23 जुलाई 2018, पालड़ी, गुजरात: पालड़ी के प्रभु वंस अपार्टमेंट में रहने वाले हिरेन और जागृति राठौड़ की जिंदगी उस रात पूरी तरह से बदल गई। सोमवार देर रात उन्हें एक इंटरनेशनल नंबर से कॉल आया। कॉल पर मौजूद व्यक्ति ने बताया कि उनका बेटा मौलिन एक दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो गया है और उसकी स्थिति नाजुक है। बेटे की ऐसी खबर सुनते ही माता-पिता के पैरों तले जमीन खिसक गई।
हालात और भी चिंताजनक थे क्योंकि मौलिन तो ऑस्ट्रेलिया में था। घबराए हुए हिरेन और जागृति ने बिना समय गंवाए अपने बेटे के पास पहुंचने की तैयारी शुरू कर दी। वीजा, टिकट और अन्य जरूरी इंतजाम करने के लिए उन्होंने हर संभव प्रयास किया। लेकिन उन्हें अंदाजा नहीं था कि अगली सुबह उनके जीवन की सबसे काली सुबह होने वाली है।
24 जुलाई की सुबह: एक और कॉल ने उनकी दुनिया को पूरी तरह से हिला दिया। उन्हें बताया गया कि उनका इकलौता बेटा मौलिन अब इस दुनिया में नहीं रहा। इस खबर से हिरेन और जागृति की दुनिया उजड़ गई। उनका बेटा, जो कुछ ही महीनों में अपनी पढ़ाई पूरी करने वाला था और जिसका उज्ज्वल भविष्य उनके सपनों का केंद्र था, अब केवल एक खबर बनकर रह गया था।
मौलिन बचपन से ही होनहार और शांत स्वभाव का था। उसका एक ही सपना था—भारत से बाहर जाकर पढ़ाई करना और अपने माता-पिता का नाम रोशन करना। इस सपने को पूरा करने के लिए हिरेन और जागृति ने कड़ी मेहनत की। यहां तक कि मौलिन को विदेश भेजने के लिए हिरेन ने अपना एक बंगलो तक बेच दिया था।
मौलिन पिछले चार साल से ऑस्ट्रेलिया में था। वहां से कभी किसी विवाद या परेशानी की खबर नहीं आई थी। लेकिन ऑस्ट्रेलियन न्यूज़ चैनलों पर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई। खबर थी: “A young Indian student has been killed after an online date went terribly wrong.”
ऑस्ट्रेलियन मीडिया मौलिन की मौत को ऑनलाइन डेट से जोड़ रही थी। यह बात हिरेन और जागृति के लिए न केवल दर्दनाक बल्कि अविश्वसनीय थी। उनका बेटा, जो उनकी नजरों में इन सब चीजों से हमेशा दूर रहता था, ऐसी किसी घटना का हिस्सा कैसे हो सकता था?
अपने बेटे की मौत के सदमे में डूबे हिरेन और जागृति के लिए यह त्रासदी सहन करना बेहद मुश्किल हो गया। उनका रो-रोकर बुरा हाल था। पड़ोसियों के लिए भी उन्हें संभाल पाना मुश्किल हो रहा था। मौलिन की आकस्मिक और रहस्यमयी मौत ने सभी को गहरे सवालों और अविश्वास में डाल दिया।
मौलिन की जिंदगी का अनकहा सच
मौलिन की कहानी में एक राज़ छुपा था, जिसे उसके माता-पिता भी नहीं समझ पाए। अक्सर ऐसा होता है कि जो हमें लगता है, वह सच में होता नहीं है। मौलिन की जिंदगी भी कुछ ऐसी ही थी। उसका परिवार, उसकी पढ़ाई और मेहनत, सब कुछ सही दिशा में जा रहा था, फिर ऐसा क्या हुआ कि उसकी मौत को एक ऑनलाइन डेट से जोड़ा गया?
