परिवार के अंदर छुपा दुश्मन: अंजना की दर्दनाक हत्या की कहानी

अंजना लामा का परिचय
अंजना लामा का जन्म 26 अगस्त 1995 को नेपाल के हेटौडा शहर में हुआ था। जन्म से ही वह अपने परिवार की लाडली थीं। उनके परिवार में उनकी दो छोटी बहनें और एक छोटा भाई था। बचपन से ही वह बहुत सक्रिय और सभी के प्रेम की पात्र थीं। अंजना का स्वभाव बहुत ही सरल और मिलनसार था।

अपने इसी स्वभाव के कारण वह स्कूल हो या पड़ोस, हर जगह बहुत आसानी से दोस्त बना लिया करती थीं। इसके अलावा, अंजना बहुत ही खूबसूरत और आकर्षक थीं। जो भी उन्हें देखता, उनकी सुंदरता की तारीफ किए बिना नहीं रहता।

जब अंजना 11वीं कक्षा में पढ़ रही थीं, तब उनकी मुलाकात प्रज्वल महत से हुई। प्रज्वल एक बहुत ही आकर्षक और सम्मानजनक स्वभाव वाला लड़का था। वह सभी के साथ प्रेम और आदर से पेश आता था।

अंजना को प्रज्वल के बारे में जो कुछ पता था, वह उन्हें बहुत पसंद आया। वहीं, प्रज्वल को भी अंजना का बिंदास और खुशमिजाज स्वभाव बेहद भाया। शुरुआत में दोनों सिर्फ दोस्त थे, लेकिन समय के साथ-साथ जब वे एक-दूसरे के साथ ज्यादा समय बिताने लगे, तो यह दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई।

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प्रेम से विवाह तक का सफर
उनका रिश्ता शुरुआत से ही बहुत अच्छा था और दोनों ने एक-दूसरे पर कभी कोई दबाव नहीं डाला। सिर्फ दो साल के रिश्ते के बाद ही दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया। हालांकि, उनके इस निर्णय से दोनों के परिवार बिल्कुल सहमत नहीं थे।

शादी के बाद की शुरुआत उनके लिए काफी कठिन रही। नवविवाहित होने के कारण उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा, खासकर आर्थिक तंगी। इसके अलावा, अंजना और प्रज्वल के बीच यह संघर्ष इस वजह से था क्योंकि दोनों अलग-अलग जातियों से थे।

दोनों को पहले से ही पता था कि उनके परिवार इस रिश्ते और शादी को स्वीकार नहीं करेंगे। इसके बावजूद, अंजना और प्रज्वल ने अपने परिवारों को मनाने की हर संभव कोशिश की। बार-बार उन्होंने निवेदन किया कि उन्हें एक-दूसरे से प्यार है और वे शादी करना चाहते हैं, लेकिन परिवार मानने को तैयार नहीं था।

जब उन्हें लगा कि अब साथ रहने का और जीवन बिताने का कोई और रास्ता नहीं बचा है, तो उन्होंने आखिरकार एक बड़ा कदम उठाया। दोनों ने घर से भागकर शादी कर ली।

प्रज्वल के बड़े भाई उज्जवल ने इस रिश्ते में उनका साथ दिया। वह उनके परिवार के इकलौते व्यक्ति थे जिन्होंने उनके प्रेम को स्वीकार किया और उनका समर्थन किया। उन्होंने दोनों के लिए हेटौडा वापस आकर उन्हें सहारा दिया।

प्रज्वल के परिवार ने उनकी शादी में मदद की थी। प्रज्वल का परिवार हेटौडा से थोड़ा दूर ललितपुर में रहता था। शादी के बाद प्रज्वल और अंजना ने फैसला किया कि वे प्रज्वल के परिवार के साथ ललितपुर में ही रहेंगे। प्रज्वल के परिवार में उनके माता-पिता, बड़े भाई उज्जवल (जिनके बारे में हमने पहले बात की), उज्जवल की पत्नी और प्रज्वल का भतीजा भी रहते थे।

