15 दिसंबर 2021 की सुबह हरियाणा के पानीपत शहर में रहने वाले भराना परिवार के लिए एक आम दिन की तरह शुरू हुई, लेकिन किसी ने भी नहीं सोचा था कि यह दिन उनके जीवन को झकझोर कर रख देगा। सीसीटीवी कैमरे में एक अजनबी व्यक्ति भराना परिवार के घर की ओर बढ़ते हुए दिखाई देता है। उस वक्त विनोद भराना अपने कमरे में लेटे हुए आराम कर रहे थे, क्योंकि हाल ही में हुए एक सड़क दुर्घटना में उनके दोनों हाथ फ्रैक्चर हो चुके थे। घर का मुख्य दरवाजा खुला हुआ था, और उनकी पत्नी किचन में खाना बना रही थीं। खुले दरवाजे का फायदा उठाकर यह व्यक्ति चुपके से घर के अंदर दाखिल हो गया।
किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी, और वह सीधे उस कमरे में पहुंच गया, जहां विनोद भराना लेटे हुए थे। अचानक, उस व्यक्ति ने विनोद पर हमला कर दिया। इस अप्रत्याशित हमले से घबराकर विनोद चिल्लाने लगे। उनकी चीख सुनकर उनकी पत्नी भागकर कमरे की ओर आईं और दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन असफल रहीं। घबराई हुई वह मदद के लिए बाहर भागीं और शोर मचाने लगीं। उनकी आवाज सुनकर आसपास के लोग इकट्ठा हो गए और दरवाजा तोड़ने की कोशिश करने लगे।
इस बीच, हमलावर ने पहले विनोद को नीचे गिराया और फिर अपनी गन से एक गोली उनकी कमर में और दूसरी उनके सिर में मार दी। इसके बाद उसने गन को दोबारा लोड किया और दरवाजे की कुंडी पर गोली चलाकर उसे तोड़ा। बाहर निकलने की कोशिश में उसने वहां जमा लोगों को अपनी गन से डराने की कोशिश की। लेकिन लोग पीछे हटने के बजाय उसे पकड़ने के लिए आगे बढ़े। हिम्मत दिखाते हुए उन्होंने हमलावर को दबोच लिया, खंबे से बांध दिया और पीटना शुरू कर दिया।
हैरानी की बात यह थी कि यह व्यक्ति बिल्कुल भी डरा हुआ नहीं था। उसने ठंडी आवाज में कहा, “मेरा काम हो गया, अब चाहे मुझे मार डालो।” जब उसने तीसरी बार गन लोड करने की कोशिश की, तब लोगों ने शीशे में देखकर उसे पकड़ लिया। कुछ लोग उसे पुलिस के हवाले कर आए, जबकि बाकी घायल विनोद को तुरंत अस्पताल लेकर गए। इस घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया और हर कोई हैरान था कि आखिर यह हमला क्यों और कैसे हुआ।
दर्दनाक हत्या: हादसे से लेकर साजिश तक की कहानी
अनफॉर्चूनेटली, सिर में गोली लगने के कारण विनोद की मौके पर ही मौत हो गई, और वह जिंदगी की बाजी हार बैठे। उनके परिवार के लिए यह एक ऐसा सदमा था, जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। दिन के उजाले में, अपनी आंखों के सामने बेटे को गोली लगते देखना और फिर उसकी मौत की खबर सुनना किसी भी मां-बाप के लिए जीवन का सबसे बड़ा दर्द हो सकता है। विनोद की पत्नी, निधि, जब इस खबर को सुनती हैं, तो सदमे की वजह से बेहोश हो जाती हैं।
लेकिन सवाल यह उठता है कि इस हत्या के पीछे असली मकसद क्या था?