गुजरात में जन्मे मौलिन अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसे हमेशा बहुत प्यार और देखभाल मिली थी। बचपन से ही वह पढ़ाई में अव्ल, शालीन और हर किसी का प्रिय था—चाहे वह मोहल्ले के लोग हों या स्कूल के टीचर। ग्रेजुएशन के बाद उसका सपना था कि वह फॉरन जाकर पढ़ाई करे, लेकिन एक बड़ी दीवार उसकी राह में खड़ी थी: उसकी परिवार की वित्तीय स्थिति। हिरेन और जागृती के पास एक स्थिर नौकरी थी, लेकिन बेटे को विदेश भेजना उनके लिए आर्थिक रूप से चुनौतीपूर्ण था। फिर भी, अपने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने अपना एक बंगलो बेच दिया।
आखिरकार, मौलिन 24 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलिया पहुंच गया, जहां वह मेलबर्न में चार्ल्स स्टर्ट यूनिवर्सिटी से अकाउंटेंसी में मास्टर डिग्री कर रहा था। मौलिन न सिर्फ एक अच्छा छात्र था, बल्कि एक ज़िम्मेदार इंसान भी था। पढ़ाई के साथ-साथ, वह वहां पार्ट-टाइम फूड डिलीवरी का काम भी करता था ताकि अपने माता-पिता का बोझ थोड़ा कम कर सके। उसके दोस्त और जानने वाले उसे एक मेहनती, विनम्र और मजाकिया इंसान के तौर पर जानते थे। वह क्रिकेट भी बहुत पसंद करता था और हमेशा हंसी-मज़ाक करता रहता था।
मौलिन के ऑस्ट्रेलिया आने के बाद सब कुछ सही चल रहा था। उसकी मेहनत ने उसे आगे बढ़ने में मदद की। उसके प्रोफेसर उसकी लगन देखकर उसे डिग्री खत्म होने से पहले ही एक जॉब ऑफर करने के लिए तैयार हो गए। मौलिन का सपना था कि वह ऑस्ट्रेलिया में सेटल हो, और अब वह सपना पूरा होने जा रहा था। लेकिन सबसे बड़ी बात यह थी कि मौलिन अकेले नहीं, बल्कि अपने माता-पिता को भी वहां ले जाना चाहता था, ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त होकर आराम से जीवन जी सकें। और इसलिए, जब उसे जॉब ऑफर मिला, तो बिना किसी देरी के उसने अपने माता-पिता को सरप्राइज देने के लिए भारत जाने की फ्लाइट बुक कर ली।
लेकिन क्या मौलिन की यह खुशियां लंबे समय तक टिक पाईं? और क्या उसकी मौत की असल वजह वह ऑनलाइन डेट थी, जैसी मीडिया में कही जा रही थी?
मौलिन की वापसी: एक उम्मीद से भरा सरप्राइज और बदलती ज़िंदगी
जनवरी 2018 में जब मौलिन अचानक बिना किसी सूचना के अपने घर वापस आया, तो यह दृश्य हिरेन और जागृती के लिए किसी सपने जैसा था। वह दिन उनके लिए मकर संक्रांति का सबसे बड़ा तोहफा बनकर आया था। अपने बेटे को सामने खड़ा देख, उनका विश्वास ही नहीं हो रहा था। मौलिन ने अपनी सरप्राइज विजिट के दौरान गुजरात में मकर संक्रांति के काइट फेस्टिवल का पूरा आनंद लिया और लगभग एक महीने तक अपने परिवार के साथ समय बिताया। इस दौरान उसने अपने जॉब ऑफर के बारे में बताया, जिससे उसकी माता-पिता की खुशी दोगुनी हो गई।
मौलिन ने अपने माता-पिता से कहा कि अब वह जल्द ही अपनी जॉब से वॉलंटरी रिटायरमेंट ले ले और परिवार के सभी काम खत्म कर, उनके साथ ऑस्ट्रेलिया में बसने की तैयारी करें। उसने कहा कि अब वह इतना सक्षम हो गया है कि अपने माता-पिता को आराम दे सकता है और उन्हें किसी काम की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि वह अपनी फैमिली को पूरी तरह से सपोर्ट कर सकता है।