शादी के बाद, अंजना और प्रज्वल को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। अंजना का परिवार अभी भी उनसे नाराज था। वहीं, प्रज्वल का परिवार भी इस शादी को पूरी तरह स्वीकार नहीं कर पाया था। लेकिन अंजना के मधुर और अच्छे स्वभाव के कारण, कुछ समय बाद प्रज्वल के परिवार ने उन्हें अपना लिया। जल्दी ही, अंजना उस परिवार का अभिन्न हिस्सा बन गईं।

हालांकि, अंजना का परिवार अभी भी उनकी शादी से खुश नहीं था। इस समस्या को हल करने के लिए अंजना ने अपने छोटे भाई को ललितपुर बुला लिया ताकि वह अपनी पढ़ाई ठीक से कर सके और दोनों परिवारों के बीच बेहतर संवाद हो सके।

प्रज्वल का परिवार काम पर जाता था, और दिन में घर खाली रहता था। प्रज्वल ने शादी के बाद एक अच्छी कंपनी में नौकरी पा ली थी। लेकिन अंजना घर में अकेले रहकर बोर हो जाती थीं। इसलिए उन्होंने सोचा कि कोई छोटा काम शुरू किया जाए जिससे उनका समय भी अच्छा बीते और वह आर्थिक रूप से भी मदद कर सकें।

उन्होंने अपने घर के पास एक छोटा ब्यूटी पार्लर खोलने का निर्णय लिया। इस फैसले में प्रज्वल के माता-पिता ने उनका पूरा समर्थन किया। जिस परिवार ने पहले उन्हें स्वीकार नहीं किया था, वही परिवार अब न केवल उनसे प्यार करता था, बल्कि उनके व्यावसायिक फैसलों में भी साथ दे रहा था।

प्रज्वल उनसे बहुत प्यार करते थे। उज्जवल, जो उनके बड़े भाई थे, ने उन्हें अपने परिवार का हिस्सा मानकर सगे भाई की तरह प्यार दिया। समय के साथ, अंजना का परिवार भी यह देखकर पिघलने लगा कि उनके ससुराल वाले उनकी बेटी से कितना प्रेम करते हैं। धीरे-धीरे दोनों परिवारों ने इस रिश्ते को स्वीकार कर लिया और उनके बीच का संवाद बेहतर हो गया।

अंजना, उनके भाई-बहन और उज्जवल अच्छे दोस्त बन गए थे। वे एक-दूसरे के साथ घूमने जाते और खूब मस्ती करते। उज्जवल बहुत खुशमिजाज और जिंदादिल इंसान थे। वह मजाक कर या हंसी-मजाक से सबका मूड हल्का कर देते थे। उनकी यह आदत सबको भाती थी।

उज्जवल पेशे से एक साउंड इंजीनियर थे और उन्होंने नेपाल के सबसे प्रसिद्ध गानों में से एक “सुन सिल्ली” पर भी काम किया था। लेकिन सुनने की समस्या के कारण उन्हें यह काम छोड़ना पड़ा। इसके बाद उन्होंने एक सामान्य कार्यालय की नौकरी शुरू की। इस बदलाव ने उन्हें थोड़ा उदास किया, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार कर अपनी जिंदगी के अगले चरण की ओर बढ़ना शुरू कर दिया।

अंजना की नई शुरुआत और फिर दुखद मोड़

घरेलू कामकाज निपटाने और पार्लर में काम करने के बाद भी अंजना के पास काफी समय बच जाता था। उस समय टिक-टॉक का बहुत क्रेज था, इसलिए अंजना ने टिक-टॉक वीडियो बनाने का फैसला किया। उन्होंने सोचा कि इससे वह व्यस्त रहेंगी और शायद फेमस भी हो जाएं। इसका कारण यह था कि अंजना बहुत खूबसूरत थीं, और शायद आपने उनकी तस्वीरें देखी भी हों।

