दिल्ली की खौफनाक थैलियम मर्डर मिस्ट्री: कैसे दामाद ने मिटा दिया पूरा परिवार

1 फरवरी 2021 को, नई दिल्ली के इंदरपुरी में रहने वाले देवेंद्र मोहन शर्मा की छोटी बेटी प्रियंका अचानक तेज पेट दर्द और उल्टी से परेशान हो गई। प्रियंका ने अपनी मां अनीता शर्मा को बताया कि उसे कमजोरी महसूस हो रही है और उसके हाथ-पैर सुन्न पड़ रहे हैं। प्रियंका की अचानक बिगड़ती हालत देख, परिवार उसे तुरंत अपोलो हॉस्पिटल ले गया।

इलाज शुरू हुआ, लेकिन 24 घंटे बाद भी प्रियंका की हालत सुधरने की बजाय और बिगड़ने लगी। दर्द इतना बढ़ गया कि उसके लिए सहन करना मुश्किल हो गया। तब 3 फरवरी को उसे बीएलके मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया।

यहां डॉक्टरों ने ब्लड टेस्ट और पूरे शरीर का चेकअप किया—लिवर, किडनी, हार्ट समेत सभी अंग ठीक नजर आ रहे थे। लेकिन प्रियंका की हालत लगातार बिगड़ रही थी। उसका शरीर अकड़ने लगा, बाल झड़ने शुरू हो गए, और दर्द असहनीय हो गया।

प्रियंका, जो हाल ही में लंदन के एक प्रतिष्ठित बिजनेस स्कूल से पढ़ाई के बाद घर लौटी थी, अब जिंदगी और मौत के बीच झूल रही थी। परिवार सदमे में था कि अचानक ऐसा क्या हुआ जिसने उनकी बेटी को इस हालत में पहुंचा दिया।

दिन बीतते गए, लेकिन डॉक्टर भी कारण नहीं समझ पा रहे थे। जब बीमारी की जड़ ही समझ में न आए, तो इलाज सिर्फ अंदाजे पर चलता है, और इस तरह प्रियंका की जिंदगी दांव पर लग गई थी। यह एक ऐसा समय था, जब परिवार हर पल उम्मीद और डर के बीच संघर्ष कर रहा था।

एक खतरनाक साजिश का पर्दाफाश

15 फरवरी 2021: प्रियंका की जिंदगी की आखिरी तारीख बन गई। 12 दिन अस्पताल में संघर्ष करने के बाद, उसने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। एक जवान, हंसती-खेलती लड़की का इस तरह अचानक चले जाना परिवार को झकझोर कर रख गया। प्रियंका के जाने के बाद, परिवार में हर कोई सदमे में था।

लेकिन यह दुःख यहीं खत्म नहीं हुआ। प्रियंका को गुजरे कुछ ही दिन हुए थे कि अनीता शर्मा, उसकी मां, को भी वही लक्षण महसूस होने लगे—पैरों में दर्द और कमजोरी। हैरानी की बात यह थी कि प्रियंका के पिता देवेंद्र शर्मा की तबीयत भी बिगड़ने लगी। उन्हें भी पेट दर्द और बाल झड़ने की समस्या हो गई। जैसे घर में कोई खतरनाक बीमारी फैल रही हो।

यह सिलसिला यहीं नहीं रुका। घर पर काम करने वाली मेड की भी अचानक तबीयत खराब हो गई। आखिर एक ही घर के सभी लोग एक जैसे लक्षणों से क्यों परेशान थे? किसी अनजान खतरे का अंदेशा हो रहा था।

अस्पताल में भर्ती और नई मुसीबत

अनीता शर्मा, देवेंद्र शर्मा और उनकी मेड को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। अनीता की हालत सबसे ज्यादा गंभीर थी। वह दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल में भर्ती थीं। इस बीच प्रियंका की बड़ी बहन, दिव्या, जो कुछ दिन पहले ही अपने ससुराल ग्रेटर कैलाश लौट गई थीं, अब इस डरावनी परिस्थिति से दूर थीं।

4 मार्च 2021 को एक और दुखद खबर आई। दिव्या के पति वरुण अरोड़ा ने देवेंद्र शर्मा को कॉल कर बताया कि दिव्या की तबीयत अचानक बिगड़ गई है। यह खबर सुनते ही देवेंद्र जी का दिल दहल गया। 20 दिन पहले उन्होंने अपनी छोटी बेटी को खोया था, पत्नी अभी भी मौत से जूझ रही थीं, और अब उनकी बड़ी बेटी की हालत भी गंभीर थी।