फरवरी 2018 में जब मौलिन ऑस्ट्रेलिया वापस लौटने के लिए निकल पड़ा, तो उसने अपने माता-पिता से यह वादा किया कि इस साल नवंबर में वह फिर से भारत लौटेगा और उन्हें हमेशा के लिए ऑस्ट्रेलिया ले जाएगा। किसी भी मां-बाप के लिए इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती थी, जब उनके बेटे के मुंह से ऐसी बातें सुनने को मिलीं। उनका सपना पूरा हो गया था, और उन्होंने सोचा कि अब उनकी तपस्या सफल हो चुकी है।
मौलिन के माता-पिता अपने बेटे की काबिलियत पर गर्व महसूस कर रहे थे और खुद को बेहद खुशनसीब समझ रहे थे। लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि अगले कुछ महीनों में उनकी जिंदगी में एक बड़ा तूफान आने वाला था।
मौलिन, जो अपनी पढ़ाई और जिम्मेदारियों में पूरी तरह से सीरियस था, अब विदेश में रहने के कारण वेस्टर्न कल्चर से भी प्रभावित होने लगा था। यह बदलाव उनका परिवार और दोस्त सभी से छुपा हुआ था, और शायद मौलिन खुद भी इसे पूरी तरह से समझ नहीं पा रहा था। उसके मन में अपने देश की संस्कृति और माता-पिता से मिली वैल्यूज का गहरा प्रभाव था, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के डेटिंग और हुकअप कल्चर में उसे भी एक दिलचस्पी पैदा हो रही थी।
इसी बढ़ती दिलचस्पी के चलते, मौलिन ने ऑस्ट्रेलिया की पॉपुलर डेटिंग साइट “Plenty of Fish” पर अपनी प्रोफाइल बना ली, जिससे उसकी ज़िंदगी की दिशा एक नया मोड़ लेने वाली थी।
एक रात, एक फैसला, और एक जीवन का अंत
23 जुलाई की शाम को जब मौलिन अपनी फूड डिलीवरी खत्म कर घर लौट रहा था, तब उसकी नज़र Plenty of Fish पर एक 19 साल की लड़की के प्रोफाइल पर पड़ी। उस लड़की का नाम था जैमी ली लगाय, जो ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया स्थित सनबरी में रहती थी। जैमी की प्रोफाइल देखकर मौलिन ने उसे मैसेज किया, और हैरान करने वाली बात यह थी कि जैमी उस वक्त ऑनलाइन थी। महज सात टेक्स्ट मैसेजेस के बाद जैमी ने उसे अपने घर बुला लिया।
उनकी बातचीत ने यह साफ कर दिया था कि दोनों के बीच के इंटेंशन सिर्फ शारीरिक थे। यह प्रकार की ऑनलाइन बातचीत अक्सर तेजी से बढ़ती है, और जब एक-दूसरे से जुड़ने की तात्कालिक इच्छा होती है, तो दिल और दिमाग के बीच का फर्क मिटने लगता है। मौलिन के लिए यह नया और अनजाना अनुभव था, जो उसे एक अलग रोमांच और उत्साह से भर रहा था। वहीं दूसरी ओर, इस तेजी से बढ़ते कनेक्शन के कारण, मौलिन सिर्फ अपनी इच्छाओं और इम्पल्सेस के पीछे भागने लगा था।
हालांकि, जैमी की प्रोफाइल में कई ऐसे संकेत थे जो स्पष्ट रूप से संदिग्ध थे। उसका बायो, जिसमें उसने अपनी डार्क और अजीब फैंटेसीज़ जैसे वैंपायर और बॉन्डेज का ज़िक्र किया था, बहुत ही असामान्य था। जैमी का अकाउंट भी कई अजीब और क्रीपी चीजों से भरा हुआ था, और उसकी इच्छाएँ बहुत ही एक्सट्रीम फेटिशेज़ से जुड़ी थीं। फिर भी, मौलिन इन सब संकेतों को नजरअंदाज करता हुआ जैमी से मिलने के लिए तैयार था।
जैमी ने मौलिन से कहा कि वह उसे मिलने के लिए उत्साहित है, और अपनी पसंदीदा कॉस्ट्यूम पहनकर और फेवरेट परफ्यूम लगाकर उसका इंतजार करेगी। करीब 8:30 बजे, मौलिन जैमी के घर पहुँच चुका था, लेकिन उसे इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि इस घर से वह जिंदा वापस नहीं जाएगा।
एक खौ़फनाक इरादा: एक हत्या की साजिश