यह कहानी 5 अक्टूबर 2021 से शुरू होती है। पानीपत के सुखदेव नगर में, शाम का वक्त था जब विनोद अपनी दुकान के बाहर कुर्सी पर बैठे हुए थे। अचानक, एक तेज रफ्तार ट्रक ने उन्हें बुरी तरह कुचल दिया। यह एक्सीडेंट इतना भयानक था कि उनके बचने की उम्मीदें बहुत कम थीं। लेकिन किस्मत ने उनका साथ दिया, और वह बच गए। हालांकि, उनके दोनों पैर बुरी तरह फ्रैक्चर हो गए।
विनोद के चाचा ने इस घटना की शिकायत सुखदेव नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाई। जांच के बाद, पुलिस ने ट्रक ड्राइवर को गिरफ्तार किया। उसका नाम देव सुनार उर्फ दीपक था। कोर्ट में देव ने बताया कि ट्रक के ब्रेक फेल हो गए थे, जिस कारण यह हादसा हुआ। चूंकि यह एक जानबूझकर किया गया हमला नहीं था, इसलिए देव सुनार को जल्द ही रिहा कर दिया गया।
लेकिन असली सच्चाई तब सामने आई, जब पुलिस ने इस केस की गहराई से जांच की। उन्हें पता चला कि विनोद के घर में घुसकर उनकी जान लेने वाला व्यक्ति और कोई नहीं, बल्कि वही देव सुनार उर्फ दीपक था, जिसने कुछ समय पहले उन्हें ट्रक से टक्कर मारी थी।
जेल से रिहा होने के बाद, दीपक लगातार विनोद पर केस वापस लेने का दबाव बना रहा था। जब विनोद ने उसकी बात मानने से इनकार कर दिया, तो उसने इस जघन्य अपराध को अंजाम दे दिया। दीपक ने विनोद के घर में घुसकर पहले उनके साथ मारपीट की और फिर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी।
यह पूरी घटना न केवल एक परिवार के लिए बल्कि पूरे इलाके के लिए दर्दनाक और स्तब्ध कर देने वाली थी। हादसे से शुरू हुई यह कहानी, हत्या की साजिश में बदल गई, जिसने सबके दिलों को झकझोर कर रख दिया।
आदर्श जीवन, साजिश और सच का खुलासा
पुलिस के लिए यह मामला शुरुआत में बिल्कुल स्पष्ट और आसान लग रहा था। अपराध, आरोपी और उसका मकसद सब कुछ सामने था। यह एक सिंपल ओपन एंड शट केस की तरह दिख रहा था। पुलिस ने देव सुनार को विनोद भराना की हत्या के आरोप में धारा 302 के तहत गिरफ्तार कर लिया। लेकिन जैसा कि कहते हैं, जो दिखता है, जरूरी नहीं कि वही सच हो। तो आखिर इस हत्या के पीछे की पूरी सच्चाई क्या थी? यह साजिश कैसे रची गई, और कैसे एक मैसेज ने पूरे मामले की परतें खोल दीं? आइए, इस केस की गहराई में चलते हैं।
विनोद भराना पानीपत में एक कंप्यूटर सेंटर चलाते थे। वह न केवल अपनी फील्ड में बल्कि सोशल वर्क में भी बेहद सक्रिय थे। उनकी सोच हमेशा यही थी कि आईटी की अधिक से अधिक जानकारी को पानीपत के लोगों तक पहुंचाया जाए। विनोद जरूरतमंदों के लिए मुफ्त शिक्षा का प्रबंध करते थे, भूखों को खाना खिलाते थे, और मुश्किल वक्त में अपनी क्षमता से अधिक लोगों की मदद करते थे।
उनका व्यक्तित्व बेहद प्रेरणादायक था। उनकी ज़िंदगी में वह सब कुछ था, जो किसी भी आदर्श जीवन में होना चाहिए। उनकी शादीशुदा ज़िंदगी भी बहुत अच्छी थी। विनोद अपनी पत्नी निधि और दो बच्चों—एक बेटा और एक बेटी—के साथ खुशहाल जीवन जी रहे थे। उनका बिजनेस भी अच्छा चल रहा था, और आर्थिक रूप से किसी तरह की कमी नहीं थी।
न विनोद की जिंदगी में कोई पारिवारिक विवाद था और न ही किसी तरह की दुश्मनी। उनकी फैमिली उतनी ही आदर्श थी, जितनी कि फिल्मों में दिखाई जाती है। लेकिन सवाल यह है कि फिर इस परिवार को किसकी नजर लग गई? ऐसा कौन था, जिसने विनोद की जिंदगी में अंधेरा ला दिया और उनकी खुशहाल दुनिया को तहस-नहस कर दिया?
