पर हमला कर दिया। शंकरी बेहोश हो गई, जिसके बाद दोनों ने मिलकर उसकी हत्या कर दी। उन्होंने शंकरी के शरीर के टुकड़े कर दिए और तीन पॉलिथीन बैग्स में भरकर फ्रिज में रख दिए। खून साफ करने के लिए इस्तेमाल किए गए कपड़ों को वे गाड़ी में रखकर वापस अपने घर ले आए।

शाम को जब अमर ज्योति घर आया, तो बंदना ने उसकी ड्रिंक में सेडेटिव्स मिला दिए। अमर ज्योति के बेहोश होते ही, बंदना और धनती ने उसकी भी हत्या कर दी। उसके शरीर के टुकड़े भी तीन बैग्स में भरकर फ्रिज में रख दिए गए। खून से सने कपड़ों को बंदना ने अपनी छत पर जला दिया, जिसे पड़ोसियों ने देखा भी था। 27 जुलाई को बंदना और धनती ने शंकरी के शरीर के टुकड़ों को चेरापूंजी के एक गांव सोहड़ा में फेंक दिया। इसके बाद 19 अगस्त को उन्होंने अमर ज्योति के टुकड़ों को मेघालय के जंगलों में फेंक दिया।

पुलिस ने सच्चाई का पता लगाते हुए बंदना और उसके साथियों को गिरफ्तार किया। चौंकाने वाली बात यह थी कि बंदना को अपने किए का कोई पछतावा नहीं था। पुलिस वैन में जाते समय वह हंस रही थी, मानो उसने कुछ गलत किया ही नहीं। पुलिस ने शंकरी के शरीर के कुछ टुकड़े बरामद कर लिए, लेकिन उसका सिर नहीं मिला। वहीं अमर ज्योति के शरीर के टुकड़े भी पुलिस को नहीं मिले। इस पूरी घटना के दौरान, बंदना धनती और अरूप के साथ उसी रात इंटीमेट हुई थी, जिस दिन उन्होंने अमर ज्योति को मारा था।

बंदना के पिता ने कहा कि अगर उनकी बेटी सच में दोषी है, तो उसे गोली मार देनी चाहिए। उन्हें भी इस पूरे मामले की भनक नहीं थी, क्योंकि बंदना ने उनसे झूठ बोला था कि सब कुछ ठीक है। यह कहानी इस बात का सबूत है कि लालच, असंतोष और गलत इच्छाएं इंसान को कितनी बड़ी तबाही की ओर ले जा सकती हैं। ऐसे मामलों से हमें सबक लेना चाहिए और अपने जीवन में संतुलन बनाए रखना चाहिए।

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