23 जुलाई 2018, रात 9 बजे, सनबरी पुलिस के इमरजेंसी नंबर 00 पर एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा, “I think I killed someone. I didn’t want to, but I did it. He came, he done something. I got scared. I strangled him. He’s on my bed. It feels so good. I don’t want to be a killer. I think I have killed someone.” यह शब्द पुलिस के लिए बहुत ही अजीब थे, लेकिन वह पहले भी ये आवाज़ पहचान चुकी थी। पुलिस तुरंत उस कॉल की लोकेशन पर पहुंची और जब वे जैमी के घर पहुंचे, तो जैमी के बेडरूम में मौलिन को बेसुत पाया। उसकी गर्दन पर स्टॉय की कॉर्ड लिपटी हुई थी और उसका शरीर ठंडा हो चुका था।
पुलिस ने तुरंत एंबुलेंस से मौलिन को अस्पताल भेजा, लेकिन कुछ घंटों बाद उसकी मौत की खबर आ गई। उसे सनशाइन अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने जैमी को मौके से गिरफ्तार कर लिया और उसे पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन ले गई।
पूरे समय जैमी बहुत ही शांत और रिलैक्स थी, उसके चेहरे पर न तो कोई शिकन थी और न ही कोई अफसोस। पुलिस को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर इस अपराध का उद्देश्य क्या था। जब जैमी ने पुलिस को बताया कि कैसे वह पूरे दिन मानसिक रूप से परेशान थी, और अंततः मौलिन का टेक्स्ट मिलने के बाद उसने तय कर लिया कि वह उसे मार डालेगी, तो यह सब और भी भयावह हो गया।
जैमी के फोन की तलाशी में पुलिस को कुछ बेहद चौंकाने वाले सबूत मिले। उसने गूगल पर सर्च किया था: “I’m going to kill someone tonight for fun. How to kill someone. I want to commit a murder. 10 steps to commit a murder and get away with it.” ये सब कुछ उसने मौलिन के आने से पहले सर्च किया था।
जैमी ने पुलिस को बताया कि जब मौलिन उसके घर आया, तो उसने उसकी हाइट और बिल्ड से अनुमान लगाया कि वह उसे आसानी से ओवरपॉवर कर सकता है और स्ट्रैंगल कर सकता है।
जैमी की जंगली फैंटेसी और मोलिन की जान की कीमत
मोलिन और जैमी के बीच बातचीत के दौरान जैमी ने मोलिन से कहा कि वह रोल प्ले में रुचि रखती है और मोलिन को भी इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। मोलिन, जो अपनी नयी और रोमांचक अनुभव की तलाश में था, जैमी की खुशी के लिए किसी भी चीज़ को सीखने के लिए तैयार था, लेकिन उसने यह शर्त रखी कि जैमी उसे चोट नहीं पहुंचाएगी। जैमी ने मोलिन से कहा कि अगर वह दर्द महसूस करे, तो वह उसे टैप कर सकता है, जिससे वह समझ जाएगी और उसे छोड़ देगी।
मोलिन जैमी के पागलपन से अनजान था और उसे जो एक फैंटेसी लग रही थी, वह वास्तव में उसकी मौत का जाल थी। जैमी ने मोलिन के चेस्ट पर बैठकर पहले एक पिलो से, और फिर अपनी ताकत से उसका गला दबाना शुरू कर दिया। जब मोलिन को घुटन महसूस होने लगी, तो उसने बार-बार जैमी को टैप किया, लेकिन जैमी ने उसे नहीं छोड़ा। वह अपनी पूरी ताकत से जैमी से मुक्त होने की कोशिश करता रहा, लेकिन जैमी ने अपनी पकड़ नहीं ढीली की। अंत में, जैमी ने मोलिन का गला एक स्टॉय की कॉर्ड से घोंट दिया, और मोलिन की आखिरी सांसें चली गईं।