इस आदर्श जिंदगी के पीछे छिपे सच और इस हत्या की साजिश का खुलासा, एक साधारण से मैसेज से हुआ। यह मामला जितना साफ-सुथरा लग रहा था, उतना ही पेचीदा और चौंकाने वाला बन गया।
विनोद भराना मर्डर केस: दो साल बाद चौंकाने वाला खुलासा
साल 2024 में, विनोद भराना की हत्या के दो साल बाद, पानीपत के एसपी अजीत सिंह के पास एक ऐसा मैसेज पहुंचा जिसने इस केस में नया मोड़ ला दिया। यह मैसेज किसी और ने नहीं, बल्कि विनोद के ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले भाई प्रमोद भडारा ने भेजा था। प्रमोद ने इसमें दावा किया कि उनके भाई की हत्या के पीछे उनके ही परिवार के किसी सदस्य का हाथ हो सकता है। साथ ही, उन्होंने पुलिस से अनुरोध किया कि इस मामले की दोबारा जांच की जाए।
दरअसल, प्रमोद ने इससे पहले भी इस केस को दोबारा खोलने की कोशिश की थी और पानीपत पुलिस को सबूत भी सौंपे थे। लेकिन उन प्रयासों का कोई नतीजा नहीं निकला। फिर जब अजीत सिंह ने पानीपत के डीएसपी के रूप में पदभार संभाला, तो प्रमोद को एक बार फिर उम्मीद जगी। अजीत सिंह अपनी ईमानदारी और नियमों का सख्ती से पालन करने के लिए जाने जाते थे।
अजीत सिंह ने मामले की गंभीरता को समझते हुए केस की फाइलें मंगवाईं और इसकी गहराई से जांच शुरू की। जैसे-जैसे वह केस स्टडी कर रहे थे, उन्हें इसमें एक ऐसा एंगल नजर आया जिसने उनकी सोच को झकझोर दिया। उन्हें शक होने लगा कि क्या देव सुनार की बंदूक का ट्रिगर किसी और के हाथ में था?
यह सवाल केस को एक नई दिशा में ले गया। क्या विनोद भराना की हत्या सिर्फ देव सुनार का काम थी, या वह किसी और के इशारों पर काम कर रहा था? इस नई जांच ने पूरे मामले को फिर से खोल दिया और एक ऐसे सच की तलाश शुरू हुई, जो अब तक पर्दे के पीछे छिपा हुआ था।
नई जांच और चौंकाने वाले खुलासे: विनोद भराना मर्डर केस
डीएसपी अजीत ने इस केस को गुप्त रूप से दोबारा खोलने का फैसला किया। उन्होंने अपने एक भरोसेमंद पुलिस अधिकारी को इस मामले की सीक्रेट इन्वेस्टिगेशन का जिम्मा सौंपा, ताकि इस साजिश में शामिल असली अपराधी सतर्क होकर भागने न पाए। किसी भी केस की तह तक पहुंचने के लिए अपराधी की व्यक्तिगत, सामाजिक और आर्थिक पहलुओं की जांच करना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि ये तीनों आपस में गहराई से जुड़े होते हैं।
इस दिशा में आगे बढ़ते हुए, पुलिस ने देव सुनार की बैंक डिटेल्स और कॉल रिकॉर्ड्स की गहराई से जांच शुरू की। इससे कई अहम सुराग सामने आए। पहला, जिस ट्रक से विनोद को टक्कर मारी गई थी, वह हादसे से कुछ समय पहले ही नया खरीदा गया था। दूसरा, देव के बैंक और कॉल रिकॉर्ड्स में बार-बार एक ही नाम सामने आ रहा था, और वह नाम था सुमित।
पुलिस ने पाया कि विनोद के एक्सीडेंट और मर्डर के बीच, देव और सुमित के बीच कई बार लंबी-लंबी कॉल्स हुई थीं। जब पुलिस ने सुमित की जांच शुरू की, तो पता चला कि वह एक जिम ट्रेनर था। हैरानी की बात यह थी कि सुमित वही व्यक्ति था जिसने देव को ट्रक हादसे के बाद बेल दिलवाई थी। अब सवाल यह था कि सुमित का विनोद की हत्या से क्या संबंध था?