जैसा उन्होंने सोचा था, वैसा ही हुआ। बहुत कम समय में अंजना के वीडियो वायरल हो गए और उनके काफी फॉलोअर्स बढ़ गए। इसके बाद उन्हें मॉडलिंग के प्रोजेक्ट्स भी मिलने लगे, जिसमें उनकी दिलचस्पी भी थी। अंजना ने अपने ससुराल वालों को इसके बारे में बताया, और उन्होंने हमेशा की तरह इस बार भी उनका पूरा समर्थन किया।

अंजना अपने पार्लर और मॉडलिंग से अच्छी कमाई कर रही थीं, और प्रज्वल भी अपनी नौकरी में अच्छा कमा रहे थे। इसलिए, दोनों ने बेहतर भविष्य के लिए नेपाल छोड़कर कनाडा शिफ्ट होने का फैसला किया। यह बात बताने में दोनों को डर था, लेकिन चौंकाने वाली बात यह थी कि प्रज्वल के माता-पिता ने इसे बहुत सहजता से लिया। उन्होंने भी उनके इस सपने को साकार करने के लिए पैसे बचाना शुरू कर दिया।

शादी के दो साल बीत चुके थे। अंजना ने अब पार्लर का काम लगभग छोड़ दिया था क्योंकि मॉडलिंग से उन्हें ज्यादा फायदा हो रहा था। इन दो सालों में अंजना बहुत खुश थीं। उन्होंने अपने परिवारों को जोड़ा और अपने ससुराल वालों के साथ भी अच्छा समय बिताया।

लेकिन इस खुशी के दौर में भी एक छुपा संघर्ष चल रहा था। प्रज्वल के भाई उज्जवल की शादी अरेंज मैरिज से हुई थी, और उनकी पत्नी अंजना को पसंद नहीं करती थीं। वह अक्सर अंजना के खिलाफ परिवार के सामने शिकायत करतीं और अफवाहें फैलातीं।

अंजना ने यह बात अपने माता-पिता को बताई। उनके माता-पिता ने उन्हें समझाया कि इस छोटी सी बात पर घर का माहौल खराब न करें और इसे नज़रअंदाज़ करें। उन्होंने कहा कि कुछ महीनों में तुम लोग कनाडा शिफ्ट हो जाओगे, तो इस बात का कोई मतलब नहीं रहेगा। उज्जवल की पत्नी क्या कहती हैं, इसका असर तुम्हारे भविष्य पर नहीं पड़ेगा। इसलिए इस बात को तूल मत दो और शांत रहो।

अंजना ने अपने परिवार की सलाह मानी और इस मामले को कभी बड़ा मुद्दा नहीं बनाया। उन्होंने इसे लेकर घर में कोई बात नहीं की। लेकिन शायद ही किसी ने सोचा होगा कि इसके बाद अंजना के साथ क्या होने वाला था।

9 मई 2019, दोपहर 3 बजे, अंजना के ससुराल से एक फोन कॉल आता है। यह कॉल अंजना की माँ उठाती हैं। फोन के दूसरी तरफ अंजना की सास थीं, जो घबराई हुई आवाज़ में जल्दी से ललितपुर आने को कहती हैं। उन्होंने बताया कि उनके घर में कोई बड़ा हादसा हो गया है।

अंजना और उनका परिवार बिना देर किए ललितपुर की ओर रवाना होता है। लेकिन उस दिन की घटनाओं ने अंजना के जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया।

भयावह हादसा: अंजना की दुखद कहानी

अंजना के परिवार को चिंता हो रही थी। उन्होंने प्रज्वल को फोन किया, लेकिन उसने भी कुछ नहीं बताया। उसने बस ललितपुर जल्दी पहुंचने की गुजारिश की। हेटौडा से ललितपुर करीब 100 किमी दूर है और यह सफर आमतौर पर दो घंटे में पूरा हो जाता है। लेकिन उस दिन भारी ट्रैफिक के कारण उन्हें दोपहर 3 बजे निकलने के बाद रात 10 बजे पहुंचने तक का समय लग गया। सफर के दौरान अंजना के परिवार के मन में तमाम डरावने ख्याल आ रहे थे। वे सोच रहे थे कि आखिर ऐसा क्या हुआ होगा, जिसकी वजह से उनकी सास इतनी घबराई हुई थीं?