दिव्या को भी तुरंत सर गंगाराम हॉस्पिटल ले जाया गया। लेकिन उसका मामला और गंभीर निकला। अस्पष्ट न्यूरोलॉजिकल लक्षणों के चलते वह 6 मार्च 2021 को कोमा में चली गई।

साजिश का खुलासा

यह मामला किसी सामान्य संक्रमण का नहीं था। सर गंगाराम हॉस्पिटल के मेडिकल एडमिनिस्ट्रेशन डायरेक्टर, ब्रिगेडियर एस कटोच, ने स्थिति की गंभीरता को समझा। उन्होंने 14 मार्च 2021 को सभी प्रभावितों के विस्तृत और हेवी टेस्ट करवाए।

जब रिपोर्ट आई, तो सच्चाई ने सबको हिला कर रख दिया। यह कोई प्राकृतिक बीमारी नहीं थी, बल्कि एक साजिश का नतीजा था। एक ऐसी साजिश जो इस मामले को देश का सबसे सनसनीखेज केस बना गई। यह मामला दिखाता है कि इंसान के भीतर छुपा जहर सांप के जहर से भी घातक हो सकता है।

खौफनाक जहर: थैलियम का सच

थैलियम—एक बिना रंग, गंध और स्वाद वाला हैवी मेटल। सुनने में साधारण लगता है, लेकिन यह इतना खतरनाक जहर है कि कहा जाता है, इराक के सद्दाम हुसैन से लेकर रूस के व्लादिमीर पुतिन ने इसका इस्तेमाल अपने दुश्मनों को चुपचाप रास्ते से हटाने के लिए किया। यही थैलियम सल्फेट, दिव्या और अनीता शर्मा की बॉडी में बेहद भारी मात्रा में पाया गया।

यह मामूली मात्रा नहीं थी, बल्कि सामान्य से कई हजार गुना ज्यादा थी। इसी जहरीले मेटल ने अनीता शर्मा की जान ले ली। 21 मार्च 2021 को उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली, जबकि देवेंद्र शर्मा की एक बेटी पहले ही गुजर चुकी थी, और उनकी बड़ी बेटी दिव्या जिंदगी और मौत के बीच झूल रही थी।

22 मार्च 2021 को, ब्रिगेडियर एस कटोच ने अपनी विस्तृत मेडिकल रिपोर्ट में पुष्टि की कि देवेंद्र शर्मा की पूरी फैमिली, प्रियंका सहित, को थैलियम सल्फेट दिया गया था। लेकिन बड़ा सवाल यह था—किसने और क्यों?

क्या घर का कोई सदस्य था दोषी?

अक्सर ऐसे मामलों में शक घर के किसी नौकर पर जाता है, लेकिन यह केस अलग था। घर में काम करने वाली मेड तक अस्पताल में भर्ती थी। इसके अलावा, थैलियम एक प्रतिबंधित मेटल है, जिसे आसानी से मेडिकल या जनरल स्टोर से खरीदा नहीं जा सकता।

यह स्पष्ट था कि यह काम किसी अंदरूनी व्यक्ति का था। लेकिन कौन?

देवेंद्र शर्मा ने जब पूरी घटना पर गौर किया, तो उनका ध्यान प्रियंका की तबीयत बिगड़ने से ठीक एक दिन पहले की दोपहर पर गया।

उस दिन, घर में एक असामान्य घटना हुई। देवेंद्र शर्मा, उनकी पत्नी अनीता, और बड़ी बेटी दिव्या अपने जुड़वा बच्चों के साथ घर पर थे। अचानक, दिव्या का पति वरुण अरोड़ा घर आ गया। यह हैरान करने वाला था क्योंकि वरुण का अपने ससुराल आना बेहद दुर्लभ था।

इस बार वरुण न केवल घर आया, बल्कि अपने साथ पकी हुई बासा फिश लेकर आया। उसने बताया कि उसने यह खास डिश खुद अपने हाथों से बनाई है और बड़े प्यार से सबको परोसी।

घर के सभी लोग वरुण के इस बदले हुए व्यवहार को देखकर थोड़ा चकित जरूर थे, लेकिन खुश भी थे। सभी ने उस फिश को चाव से खाया। चूंकि जुड़वा बच्चे दूध पी चुके थे, इसलिए उन्हें यह फिश नहीं दी गई।

साजिश की शुरुआत?