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, पुलिस को सुमित के बैंक रिकॉर्ड्स और कॉल ट्रांजैक्शन में एक चौंकाने वाला नाम मिला। वह नाम किसी और का नहीं, बल्कि विनोद की पत्नी निधि का था। सुमित के कॉल रिकॉर्ड्स से पता चला कि वह निधि से रोज घंटों बात करता था, और उसकी बैंक ट्रांजैक्शन में भी निधि का नाम सामने आया।
अब तस्वीर साफ होने लगी थी। पुलिस को यकीन हो गया कि देव सुनार, निधि, और सुमित तीनों किसी न किसी तरीके से विनोद की हत्या की साजिश में शामिल थे। पुलिस के पास पर्याप्त सबूत थे, जिससे सुमित और निधि से पूछताछ की जा सके। इसके बाद, पुलिस ने निधि और सुमित को गिरफ्तार कर लिया।
यह जांच एक ऐसे मोड़ पर पहुंच गई थी, जहां हर परत खुलने के साथ नए राज सामने आ रहे थे। यह सिर्फ एक हत्या का मामला नहीं, बल्कि रिश्तों, साजिशों और लालच की गहराई में छिपा हुआ एक दर्दनाक सच बन चुका था।
सच के पर्दाफाश में फुटेज की अहम भूमिका
शुरुआत में, पुलिस की पूछताछ के दौरान निधि और सुमित ने आरोपों से साफ इनकार कर दिया। लेकिन जब पुलिस ने निधि को वह सीसीटीवी फुटेज दिखाई, जो इस मामले के हर पहलू को उजागर करती थी, तो कहानी का सच सामने आने लगा। यह वही फुटेज थी, जिसे आप इस केस की शुरुआत में देख चुके हैं।
15 दिसंबर 2021 की इस फुटेज में दिखाया गया था कि जब देव सुनार विनोद के घर में घुसा, तो निधि किचन में खाना बना रही थी। लेकिन चौंकाने वाली बात यह थी कि देव के आने की निधि को पहले से खबर थी। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मेन डोर पहले से खुला हुआ था।
जैसे ही देव घर में दाखिल हुआ, उसने अंदर आते ही पहले निधि को नमस्ते कहा। फुटेज में दोनों के बीच आई कॉन्टेक्ट और इशारों में बातचीत साफ नजर आ रही थी। निधि ने देव को उस कमरे की ओर इशारा किया, जहां विनोद लेटे हुए थे। देव ने इशारा समझते हुए सीधे कमरे की ओर रुख किया। और जैसे ही देव ने विनोद पर हमला शुरू किया, निधि ने चिल्लाने और मदद के लिए शोर मचाने की एक्टिंग शुरू कर दी।
फुटेज देखने पर साफ नजर आता है कि निधि ने कमरे का दरवाजा खोलने की खास कोशिश भी नहीं की। दरअसल, यह पूरी साजिश निधि की रची हुई थी। अब सवाल उठता है कि पुलिस ने इस फुटेज को पहले क्यों नहीं देखा और अढ़ाई साल बाद इसे क्यों खंगाला गया। इसका जवाब है पुलिस की आधी-अधूरी जांच।
उस वक्त पुलिस ने इस केस को केवल एक एक्सीडेंट से जुड़े बदले का मामला समझा और इसे गहराई से जांचने की कोशिश ही नहीं की। जब पुलिस ने निधि के सामने यह फुटेज रखी, तो उसने शुरुआत में बात को इधर-उधर घुमाने की कोशिश की। लेकिन जैसा कहते हैं, जब पुलिस अपनी सख्ती पर आ जाए, तो सच्चाई बाहर आ ही जाती है।
अब इस सच ने परिवार के उस आदर्श रिश्ते पर सवाल खड़े कर दिए, जो सभी के लिए मिसाल माना जाता था। विनोद और निधि का रिश्ता एक आदर्श शादीशुदा जिंदगी का उदाहरण था। विनोद के लिए निधि किसी देवी से कम नहीं थी। परिवार में कभी किसी ने दोनों के बीच झगड़ा या अनबन नहीं देखी थी।
निधि का विनोद की फैमिली के साथ भी गहरा संबंध था। वह हर पूजा-पाठ, त्योहार और परिवार की जरूरत में सक्रिय भूमिका निभाती थी। वह सिर्फ एक आदर्श पत्नी नहीं, बल्कि आदर्श बहू भी थी। अपने बच्चों की परवरिश भी बेहतरीन ढंग से कर रही थी। परिवार में सब उसे प्यार और सम्मान देते थे।
लेकिन इस आदर्श छवि के पीछे छिपे इस घातक सच ने सभी को झकझोर कर रख दिया। सवाल उठता है कि आखिर वह कौन सी वजह थी, जिसने निधि को ऐसा घिनौना कदम उठाने पर मजबूर कर दिया?