जैसे ही अंजना का परिवार प्रज्वल के घर पहुंचा, उन्होंने देखा कि घर के बाहर भारी भीड़ थी। पुलिस भी वहां मौजूद थी, जिसे देखकर उनका डर और बढ़ गया। जैसे ही वे घर के अंदर बढ़े, उन्होंने देखा कि अंजना का छोटा भाई, जिसे अंजना ने पढ़ाई के लिए अपने पास बुलाया था, वहां बैठकर जोर-जोर से रो रहा था।

पुलिस ने अंजना के पिता से कहा कि वे उनके साथ अंदर आएं। उनके हर कदम के साथ उनकी धड़कनें तेज हो रही थीं, और कहीं न कहीं उनके दिल में यह अहसास हो रहा था कि जो वे देखने जा रहे हैं, वह उनके जीवन का सबसे डरावना दृश्य होगा।

पुलिस ने उन्हें अंजना के कमरे के सामने खड़ा किया और जैसे ही दरवाजा खुला, अंजना के पिता अंदर का नजारा देखकर दंग रह गए। कुछ ही सेकंड में, बिना कमरे में कदम रखे, वे उल्टे पांव बाहर भागे।

कमरे के भीतर, अंजना के शरीर के टुकड़े उसके बिस्तर पर बिखरे पड़े थे। केवल उसका बायां हाथ और एक पैर सही सलामत थे। उसके शरीर पर गहरे घाव थे। उसका ऊपरी हिस्सा बिस्तर पर था, जबकि निचला हिस्सा फर्श पर पड़ा था। उसका सिर लगभग उसके शरीर से अलग हो चुका था। अपनी बेटी को इस हालत में देखकर अंजना के पिता यह सब सहन नहीं कर सके।

वह कमरे से बाहर भागे और जोर-जोर से रोने लगे। उनके चीखने की आवाज सुनकर अंजना का पूरा परिवार भी डर गया। सभी को यह अहसास हो गया कि उनकी बेटी अब इस दुनिया में नहीं रही।

अंजना की मां ने होश संभालते ही पुलिस से गुजारिश की कि वे अंजना के ससुराल वालों को गिरफ्तार करें। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी बेटी को उसके ससुराल वालों ने ही मिलकर मारा है। लेकिन इससे पहले कि अंजना की मां कुछ और कह पातीं, पुलिस ने उन्हें चौंकाने वाला सच बताया।

पुलिस ने बताया कि अपराधी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। और जो शख्स अंजना पर इतना क्रूर हमला करने का दोषी था, वह और कोई नहीं बल्कि उज्जवल था। वही उज्जवल जिसे अंजना अपना बड़ा भाई मानती थी, वही जिसने अंजना और प्रज्वल की शादी में मदद की थी।

यह सुनकर हर कोई स्तब्ध रह गया। अंजना ने अपने घर पर उज्जवल की हमेशा तारीफ की थी। वह आखिरी व्यक्ति था, जिसके बारे में कोई सोच सकता था कि वह ऐसा कर सकता है।

पुलिस ने अंजना की मां को यह भी बताया कि अंजना के ससुराल वाले इस घटना को छिपाना चाहते थे। वे नहीं चाहते थे कि अंजना का परिवार यह सब जाने। लेकिन जब पुलिस ने उन पर दबाव डाला और कहा कि उनका परिवार यहां होना चाहिए, तब जाकर अंजना की सास ने अंजना की मां को फोन किया।