यहां से इस केस की परतें खुलनी शुरू हुईं। वरुण का अचानक आना, घरवालों को खुद से खाना परोसना, और फिर पूरे परिवार की तबीयत का बिगड़ना—ये सभी चीजें आपस में जुड़ी लगने लगीं।

लेकिन क्या वाकई यह वरुण का काम था, या साजिश कहीं और से रची गई थी? यह सवाल इस पूरे मामले को और रहस्यमय बना देता है। जांच अब तेजी से उस दिशा में बढ़ रही थी, जहां एक भयावह साजिश का पर्दा उठने वाला था।

साजिश का मास्टरमाइंड: वरुण अरोड़ा

31 जनवरी 2021: उस दिन की हर घटना ने देवेंद्र शर्मा को सोचने पर मजबूर कर दिया। प्रियंका उस वक्त घर पर नहीं थी और शाम को 5:30 बजे लौटी। जब उसे 6:30 बजे भूख लगी, तो वरुण ने अपने हाथों से उसे फिश के दो बड़े पीस सर्व किए। देर शाम वरुण अपनी पत्नी दिव्या और दोनों बच्चों के साथ ग्रेटर कैलाश लौट गया।

जब घरवालों ने वरुण को भी फिश खाने को कहा, तो उसने यह कहकर मना कर दिया कि वह एक लाफ्टर शो से लौटा है, जहां बहुत हंसने के कारण उसके जबड़े में दर्द हो रहा है। यही नहीं, वरुण ने जानबूझकर बच्चों को पहले ही दूध पिला दिया, ताकि उन्हें फिश न खिलाई जाए।

अगले ही दिन प्रियंका की तबीयत बिगड़नी शुरू हो गई, क्योंकि उसने फिश के सबसे बड़े पीस खाए थे। यह सारी घटनाएं एक खतरनाक साजिश की ओर इशारा कर रही थीं। देवेंद्र शर्मा को अब पूरा यकीन हो गया कि इस जहरीली साजिश का मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि उनका दामाद वरुण अरोड़ा था।

वरुण: एक रईस बिजनेसमैन

वरुण अरोड़ा एक अमीर रियल एस्टेट बिजनेसमैन था। उसका ग्रेटर कैलाश में आलीशान घर था और किराए से ही उसकी महीने की कमाई लाखों रुपये थी। 24 मार्च 2021 को इंदरपुरी पुलिस स्टेशन में वरुण के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर मामले की जांच शुरू की।

खतरनाक जहर और पुलिस की जांच

दिल्ली पुलिस को अनीता शर्मा की ऑटोप्सी रिपोर्ट में थैलियम पॉइजनिंग की पुष्टि हुई। देवेंद्र शर्मा के घर से भी थैलियम सल्फेट के निशान मिले। पुलिस ने वरुण का लैपटॉप और मोबाइल फोन जब्त कर जांच शुरू की।

वरुण ने अपनी सर्च हिस्ट्री डिलीट कर दी थी, लेकिन पुलिस की टेक्निकल टीम ने इसे रिकवर कर लिया। वह “थैलियम” और “पॉइजन के उपयोग” पर गहरी रिसर्च कर चुका था। इसके अलावा, वरुण के घर से थैलियम सल्फेट की एक छोटी मात्रा भी बरामद हुई।

थैलियम एक अत्यधिक जहरीला मेटल है, जिसे भारत में प्रतिबंधित किया गया है। पहले इसका इस्तेमाल चूहों और कीड़ों को मारने वाली दवाओं में होता था, लेकिन इसे बढ़ते हत्याकांडों के कारण बैन कर दिया गया। अब यह केवल इंडस्ट्रियल उपयोग के लिए विशेष अनुमति के साथ बेचा जाता है।

पुलिस ने शुरू में माना कि वरुण ने थैलियम डार्क वेब से खरीदा होगा। लेकिन यह दावा गलत निकला। इसके पीछे की सच्चाई वरुण और उसकी मां जिया अरोड़ा के बैंक अकाउंट स्टेटमेंट से उजागर हुई।

साजिश का पर्दाफाश

जांच के दौरान पता चला कि वरुण ने यह जहरीला मेटल अवैध तरीकों से हासिल किया। उसका उद्देश्य साफ था—अपने ससुराल वालों को खत्म करना। पुलिस अब इस मामले की तह तक जाने के लिए हर एंगल की जांच कर रही थी, और यह मामला दिल्ली के सबसे खतरनाक जहर कांड में बदल गया।

वरुण अरोड़ा ने इस साजिश की बेहद सोच-समझकर योजना बनाई। उसे पता था कि थैलियम जैसे प्रतिबंधित पदार्थ को आसानी से हासिल करना संभव नहीं है। उसने अपने फादर-इन-लॉ देवेंद्र शर्मा के भाई एस.एम. शर्मा की कंपनी “लॉर्ड्स होम्योपैथी” के नाम से नकली दस्तावेज तैयार किए और पंचकुला, हरियाणा की एक केमिकल कंपनी, फार्मा एफिलिएट से 25 ग्राम थैलियम सल्फेट का ऑर्डर प्लेस कर दिया।

