साजिश, हवस और खून: सुरेखा और मनोज के गुनाह की खौफनाक कहानी

मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में 2023 की यह घटना ब्यौहारी थाना क्षेत्र की है। थाना प्रभारी (टीआई) मोहम्मद समीर खान को उनके मोबाइल पर बारठ गांव में एक युवक की संदिग्ध मौत की खबर मिली। सूचना देने वाले वीरेंद्र ने बताया कि उसके चाचा, संजय कोरी, की सोते समय नींद में ही अचानक मौत हो गई।

वीरेंद्र ने टीआई श्रीपाल को बताया कि उसने अभी-अभी अपने चाचा की लाश देखी है, और उनके मुंह और नाक से खून बह रहा था। यह देखकर उसे उनकी मौत अस्वाभाविक लगी, इसलिए उसने तुरंत पुलिस को सूचना दी।

30-35 वर्ष के युवक की असामान्य मौत आमतौर पर पुलिस जांच का विषय बनती है। संजय के मुंह और नाक से खून बहने की सूचना मिलने के बाद मामला और भी संदिग्ध हो गया। इसके चलते टीआई श्रीपाल ने तत्काल एसआई मोहन पड़वार को गांव जाकर मामले की जांच का आदेश दिया।

एसआई मोहन पड़वार आदेश मिलते ही घटनास्थल पर पहुंचे। वहां उन्होंने लाश का निरीक्षण किया, तो मृतक के मुंह और नाक के पास सूजन और गले पर काले निशान देखे। इससे उन्हें समझ में आ गया कि यह हत्या का मामला है और संजय की गला दबाकर हत्या की गई है।

एसआई ने तुरंत उच्चाधिकारियों को घटना की जानकारी दी। शव का पंचनामा बनाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और प्राथमिक जांच शुरू की गई।

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सूरत में परवान चढ़ा अवैध संबंध: सुरेखा और मनोज की कहानी

संजय कोरी, जो ब्यौहारी थाना क्षेत्र के बारस गांव का निवासी था, दो बच्चों के जन्म के बाद बेहतर भविष्य की तलाश में अपनी पत्नी सुरेखा और बच्चों के साथ गुजरात के सूरत चला गया। सूरत में संजय ने मजदूरों की बस्ती में किराए का मकान लिया और अपने परिवार के साथ वहीं रहने लगा।

संजय स्वभाव से सरल और शांत व्यक्ति था। वह अपने काम से काम रखता और मोहल्ले में ज्यादा किसी से बातचीत नहीं करता। इसके विपरीत, सुरेखा का स्वभाव मिलनसार और बातूनी था। उसने जल्दी ही बस्ती में आसपास के लोगों से जान-पहचान बना ली।

इसी दौरान सुरेखा की पहचान मनोज यादव से हुई, जो उनके घर के बगल में रहता था। मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला मनोज, अपनी पत्नी मीना और एक बच्चे के साथ सूरत में मजदूरी करने आया था। रंगीन मिजाज मनोज, सुरेखा को पहली बार देखते ही उसके प्रति आकर्षित हो गया।

सुरेखा का बातूनी स्वभाव और सुंदरता, मनोज को और भी ज्यादा उसकी ओर खींचने लगे। जब सुरेखा मीना से मिलने मनोज के घर जाती, तो अगर मनोज मौजूद होता, वह उससे बेझिझक बातें करती। धीरे-धीरे, मनोज और सुरेखा की बातचीत बढ़ने लगी।

सुरेखा तक पहुंचने के लिए मनोज ने चालाकी से पहले संजय से दोस्ती कर ली। वह अक्सर संजय से मिलने उनके घर आने-जाने लगा। सुरेखा ने दुनिया देखी थी और जल्दी समझ गई कि मनोज उस पर मर मिटा है।

हालांकि, मनोज उम्र में सुरेखा से छोटा था और उसकी शादी को ज्यादा समय नहीं हुआ था। बावजूद इसके, जब मनोज ने अपनी पत्नी मीना की अनदेखी कर सुरेखा में दिलचस्पी दिखानी शुरू की, तो सुरेखा ने भी उसे हरी झंडी दे दी।