दिल दहला देने वाली वारदात: अंजना की हत्या की पूरी कहानी

पुलिस ने अंजना के माता-पिता को फोन इसलिए किया ताकि वे आकर उसकी पहचान करें। जब तक अंजना की पहचान नहीं हो जाती, पुलिस इस केस को आगे नहीं बढ़ा सकती थी और न ही उसका शव वहां से हटा सकती थी। इस स्थिति को समझते हुए, अंजना के माता-पिता ने पुलिस से अनुरोध किया कि उज्जवल के साथ उसकी पत्नी को भी गिरफ्तार किया जाए।

अंजना ने पहले ही अपने परिवार को उज्जवल की पत्नी के बुरे व्यवहार के बारे में बताया था। उन्होंने यह भी कहा था कि उज्जवल की पत्नी ने लंबे समय तक उज्जवल के कान भरे और पूरे परिवार को अंजना के खिलाफ कर दिया। अंजना के माता-पिता का मानना था कि इस हत्या में उज्जवल की पत्नी का भी हाथ हो सकता है।

लेकिन पुलिस ने ऐसा करने से इनकार कर दिया क्योंकि उज्जवल ने अपने बयान में कबूल कर लिया था कि उसने यह अपराध अकेले किया और इसमें कोई और शामिल नहीं था।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से यह साफ हुआ कि अंजना की मौत 9 मई 2019 को दोपहर 1:30 बजे हुई थी। उसकी हत्या नेपाली खुकरी से की गई, जो नेपाल में बकरियों या भेड़ों को काटने के लिए इस्तेमाल की जाती है।

उज्जवल ने पुलिस के सामने इस जघन्य अपराध की पूरी कहानी सुनाई। उसकी बात सुनकर हर कोई हैरान था।

घटना का क्रम:

  1. घटना से पहले का दिनचर्या:
    9 मई की सुबह, प्रज्वल ऑफिस के लिए नाश्ता करके निकल गए। घर पर केवल अंजना, उसकी सास, और उज्जवल मौजूद थे।
  2. पानी भरने के लिए बाहर गई अंजना:
    दिन में अंजना पानी लाने के लिए घर के पास एक नल पर गई लेकिन पानी न होने के कारण वापस आ गई। इस दौरान, उज्जवल ने उसे अपने घर की बालकनी से देखा।
  3. हत्या की योजना:
    जब अंजना घर लौटी और अपने कमरे में जाकर फोन पर व्यस्त हो गई, तो उज्जवल ने खुकरी उठाई। शुरुआत में उसने एक छोटी खुकरी ली लेकिन उसे लगा कि यह काम के लिए काफी नहीं होगी। फिर उसने अपने माता-पिता के कमरे से एक बड़ी खुकरी ली।
  4. कमरे में प्रवेश:
    अंजना का कमरा अक्सर अंदर से बंद रहता था, लेकिन उस दिन यह खुला था। उज्जवल ने इस मौके का फायदा उठाया और खुकरी लेकर उसके कमरे में घुस गया।
  5. पहला हमला:
    जब अंजना ने उज्जवल को खुकरी के साथ देखा, तो वह चौंक गई। इससे पहले कि वह कुछ समझ पाती, उज्जवल ने उस पर हमला शुरू कर दिया।
  6. खुद को बचाने की कोशिश:
    अंजना ने अपने बाएं हाथ से उज्जवल को रोकने की कोशिश की, लेकिन खुकरी इतनी तेज थी कि उसका हाथ कटकर जमीन पर गिर गया। उज्जवल ने फिर उसके सिर और पैरों पर हमला किया। अंजना ने अपने पैरों से उसे धक्का देने की कोशिश की, लेकिन उसकी टांगें भी गंभीर रूप से घायल हो गईं।
  7. खून की कमी से बेहोशी:
    उज्जवल के लगातार हमलों के कारण अंजना का खून तेजी से बहने लगा। खून की कमी से वह बेहोश हो गई।
  8. हत्या सुनिश्चित करने का प्रयास:
    उज्जवल को डर था कि अगर अंजना को होश आ गया तो वह सब कुछ बता देगी। उसने सुनिश्चित करने के लिए उस पर और हमले किए।