ऑर्डर का पेमेंट वरुण ने अपनी मां जिया अरोड़ा के अकाउंट से किया। यह पेमेंट दो चरणों में हुआ:

  • 18 दिसंबर 2020: ₹22,131
  • 1 मार्च 2021: ₹13,440

यह पेमेंट फिश करी इंसिडेंट से डेढ़ महीने पहले और दिव्या की तबीयत बिगड़ने से तीन दिन पहले हुआ। वरुण ने चालाकी से यह पार्सल गुरुग्राम में अपने मामा के घर डिलीवर करवाया। इस डिलीवरी को डीटीडीसी कुरियर सर्विस के डिलीवरी बॉय और गुरुग्राम के वॉचमैन ने पुष्टि की। वॉचमैन टीटू ने बयान दिया कि उसने यह पार्सल वरुण के कहने पर रिसीव किया।

वरुण और उसकी मां जिया अरोड़ा को दिव्या के अबॉर्शन की बात बर्दाश्त नहीं हुई। डॉक्टर की सलाह पर दिव्या ने अपनी जिंदगी बचाने के लिए तीसरे बच्चे का अबॉर्शन करवाया। लेकिन वरुण और उसकी मां का मानना था कि यह बच्चा उनके दिवंगत पिता चंदर लाल का पुनर्जन्म है।

अबॉर्शन के बाद घर में कलेश बढ़ गया। वरुण ने दिव्या को धमकी दी कि वह उसके पूरे परिवार को खत्म कर देगा। इसी पागलपन और सनक ने वरुण को खौफनाक कदम उठाने पर मजबूर किया।

वरुण ने पहले मरकरी और लेड जैसे जहर इस्तेमाल करने की योजना बनाई थी, लेकिन उन्हें जल्दी असर और आसानी से पकड़ में आने वाले जहर मानते हुए खारिज कर दिया। थैलियम को चुना गया क्योंकि यह धीमे जहर की तरह काम करता है और नॉर्मल ब्लड टेस्ट में डिटेक्ट नहीं होता।

31 जनवरी 2021: वरुण ने थैलियम से मिली फिश प्रियंका और दिव्या को सर्व की। दिव्या पर इसका असर कम हुआ, इसलिए उसने 1 मार्च को दूसरा ऑर्डर दिया।

साजिश का अंजाम

  • प्रियंका की मौत: पहले प्रियंका की मौत हुई, लेकिन पोस्टमॉर्टम नहीं हुआ। डॉक्टरों ने इसे जीबी सिंड्रोम या रेबीज बताया।
  • दिव्या की मौत: लंबे समय तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद, 9 अप्रैल 2021 को दिव्या की भी मौत हो गई।
  • पूरा परिवार तबाह: दो महीने के अंदर देवेंद्र शर्मा ने अपनी पत्नी, बेटी और बहन को खो दिया।

कानूनी कार्यवाही और पुलिस की भूमिका पर सवाल

  • वरुण ने गिरफ्तारी के बाद थैलियम का एक छोटा हिस्सा खुद खा लिया ताकि यह साबित कर सके कि उसने भी फिश खाई थी। इससे वह 15 दिनों तक पुलिस कस्टडी से बच गया।
  • वरुण की मां, जिया अरोड़ा को सीधे साजिश में शामिल होने का ठोस सबूत नहीं होने के कारण गिरफ्तार नहीं किया गया।
  • देवेंद्र शर्मा ने अदालत में अपने नाती-पोतों की कस्टडी की मांग की, लेकिन उनकी स्थिति स्पष्ट नहीं है।

अदालत की सुनवाई और जस्टिस का इंतजार

  • दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रियंका की मौत की जांच के लिए एम्स के डायरेक्टर की निगरानी में एक स्वतंत्र मेडिकल बोर्ड गठित करने का आदेश दिया।
  • फिलहाल, वरुण तिहाड़ जेल में बंद है, लेकिन केस की हर सुनवाई में अगली तारीख दी जाती है। अगली सुनवाई 9 जनवरी 2025 को है।

निष्कर्ष:

वरुण अरोड़ा के पास सबकुछ था—पैसा, परिवार, और खुशहाल जीवन। लेकिन सनक और पागलपन ने उसे इस हद तक गिरा दिया कि उसने अपने परिवार को खत्म कर दिया। यह केस केवल अपराधी की सजा तक सीमित नहीं, बल्कि यह दिखाता है कि थैलियम जैसे प्रतिबंधित पदार्थों तक पहुंच की निगरानी में चूक कितनी खतरनाक हो सकती है।

सरकार और समाज को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे घातक पदार्थों का दुरुपयोग रोका जा सके।


Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top