इसी बीच, मनोज की पत्नी मीना गर्भवती हो गई। यह मनोज के लिए एक बहाना बन गया। उसने मीना को अपनी मां के पास गांव भेज दिया ताकि वह सुरेखा के और करीब आ सके। सुरेखा भी मनोज की चाहत को हवा देने लगी, और दोनों का रिश्ता गहराने लगा।

मनोज और सुरेखा का बढ़ता रिश्ता: अवैध संबंधों की हदें पार

मीना के गांव जाने के बाद मनोज का सुरेखा के प्रति जुनून और बढ़ गया। वह हर वक्त उसे पाने की कोशिश में रहता। सुरेखा यह बात जानती थी कि मीना की गैरमौजूदगी में मनोज अकेलेपन से जूझ रहा होगा। उसने इस स्थिति का फायदा उठाने की योजना बनाई।

एक दिन मौका देखकर सुरेखा ने घर के सामने से गुजरते मनोज को छेड़ते हुए कहा, “मीना को तो गांव छोड़ आए हो, अब अकेले रातें कैसे काटते हो? सिर्फ पूछ रही हूं या मदद की जरूरत है?”
मनोज ने इस पर सीधा जवाब देने के बजाय सवाल में जवाब दिया, “अगर कुएं के पास कोई पानी लेकर आए तो क्या कुआं मना करता है?”
सुरेखा मुस्कुराते हुए बोली, “तो बताइए, कब आऊं अपनी प्यास बुझाने?”
मनोज ने बिना देर किए जवाब दिया, “जब मन हो, तब बुला लेना।”

सुरेखा यह सुनकर घर के अंदर चली गई। मनोज ने चारों ओर देखा, गली में दूर-दूर तक कोई नहीं था। मौका पाकर वह भी सुरेखा के पीछे-पीछे उसके घर में दाखिल हो गया। सुरेखा ने दरवाजा बंद कर दिया, और उसी दिन से उनके बीच शारीरिक संबंध शुरू हो गए।

यह रिश्ता यहीं नहीं रुका। मनोज और सुरेखा जब भी मौका पाते, अपने शारीरिक संबंधों को आगे बढ़ाते। इस बीच, लगभग एक साल बाद मीना, मनोज के बच्चे को जन्म देने के बाद सूरत लौट आई।

मीना का वापस आना न तो मनोज को अच्छा लगा और न ही सुरेखा को। मीना की उपस्थिति ने उनकी अयाशी को पहले जैसा आसान नहीं रहने दिया। इसके बावजूद, दोनों किसी न किसी तरह से मिलने का मौका निकाल ही लेते थे।

रेखा का पति संजय तो सुबह होते ही काम पर चला जाता था, लेकिन मीना दिनभर घर पर रहती थी। इससे उसे अपने पति की हरकतों पर शक होने लगा। जल्दी ही मीना ने मनोज और सुरेखा के अवैध संबंधों को भांप लिया।

शुरुआत में मीना ने अपने पति को समझाकर सुधारने की कोशिश की। उसने मनोज से सुरेखा से दूर रहने को कहा। जब यह उपाय काम नहीं आया, तो मीना ने सुरेखा को भी चेतावनी दी। उसने कहा कि वह मनोज से दूर रहे।

मीना के बार-बार मना करने और समझाने के बावजूद, मनोज और सुरेखा के रिश्ते में कोई बदलाव नहीं आया। दोनों एक-दूसरे के प्रति पूरी तरह दीवाने हो चुके थे। उनकी अयाशी और अवैध संबंध पहले की तरह बदस्तूर जारी रहे।

अवैध संबंधों का खुलासा और खतरनाक साजिश

मीना का गुस्सा और असहाय स्थिति अब अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुकी थी। एक दिन, उसने सुरेखा के पति संजय को फोन कर उनके पापों की पूरी जानकारी दे दी। अगर यह बात कोई और कहता, तो शायद संजय इस पर भरोसा नहीं करता। लेकिन जब यह जानकारी खुद मीना ने दी, तो संजय गंभीर हो गया। उसने मीना से कहा कि जैसे ही मनोज दोबारा सुरेखा के घर आए, वह उसे तुरंत खबर करे।

चार दिन बाद, दोपहर में मीना ने संजय को फोन कर बताया कि मनोज इस वक्त सुरेखा के घर पर है। यह सुनते ही संजय गुस्से से भर गया और तुरंत अपने घर पहुंचा। वहां उसने सुरेखा और मनोज को आपत्तिजनक स्थिति में, निर्वस्त्र रंगे हाथ पकड़ लिया।

