सिद्ध लिंगप्पा: एक प्रेमी या बेरहम सीरियल किलर? – एक खौफनाक कहानी Hindi Crime Story

कर्नाटक में दो अधूरी लाशों का रहस्य

8 जून 2022 की बात है। कर्नाटक के मैसूर से करीब 45 किलोमीटर दूर मांड्या जिले के एक गांव, के बेटन हल्ली में एक व्यक्ति नहर के पास से गुजर रहा था। उस समय नहर में पानी कम था। अचानक उसकी नजर नहर में तैरती किसी चीज़ पर पड़ी। जिज्ञासा के कारण वह नहर के करीब गया और जो देखा, उसे देखकर डर के मारे कांप उठा।

नहर में एक इंसानी लाश पड़ी थी, लेकिन उसका ऊपरी हिस्सा यानी कमर से ऊपर का भाग गायब था। यह देख वह आदमी घबरा गया और वहां से भागते हुए गांव में जाकर लोगों को बताया। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।

पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और लाश को नहर से बाहर निकाला। यह लाश किसी महिला की थी, लेकिन उसका सिर और ऊपरी शरीर गायब होने की वजह से पहचान करना मुश्किल था। ऐसा लग रहा था कि हत्या करने वाले ने जानबूझकर लाश का ऊपरी हिस्सा हटा दिया ताकि पहचान न हो सके।

पुलिस अभी इसी लाश के मामले की जांच कर रही थी कि कुछ ही घंटों बाद, के बेटन हल्ली से 25 किलोमीटर दूर अरकेरी गांव के पास एक और नहर में दूसरी अधूरी लाश मिलने की खबर मिली। इस बार भी हालात पहले जैसे थे। यह भी एक महिला की लाश थी, और इसका भी सिर और ऊपरी हिस्सा गायब था।

पुलिस को पहले लगा कि यह दूसरी लाश दरअसल पहली वाली लाश का ही बचा हुआ हिस्सा है, लेकिन जब नहर से निकाला गया तो यह एक अलग महिला की लाश निकली। अब पुलिस के सामने साफ हो गया कि दोनों हत्याएं किसी एक ही व्यक्ति ने की हैं।

जांच में तीन बातें सामने आईं:

  1. दोनों लाशें महिलाओं की थीं।
  2. दोनों का ऊपरी हिस्सा गायब था।
  3. दोनों को अलग-अलग नहरों में 25 किलोमीटर के दायरे में फेंका गया था।

पुलिस ने दोनों लाशों के ऊपरी हिस्से को बहुत खोजा, लेकिन कुछ नहीं मिला। बिना चेहरे के उनकी पहचान भी नहीं हो सकी। जांच आगे नहीं बढ़ पा रही थी, इसलिए पुलिस ने इस केस को दूसरे एंगल से खंगालना शुरू कर दिया।

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कर्नाटक पुलिस की गहरी जांच

कर्नाटक पुलिस ने इस मामले को सुलझाने के लिए अपनी सबसे बेहतरीन 45 पुलिस अधिकारियों की एक टीम बनाई और जांच के लिए नौ अलग-अलग टीमें तैयार कीं। साथ ही, दो तकनीकी टीमें भी गठित की गईं, जिनका काम पूरे राज्य में दर्ज 25 से 35 साल की लापता महिलाओं की रिपोर्ट खंगालना था। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि दोनों मृत महिलाओं की उम्र भी इसी दायरे में थी।

पुलिस ने पूरे राज्य से लापता महिलाओं का डेटा इकट्ठा किया। आंकड़ों के अनुसार, उस समय कर्नाटक में 1116 महिलाएं लापता थीं। अब पुलिस उन महिलाओं की तलाश करने लगी, जिनकी जानकारी इन लाशों से मेल खा सकती थी। इसके अलावा, पुलिस ने 10,000 पर्चे छपवाकर आसपास के इलाकों में बांटे, ताकि कोई पहचान का दावा करे, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।

जांच जारी रही, लेकिन कई दिन बीत गए, फिर हफ्ते और फिर दो महीने गुजर गए, फिर भी पुलिस को कोई ठोस सुराग नहीं मिला। हालांकि, पुलिस पूरी मेहनत और ईमानदारी से अपना काम कर रही थी।

लगभग दो महीने बाद, एक सब-इंस्पेक्टर ने एक नई कड़ी को खंगालना शुरू किया। यह कड़ी थी मांड्या से करीब 77 किलोमीटर दूर चामराजनगर शहर में लापता हुई एक महिला—गीता उर्फ पुत्ती।

तस्वीर ने खोला राज, कातिल तक पहुंची पुलिस

सब-इंस्पेक्टर गीता के घर पहुंचे और उसके परिवार से कुछ सवाल किए। इसके बाद उन्होंने गीता की कुछ तस्वीरें देखने की इच्छा जताई। जब वे पुरानी तस्वीरें देख रहे थे, तो एक फोटो में उन्हें ऐसा सुराग मिला, जिसने इस केस को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई।