बस 53 मिनट में, जैमी ने मोलिन की जान ले ली थी। वह जो फन और फैंटेसी के उत्साह में जैमी के घर गया था, वही उसे मौत के रास्ते पर ले आया। जैमी ने पुलिस को इस हत्या के बारे में जो बताया, वह चौंकाने वाला था। जैमी का बचपन स्टेट केयर सेंटर में बिता था, जहां उसके साथ कई बार सोशल वर्कर्स ने मुलाकात की थी। इसके अलावा, वह हमेशा से ही एक हिंसक और अस्थिर स्वभाव की लड़की रही थी, जिसके कारण उसे जुविनाइल डिटेंशन में रखा गया था।
जैमी के बढ़ते क्रिमिनल रिकॉर्ड्स और हिंसक स्वभाव के कारण उसे 2400 घंटे तक केयरटेकर्स के साथ रखा गया, जो उसके अप्रत्याशित व्यवहार से डरते थे। लेकिन 18 साल की उम्र में उसे अकेला छोड़ दिया गया, और वह पूरी तरह से अनसुपरवाइज्ड हो गई। इसके बाद, जैमी का एक अनियंत्रित और खतरनाक जीवन शुरू हो गया, जो समाज के लिए खतरे की घंटी बन गया।
जैमी सोशल मीडिया पर भी एक्टिव थी और अक्सर अपनी तस्वीरें और क्रीपी आर्टवर्क्स पोस्ट करती थी। वह अपनी जिंदगी के बारे में भी पोस्ट करती थी, जिसमें वह बताती थी कि कैसे उसने अपने माता-पिता के अत्याचारों और मानसिक उत्पीड़न को झेला। उसकी दोहरी पर्सनालिटी ने उसे और भी खतरनाक बना दिया था, और उसकी जिंदगी अब किसी भी सामान्य व्यक्ति के लिए एक गहरे अंधेरे की तरह थी।
जैमी का दोहरा चेहरा: दर्द और गुस्से की कहानी
जैमी का बचपन बेहद मुश्किल और विकृत वातावरण में बीता था, जहाँ उसे या तो शोषण का सामना करना पड़ा या फिर अत्यधिक टॉक्सिक माहौल में रहना पड़ा। ऐसे वातावरण में पले-बढ़े बच्चों में अक्सर गुस्सा और निराशा घर कर जाती है, जो बाद में जानलेवा रूप ले सकती है। जैमी के केस में भी उसका गुस्सा इतना बढ़ चुका था कि उसने अपने दोस्तों, परिवार और यहां तक कि अपने केयरटेकर्स से भी दूरी बना ली थी। उसके व्यवहार में इतनी चरम सीमा तक की विकृति आ चुकी थी कि वह खुद को एक वेयरवुल्फ मानने लगी थी।
जैमी के जानने वालों ने बताया कि वह कभी हंसी-मज़ाक करती तो कभी अचानक चिल्लाने-चिल्लाने लगती और अक्सर गुस्से में आकर लोगों पर हमला भी कर देती। उसे पतली और स्किनी लड़कियों से खास नफरत थी, और वह उन्हें टॉर्चर करने का मन करती थी। जैमी ने पुलिस को बताया कि उसकी पर्सनालिटी के दो पहलू थे – एक जो अच्छा था, और दूसरा जो बुरा था। उसके अंदर एक ‘डीम’ था, जो उसकी सोच को बदलता रहता था और उसे हिंसा के लिए उकसाता था।
जैमी ने पुलिस को बताया कि जब वह मोलिन का गला दबा रही थी, तो वह चाहती थी कि मोलिन उसकी पकड़ से बचकर बाहर निकल जाए और पुलिस को उसके बारे में सब कुछ बता दे। लेकिन उसकी बुरी साइड इतनी हावी हो गई थी कि मोलिन के बार-बार टैप करने के बावजूद उसने उसे नहीं छोड़ा। एक दिन पहले, यानी 23 जुलाई को ही, जैमी ने अपनी केयरटेकर को टेक्स्ट किया था कि उसे अच्छा महसूस नहीं हो रहा है और वह बुरी सोचों से जूझ रही थी, लेकिन फिर भी किसी ने उसे सही समय पर मदद देने का प्रयास नहीं किया।
यह सवाल उठता है कि जैमी के लगातार चेतावनियों और मानसिक समस्याओं के बावजूद, क्यों किसी ने उसके मेडिकल चेकअप या उपचार के बारे में नहीं सोचा? क्या सिर्फ 18 साल का होना उसकी समस्याओं का हल हो सकता था? यह सवाल जैमी के मानसिक स्वास्थ्य और समाज की जिम्मेदारी पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है।
जैमी की मानसिक स्थिति और न्याय की विफलता