अंजना के माता-पिता और परिवार यह समझने में असमर्थ थे कि उज्जवल, जिसे वे अपना मानते थे, आखिर इतना क्रूर कैसे हो गया। हत्या की इस दर्दनाक कहानी ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया।

यह वारदात केवल एक व्यक्ति के आपराधिक कृत्य से जुड़ी नहीं थी, बल्कि एक ऐसी त्रासदी थी जिसने परिवारों और रिश्तों की नींव को हिलाकर रख दिया। सवाल यह भी था कि उज्जवल ने ऐसा क्यों किया? क्या यह केवल ईर्ष्या थी, या इसके पीछे कोई गहरी साजिश थी?

उज्जवल ने बेहोश अंजना पर 20-25 बार खुकरी से वार किया, जिससे उसका सिर लगभग धड़ से अलग हो गया। खून पूरे बिस्तर और उज्जवल के कपड़ों पर फैल गया। इस नृशंस कृत्य के बाद भी, उज्जवल के चेहरे पर कोई पछतावा नहीं था। उसने तुरंत अपनी मां के पास जाकर कहा, “मैंने अंजना को मार डाला है, और इसे मैंने अकेले किया है।”

उज्जवल की घृणा का कारण

पुलिस ने जब उज्जवल से पूछा कि उसने ऐसा क्यों किया, तो उसने निम्नलिखित कारण बताए:

  1. अंजना का खुलेपन भरा व्यवहार: उज्जवल को अंजना का आत्मविश्वास और स्पष्टवादी स्वभाव पसंद नहीं था।
  2. जाति का भेदभाव: अंजना एक अलग जाति से थी, जो उज्जवल को स्वीकार्य नहीं था।
  3. मॉडलिंग और कपड़े: अंजना का मॉडलिंग करना और आधुनिक कपड़े पहनना उसे नापसंद था।
  4. टिकटॉक वीडियो बनाना: उज्जवल को यह भी बुरा लगता था कि अंजना टिकटॉक पर वीडियो बनाती थी।
  5. कनाडा में बसने की योजना: उज्जवल को यह मंजूर नहीं था कि अंजना और प्रज्वल कनाडा जाकर बसें। उसे लगता था कि अंजना उसके भाई को उससे और परिवार से दूर ले जा रही है।

उज्जवल ने इस हत्या की योजना दो साल पहले बनाई थी। उसने अंजना के प्रति अपनी नफरत को छिपाकर रखा और परिवार के सामने यह दिखाया कि वह अंजना की परवाह करता है।

अंजना के माता-पिता ने न्याय के लिए दो साल तक अदालत में लड़ाई लड़ी। उज्जवल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। हालांकि, उज्जवल के परिवार ने मामला फिर से खुलवाने की अपील की, जिसमें उन्होंने यह साबित करने की कोशिश की कि उज्जवल मानसिक रूप से अस्थिर था। लेकिन अदालत ने इस अपील को खारिज कर दिया।

इस पूरी घटना में अंजना के पति प्रज्वल ने अपने परिवार का विरोध किया और उज्जवल के मानसिक रूप से अस्थिर होने के दावे को गलत बताया। वह अंजना से सच्चा प्यार करता था और इस घटना के बाद अब वह अकेले कनाडा में रहता है।

अंजना की हत्या ने समाज में छिपी घृणा, ईर्ष्या और पितृसत्तात्मक सोच को उजागर किया। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि भावनाओं के अंधेरे पक्ष को नजरअंदाज करना कितना खतरनाक हो सकता है।

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