दरअसल, उस तस्वीर में गीता ने जो कपड़े पहने थे, वही रंग और डिज़ाइन के कपड़े पुलिस को क्राइम सीन पर मिले थे। इससे यह साफ हो गया कि नहर में मिली दो लाशों में से एक लाश चामराजनगर की रहने वाली गीता की थी। आखिरकार, पुलिस के हाथ एक ठोस सुराग लग गया था, जिससे हत्यारे तक पहुंचने का रास्ता खुल गया।

पुलिस ने गीता के परिवार से उसका मोबाइल नंबर लिया और उसकी कॉल डिटेल्स खंगालनी शुरू की। पुलिस ने यह भी जांचा कि घटना वाले दिन गीता ने किससे बात की थी और उसकी आखिरी लोकेशन कहां थी। लोकेशन ट्रेस करने पर पता चला कि उसकी आखिरी मौजूदगी मांड्या में थी।

जांच के दौरान पुलिस को एक संदिग्ध नंबर मिला, जिससे गीता से कई बार बातचीत हुई थी। यह नंबर 35 साल के टी. सिद्ध लिंगप्पा का था, जो बेंगलुरु के पीनिया इंडस्ट्रियल एरिया के एक कारखाने में काम करता था। वह शादीशुदा था और अपने परिवार के साथ बेंगलुरु में रहता था।

पुलिस ने सिद्ध लिंगप्पा को उसके घर से गिरफ्तार किया और जब उससे गीता के बारे में पूछा गया, तो उसने उसे पहचानने से इनकार कर दिया। लेकिन जब पुलिस ने उसे कॉल डिटेल्स दिखाईं, जिनसे साफ था कि गीता से उसकी कई बार बात हुई थी, तो वह टूट गया।

सिद्ध लिंगप्पा ने कबूल कर लिया कि उसने ही गीता की हत्या की और उसकी लाश के निचले हिस्से को नहर में फेंक दिया। जब पुलिस ने उससे हत्या की वजह पूछी, तो उसने जो कहानी सुनाई, उसे सुनकर पुलिस भी कांप गई।

प्यार, बदला और खौफनाक कत्लों की सच्चाई

सिद्ध लिंगप्पा की चौंकाने वाली कहानी सुनने के बाद पुलिस ने एक और आरोपी, चंद्रकला नाम की महिला को गिरफ्तार किया। चंद्रकला देह व्यापार में थी, और कुछ साल पहले उसकी मुलाकात सिद्ध लिंगप्पा से हुई थी। धीरे-धीरे दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं और वे एक-दूसरे से प्यार करने लगे।

एक दिन चंद्रकला ने सिद्ध लिंगप्पा को अपनी दर्दनाक कहानी सुनाई। उसने बताया कि कुछ लोगों ने उसे जबरदस्ती इस धंधे में धकेला था, वरना वह भी आज एक सामान्य जिंदगी जी रही होती। यह सुनकर सिद्ध लिंगप्पा को गहरा झटका लगा और वह गुस्से से पागल हो गया। चंद्रकला के प्यार में अंधे हो चुके सिद्ध लिंगप्पा ने कसम खाई कि जिसने भी चंद्रकला को इस दलदल में धकेला है, वह उन सबको एक-एक करके मार डालेगा।

इसके बाद दोनों ने सात लोगों की एक लिस्ट बनाई, जिन पर चंद्रकला को इस धंधे में धकेलने का आरोप था। बदला लेने के लिए उन्होंने मैसूर में एक किराए का घर लिया और अपने पहले शिकार के रूप में गीता को चुना।

गीता की हत्या
3 जून 2022 को चंद्रकला और सिद्ध लिंगप्पा ने गीता को नौकरी दिलाने का झांसा देकर मैसूर बुलाया। गीता पहले से चंद्रकला को जानती थी, इसलिए वह उन दोनों के जाल में फंस गई। जब गीता कमरे पर पहुंची, तो मौका देखकर सिद्ध लिंगप्पा ने उसका गला घोंट दिया। जब उसकी सांसें रुक गईं, तो दोनों ने उसकी लाश को कमर से दो हिस्सों में काट दिया।

इसके बाद सिद्ध लिंगप्पा ने बाइक चलाई, जबकि चंद्रकला लाश के एक हिस्से को बोरे में भरकर पीछे बैठ गई। उन्होंने पहले लाश के एक हिस्से को ठिकाने लगाया और फिर दूसरे हिस्से को भी उसी तरह अलग नहर में फेंक दिया। गीता की हत्या के बाद उन्होंने उसके गहने और पैसे भी लूट लिए।