इस घटना के बाद घर में जमकर हंगामा हुआ। गुस्से में संजय ने सुरेखा की पिटाई भी की। मगर जब सुरेखा ने हाथ जोड़कर माफी मांगी और बच्चों का हवाला देकर गिड़गिड़ाई, तो संजय ने उनके भविष्य का ख्याल रखते हुए उसे माफ कर दिया।

हालांकि, संजय की इस उदारता का सुरेखा ने गलत फायदा उठाया। कुछ दिनों तक मामला शांत रहा, लेकिन फिर उसने मनोज के साथ चोरी-छिपे मिलना शुरू कर दिया। उनका यह रिश्ता पहले की तरह ही जारी रहा।

जब संजय को दोबारा उनके संबंधों की भनक लगी, तो वह गहरी निराशा में डूब गया। आखिरकार, छह महीने पहले उसने सूरत में सुरेखा और दोनों बच्चों को छोड़ दिया और अपने गांव बारा लौट आया।

संजय के गांव लौटने के बाद, सूरत में सुरेखा और मनोज का रिश्ता खुलकर चलने लगा। मीना इस पर बार-बार विवाद करती थी, लेकिन मनोज और सुरेखा की दीवानगी पर कोई असर नहीं पड़ा। दूसरी ओर, संजय के जाने के बाद सुरेखा को अपने खर्चों की चिंता सताने लगी।

मनोज, सुरेखा की आर्थिक मदद करता था, लेकिन उसकी कमाई इतनी नहीं थी कि वह दो परिवारों का खर्च उठा सके। पैसों की तंगी और मीना के लगातार विवादों से तंग आकर, दो महीने पहले सुरेखा अपने दोनों बच्चों को लेकर मायके, सतना जिले के रामनगर, आ गई।

रामनगर में रहते हुए भी सुरेखा और मनोज लगातार फोन पर संपर्क में रहे। मनोज सुरेखा के बिना अधीर हो रहा था। इसी दौरान, फोन पर बातचीत के दौरान दोनों ने एक खतरनाक योजना बनाई, जिससे उनकी कहानी ने एक नया और भयावह मोड़ ले लिया।

हत्या, साजिश और हैवानियत: सुरेखा और मनोज की खतरनाक योजना

सुरेखा और मनोज ने सोचा कि अगर पहले संजय को रास्ते से हटा दिया जाए, तो उसकी संपत्ति सुरेखा के नाम हो जाएगी। इसके बाद मनोज ने तय किया कि वह अपनी पत्नी मीना को भी सूरत में मार देगा और सुरेखा को अपनी पत्नी बनाकर अपने साथ रखेगा। इस साजिश को अंजाम देने की तैयारी पूरी हो चुकी थी।

घटना से करीब आठ दिन पहले, सुरेखा अपने बच्चों को लेकर संजय के गांव, बारस पहुंच गई। उसे देखकर संजय को लगा कि शायद सुरेखा को अपनी गलतियों का एहसास हो गया है। इस उम्मीद में उसने बिना किसी विवाद के सुरेखा और बच्चों को अपने साथ रख लिया।

संजय को यह अंदाज़ा नहीं था कि सुरेखा अब भी मनोज के संपर्क में थी और दोनों ने मिलकर उसकी हत्या की खतरनाक योजना बनाई थी। सुरेखा ने साजिश को अंजाम देने के लिए मनोज को सूरत से बुला लिया।

6 फरवरी की शाम, सुरेखा ने अपने पति संजय और बच्चों के खाने में नींद की गोलियां मिला दीं। जैसे ही सभी गहरी नींद में सो गए, सुरेखा के इशारे पर मनोज चुपके से गांव में आकर उसके घर में दाखिल हो गया।

साजिश का अगला चरण और भी भयावह था। हत्या से पहले, सुरेखा और मनोज ने घर में अयाशी की। इसके बाद, सुरेखा ने अपने सोते हुए पति की छाती पर बैठकर उसे दबोच लिया, और मनोज ने उसका गला दबाना शुरू कर दिया।

संजय दम घुटने से छटपटाने लगा, जिससे घर में सो रहे तीनों बच्चों की नींद टूट गई। बच्चों की मौजूदगी के बावजूद, सुरेखा और मनोज ने अपनी दरिंदगी नहीं रोकी। मनोज ने संजय का गला दबाकर उसकी जान ले ली।