ऑस्ट्रेलिया की स्थानीय अधिकारियों की यह घोर लापरवाही थी जिसने जैमी जैसी साइकोपैथिक टेंडेंसी वाली लड़की को समाज में बिना निगरानी के छोड़ दिया, और इसका खामियाजा मोलिन और उसके परिवार को भुगतना पड़ा। मोलिन की बॉडी कत्ल के करीब 12 दिन बाद भारत वापस आ सकी, जिसके लिए ऑस्ट्रेलिया में उसके दोस्तों और स्थानीय गुजराती समुदाय ने $200 इकट्ठा किए ताकि सभी फॉर्मेलिटीज के खर्चे को कवर किया जा सके। लेकिन, केंद्रीय सरकार ने इस मुश्किल समय में आगे बढ़कर सभी खर्चे कवर कर दिए और फंड का सारा पैसा मोलिन के एजुकेशन लोन में एडजस्ट कर दिया।
हालांकि, मोलिन के माता-पिता की परेशानियां खत्म नहीं हुईं थीं क्योंकि अब केस का ट्रायल शुरू होना था। मोलिन के माता-पिता ऑस्ट्रेलिया जाकर इस केस को लड़ना चाहते थे, लेकिन वित्तीय दृष्टिकोण से उनके लिए ऑस्ट्रेलिया जाना संभव नहीं था। इसलिए उन्हें भारत में रहते हुए हर दिन फोन से केस के अपडेट का इंतजार करना पड़ता था।
जैमी के सभी स्पष्ट कन्फेशंस के बावजूद, कोर्ट ने उसकी मानसिक स्थिति का हवाला देते हुए किसी भी नतीजे पर पहुंचने से इंकार कर दिया। जैमी को ऑस्ट्रेलिया के सबसे अच्छे साइकेट्रिस्ट के पास भेजा गया, और सभी का यही कहना था कि वह सबसे मानसिक रूप से क्षतिग्रस्त मरीजों में से एक है जिसे उन्होंने कभी देखा। उनकी रिपोर्ट के अनुसार, जैमी अपने पूरे होश में नहीं थी, और मोलिन के कत्ल के दौरान जैमी का अपने कार्यों पर कोई नियंत्रण नहीं था।
यह जानकर आपको गुस्सा और हैरानी दोनों होगी, क्योंकि साइकेट्रिस्ट की रिपोर्ट के आधार पर पहले कोल ट्रायल में जैमी को “नॉट गिल्टी” बताया गया। इसके बाद जैमी को अगले एक साल तक मेडिकल देखभाल में रखा गया, और आखिरकार, 2019 में उसे ट्रायल के लिए फिर से डिक्लेयर किया गया।
जैमी के केस में दो प्रमुख दृष्टिकोण उभरे थे कि क्या यह एक पूर्व नियोजित हत्या थी या नहीं। जहां एक तरफ अभियोजन पक्ष का कहना था कि मोलिन का टेक्स्ट आते ही जैमी ने उसके मर्डर का प्लान बना लिया था, और उसने मोलिन को देखकर यह अंदाजा भी लगा लिया था कि वह उसे ओवरपावर कर पाएगी। इससे यह साफ जाहिर होता है कि जैमी हत्या के दौरान अपने होश में थी और सोच-समझ कर उसने मोलिन की जान ली थी।
वहीं जैमी के वकील यह साबित करना चाहते थे कि कत्ल के दौरान मल्टीपल पर्सनालिटी डिसऑर्डर के कारण जैमी अपने होश में नहीं थी। उन्होंने अदालत में यह दावा किया कि जैमी खुद चाहती थी कि मोलिन वहां से बचकर निकल जाए और पुलिस को सूचित कर दे।
इस मामले में एक ट्रैस को भी बुलाया गया, और उनका भी यह कहना था कि हालांकि जैमी मानसिक विकारों से जूझ रही थी, लेकिन वह साइकोसिस से पीड़ित नहीं थी। इसका मतलब यह था कि उस वक्त भी जैमी को यह समझ था कि वह क्या कर रही थी और उसके कार्यों का मोलिन और उसके ऊपर क्या प्रभाव पड़ेगा।
18 दिनों तक चले इस ट्रायल में जैमी के केयरटेकर्स, क्लिनिकल एक्सपर्ट्स और जैमी के पुलिस को दिए गए इंटरव्यू की रिकॉर्डिंग्स को अदालत में पेश किया गया, जिसमें उसने स्वीकार किया था कि मोलिन का कत्ल करने के बाद उसे अच्छा महसूस हुआ था।
जैमी का अपराध और न्याय
“आई फेल्ट गुड फॉर सम रीजन बिकॉज आई सफर्ड सो मच इन माय लाइफ, दैट आई फील लाइक आई एम टेकिंग बैक व्हाट वाज राइटफुली माय” – जैमी ने पुलिस को यह स्वीकार किया था कि मोलिन का कत्ल करने के बाद उसे अच्छा महसूस हुआ था। उसने यह महसूस किया कि वह इतने समय तक अपने जीवन में संघर्षों से गुज़री थी कि अब उसे अपनी शक्तियों का उपयोग कर वह सब वापस लेने का अधिकार था जो उसकी सोच के मुताबिक सही था।