पार्वती की हत्या
जब पुलिस ने दूसरी अधकटी लाश के बारे में पूछा, तो सिद्ध लिंगप्पा ने कबूल किया कि वह लाश पार्वती नाम की एक महिला की थी। उसका नाम भी उनकी बदले की लिस्ट में था।

30 मई 2022 को, ठीक गीता की तरह, चंद्रकला और सिद्ध लिंगप्पा ने पार्वती को भी नौकरी का झांसा देकर मैसूर बुलाया। फिर उसका गला घोंटकर उसे भी मार दिया और लाश के दो टुकड़े कर दिए। बाइक से ले जाकर उसके शरीर के दोनों हिस्सों को अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया।

8 जून 2022 को जब पार्वती और गीता के निचले हिस्से अलग-अलग नहरों में मिले, तो पुलिस को इस खौफनाक कहानी का पहला सुराग मिला। गीता की गुमशुदगी की जांच के चलते ही इन दोनों लाशों की गुत्थी सुलझ पाई।

अब पुलिस ने सिद्ध लिंगप्पा पर सख्ती शुरू कर दी और उससे सख्ती से पूछताछ करने लगी। जब पुलिस ने उसकी लिस्ट के बाकी नामों के बारे में पूछा, तो उसने जो बताया, उसे सुनकर पुलिस एक बार फिर दंग रह गई।

जब प्यार बना मौत की वजह

सिद्ध लिंगप्पा ने पुलिस को बताया कि उसने गीता और पार्वती से पहले भी एक और महिला का कत्ल किया था, जिसका नाम कुमुदा था। कुमुदा भी उसकी बदले की लिस्ट में शामिल थी और वह उसकी पहली शिकार बनी थी। मई 2022 में उसने बेंगलुरु में कुमुदा की हत्या की और उसके भी टुकड़े करके अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया।

इसके बाद, 30 मई को पार्वती उसकी दूसरी शिकार बनी और 3 जून को गीता को मारकर उसने अपनी तीसरी हत्या को अंजाम दिया। यानी, अब तक उसने अपनी लिस्ट के तीन लोगों को खत्म कर दिया था और बाकी चार की हत्या की योजना बना रहा था।

चौंकाने वाला खुलासा
इसके बाद सिद्ध लिंगप्पा ने पुलिस को एक और चौंकाने वाली बात बताई। उसने कहा कि उसने और चंद्रकला ने सात लोगों की लिस्ट बनाई थी, लेकिन उसने इस लिस्ट में एक और नाम जोड़ दिया था। हैरानी की बात यह थी कि उसकी प्रेमिका चंद्रकला को भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

जब पुलिस ने उससे पूछा कि वह आठवां नाम किसका था, तो सिद्ध लिंगप्पा ने जो जवाब दिया, वह किसी को भी दहला सकता था। उसने बताया कि वह नाम और कोई नहीं बल्कि चंद्रकला का ही था! यानी उसकी अगली शिकार उसकी अपनी प्रेमिका चंद्रकला थी।

पुलिस हैरान रह गई कि जिस चंद्रकला के लिए सिद्ध लिंगप्पा ने तीन महिलाओं को बेरहमी से मार डाला और चार और को खत्म करने की साजिश रच रहा था, आखिर वही उसकी अगली शिकार क्यों बन गई? इस पर सिद्ध लिंगप्पा ने बताया कि चंद्रकला ही इस पूरे अपराध की इकलौती गवाह थी। उसे डर था कि अगर चंद्रकला कभी पुलिस के हाथ लग गई, तो वह सारा राज खोल देगी और उसे भी फंसा देगी। इसी डर की वजह से उसने चंद्रकला को भी मारने का फैसला कर लिया था।

पुलिस की सफलता
पुलिस ने सही समय पर कार्रवाई करते हुए इस खतरनाक सीरियल किलर को गिरफ्तार कर लिया। अगर पुलिस ने उसे पकड़ने में जरा भी देरी की होती, तो वह चंद्रकला के अलावा चार और लोगों की हत्या कर चुका होता। इस मामले की जांच करने वाली पुलिस टीम ने बेहतरीन काम किया और उन्हें इस सफलता के लिए नकद इनाम भी दिया गया।

हालांकि, पुलिस की जांच आगे भी जारी रही और वे लाशों के ऊपर के हिस्सों को खोजने में जुटे रहे। लेकिन इस भयानक अपराध के दोषियों, सिद्ध लिंगप्पा और चंद्रकला, दोनों को उनके कुकर्मों की सजा मिल गई और वे जेल भेज दिए गए।

सबक लेने की जरूरत

यह घटना सिर्फ एक अपराध की कहानी नहीं, बल्कि एक सीख भी है। हमें सतर्क और जागरूक रहने की जरूरत है ताकि हम ऐसे जाल में न फंसें। इस घटना से आपको क्या सीख मिलती है? अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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