हत्या के बाद, दोनों ने बच्चों को धमकी दी कि अगर उन्होंने कुछ बताया, तो उन्हें भी मार दिया जाएगा।

हत्या के बाद भी सुरेखा और मनोज की हवस खत्म नहीं हुई। उन्होंने मौके का फायदा उठाते हुए एक बार फिर शारीरिक संबंध बनाए। सुबह होने से पहले, सुरेखा ने मनोज को सूरत भाग जाने को कहा।

सुबह होते ही, सुरेखा ने संजय की मौत पर रोने-पीटने का नाटक शुरू कर दिया। लेकिन भतीजे वीरेंद्र की सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामले की तह तक जाकर उनकी साजिश का पर्दाफाश कर दिया।

आज, सुरेखा और मनोज की दरिंदगी और हैवानियत कानून के शिकंजे में है। उनकी खतरनाक योजना ने न सिर्फ एक जीवन खत्म कर दिया, बल्कि उनकी जिंदगी भी अंधकारमय कर दी।

बच्चों की गवाही ने खोली हत्या की सच्चाई

पूछताछ के दौरान, एसआई मोहन पड़वार को पता चला कि घटना के समय मृतक संजय की पत्नी सुरेखा, सुरेखा का 15 वर्षीय बेटा, 10 वर्षीय बेटी, और सुरेखा के भाई की 17 वर्षीय बेटी भी घर में मौजूद थे। श्री पड़वार ने समझदारी दिखाते हुए बच्चों को बयान देने के लिए बुलाया।

एसआई पड़वार जानते थे कि सुरेखा अपनी बात तोड़-मरोड़ सकती है, जबकि बच्चे सच्चाई छिपाने में असमर्थ होते हैं। यही कारण था कि उन्होंने सबसे पहले बच्चों से पूछताछ करना प्राथमिकता दी।

जबकि शव पोस्टमार्टम के लिए अभी अस्पताल भी नहीं पहुंचा था, उन्होंने संजय के 15 वर्षीय बेटे और भांजी से सच्चाई पूछी। पिता की लाश और पुलिस की मौजूदगी से डरा हुआ बेटा सच बोलने को मजबूर हो गया।

डरे हुए बेटे ने बताया, “रात में पिता के चिल्लाने की आवाज से मेरी नींद खुली। मैंने देखा कि मां पिता की छाती पर बैठी हुई थी और मनोज उनका गला दबा रहा था। कुछ देर बाद पिता शांत हो गए। इसके बाद मां और मनोज ने हमें धमकी दी कि जो कुछ भी देखा है, वह किसी को ना बताएं।”

बेटे ने यह भी कहा कि घटना के बाद मां और मनोज अलग कमरे में सोने चले गए। पूछने पर बच्चे ने बताया कि मनोज उनके घर के पास सूरत में रहता था और वहां भी उसके पिता और मनोज के बीच झगड़ा हुआ था।

बच्चों की गवाही के बाद, पूरी कहानी स्पष्ट हो गई। संजय की हत्या उसकी पत्नी सुरेखा ने मनोज यादव के साथ मिलकर की थी। एसआई पड़वार ने सुरेखा को हिरासत में लिया और मनोज के बारे में पूछताछ की।

अपने बेटे की गवाही सुनकर सुरेखा समझ गई कि सच्चाई पुलिस के सामने आ चुकी है। उसने अपना अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि मनोज सतना गया है और वहां से ट्रेन पकड़कर सूरत भागने की योजना बना रहा है।

एसआई पड़वार ने तुरंत टीआई मोहम्मद समीर खान को पूरी जानकारी दी। टीआई ने सतना पुलिस की मदद से चार घंटे के भीतर मनोज को सतना रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हत्या की पुष्टि होने से पहले ही ब्यौहारी पुलिस ने हत्या के आरोप में सुरेखा और मनोज को गिरफ्तार कर लिया। एसपी शहडोल कुमार प्रतीक ने ब्यौहारी पुलिस की त्वरित और निष्ठावान कार्रवाई की प्रशंसा करते हुए उन्हें बधाई दी।

पुलिस ने सुरेखा और मनोज यादव के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर दोनों को अदालत में पेश किया। अदालत ने दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

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