हालांकि, इस जूरी के फैसले ने सभी को चौंका दिया। जैमी ने कबूल किया था कि उसे मोलिन के मरने के बाद अच्छा लगा, लेकिन जूरी ने यह पाया कि उसका इरादा मोलिन को जानबूझकर मारने का नहीं था। अक्टूबर 2020 में जूरी ने जैमी को मर्डर के बजाय मैनस्लॉटर का दोषी पाया और उसे केवल 9 साल की सजा सुनाई। मर्डर का मतलब है जानबूझकर किसी को मार डालना, जबकि मैनस्लॉटर वह हत्या है जो अनजाने में और बिना इरादे से की जाती है।
इस फैसले से कोई भी खुश नहीं था – न ही मोलिन के माता-पिता, न ही जैमी के जानने वाले। जैमी के केयरटेकर्स का कहना था कि वह समाज के लिए एक बड़ा खतरा है और उसे उम्रभर की सजा मिलनी चाहिए थी। मोलिन के माता-पिता भी जैमी के लिए कड़ी सजा चाहते थे, लेकिन वे जानते थे कि इससे उनका बेटा वापस नहीं लौटेगा, और उनकी वित्तीय स्थिति ऐसी नहीं थी कि वे ऑस्ट्रेलिया जाकर कोर्ट में केस लड़ सकें। आखिरकार, उन्होंने भी इस फैसले को स्वीकार कर लिया।
लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। अर्ली रिलीज प्रोग्राम के तहत जैमी की सजा को 9 साल से घटाकर केवल 3 साल कर दिया गया, जबकि जैमी का आक्रामक व्यवहार इतना अधिक था कि उसने जेल में भी एक अन्य कैदी पर जानलेवा हमला किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह अभी भी अन्य कैदियों के लिए खतरा बनी हुई है और उसने अन्य कैदियों को मारने की धमकी भी दी है। फिलहाल वह एक मैक्सिमम सिक्योरिटी जेल में बंद है।
जैमी को 2020 के अंत में जेल भेजा गया था, तो अगर उसी हिसाब से देखा जाए, तो अब चार साल हो चुके हैं। इसका मतलब यह है कि शायद वह अब रिहा हो चुकी होगी। हमने कई बार कोशिश की, लेकिन जैमी के बारे में कोई नई जानकारी नहीं मिल पाई। शायद दुनिया इसे सिर्फ एक केस समझकर भूल चुकी है, लेकिन जैमी जैसी लड़की अगर आजाद है, तो यह समाज के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है। जैमी के आसपास रहने वाले लोग और मोलिन जैसे कई अन्य लोग अब इस खतरे का शिकार हो सकते हैं, और यह तथ्य डराता है।
मोलिन, जो एक युवा लड़का था, अपने जीवन में बहुत सी उम्मीदों और संभावनाओं के साथ आगे बढ़ रहा था, उसकी मृत्यु इस बात का प्रतीक है कि आज के डिजिटल युग में हम सब कितना असुरक्षित हैं। ऑनलाइन कनेक्शन के चलते, जहां संदर्भ और विश्वास की कमी होती है, मोलिन की विश्वासपूर्ण प्रकृति और नए अनुभवों की उत्सुकता ने उसे एक ऐसे व्यक्ति से जोड़ा जिसने उसके सपनों और भविष्य को कुछ ही पल में हिंसा और संवेदनहीनता से समाप्त कर दिया।
यह केस, चाहे वह लड़का हो या लड़की, सभी को यह सिखाता है कि हमें अपनी सुरक्षा को हमेशा जिज्ञासा से ज्यादा प्राथमिकता देनी चाहिए। जीवन में उत्साह तभी अच्छा लगता है जब तक हमारी व्यक्तिगत सुरक्षा पर कोई खतरा न आए।
इस केस में अगर किसी ने कुछ खोया है, तो वह हैं हिरेन और जागृति। जैमी के कृत्यों ने मोलिन के माता-पिता से उनका इकलौता बेटा छीन लिया। आज, वे अपनी बाकी की जिंदगी इस सच्चाई के साथ जीने को मजबूर हैं कि उनका बेटा अब केवल उनकी यादों में ही उनके साथ है।