जब इश्क ने लिया मर्डर का मोड़
नीधि की जिंदगी में सबकुछ था—प्यार करने वाला पति, आदर्श परिवार और सुखी वैवाहिक जीवन। लेकिन 2021 में, जब नीधि ने जिम जॉइन किया, वहां उसका सामना ट्रेनर सुमित से हुआ। सुमित नीधि का पर्सनल ट्रेनर था, और दोनों के बीच बढ़ती नजदीकियां जल्द ही एक अफेयर में बदल गईं।
विनोद को इस शुरुआत से कोई ऐतराज नहीं था, क्योंकि उसे भरोसा था कि उसकी पत्नी केवल अपनी फिटनेस पर ध्यान दे रही है। लेकिन नीधि और सुमित के रिश्ते ने जल्द ही एक गंभीर मोड़ ले लिया। सुमित को इस बात का अंदाजा था कि नीधि शादीशुदा है और उसकी जिंदगी में पैसे की कोई कमी नहीं। उसकी नजर विनोद के बैंक अकाउंट्स पर थी।
जब शक ने लिया यकीन का रूप
नीधि की बदलती आदतें विनोद को शक करने पर मजबूर कर रही थीं। जिम से लौटने के बाद घंटों-घंटों सुमित से बात करना और हर दिन अपनी कॉल हिस्ट्री डिलीट करना, ये सब विनोद की नजरों से बच नहीं पाया। विनोद के शक को यकीन में तब्दील होते देर नहीं लगी।
विनोद को उम्मीद थी कि वह अपनी पत्नी को समझा सकेगा और नीधि खुद को बदल लेगी। लेकिन नीधि के इरादे अलग थे। उसने अपने परिवार और सुमित में से सुमित को चुना। विनोद अब उसके लिए एक रोड़ा बन चुका था।
मर्डर की साजिश
सितंबर 2021 में, नीधि और सुमित ने विनोद को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया। इसके लिए उन्होंने देव सुनार को सुपारी दी और उसे 10 लाख रुपये का वादा किया। नीधि ने वह ट्रक खरीदा, जिससे 5 अक्टूबर 2021 को देव ने विनोद को टक्कर मारी।
जब ट्रक हादसे में विनोद बच गया, तो नीधि और सुमित ने दूसरा प्लान बनाया। देव सुनार को बेल पर रिहा करवाकर, उसे विनोद के घर में भेजा गया। विनोद की हत्या को अंजाम देने के लिए देव ने सीधे उसके कमरे में जाकर फायरिंग की।
विनोद की मौत के बाद, नीधि ने सबसे पहले अपनी लोकेशन बदल दी। उसने अपने बच्चों और ससुर को साथ लेकर एक नए घर में शिफ्ट कर लिया। इसके पीछे उसका मकसद सुमित से आसानी से मिलना था।
इसके बाद, उसने विनोद के बैंक अकाउंट्स के साथ-साथ अपने ससुर का अकाउंट भी खाली करना शुरू कर दिया। यहां तक कि विनोद की मौत के कुछ ही महीनों बाद, नीधि और सुमित ने मनाली का ट्रिप भी प्लान किया।
नीधि ने अपने ससुर और बच्चों को विनोद के भाई प्रमोद बरारा के पास भेज दिया और खुद आजादी की जिंदगी जीने लगी। प्रमोद को पहले से ही नीधि पर शक था। उसका शक यकीन में तब बदला, जब नीधि ने कोर्ट में देव सुनार को पहचानने से इनकार कर दिया।
प्रमोद ने अपने सीक्रेट रिसोर्सेस के जरिए नीधि की हरकतों पर नजर रखी। जब उसे पूरा यकीन हो गया, तो उसने एसपी अजीत सिंह को मैसेज किया। अजीत सिंह, जो अपनी ईमानदारी और सख्त रवैये के लिए मशहूर थे, ने केस की जांच दोबारा शुरू की।
अजीत सिंह ने न केवल नीधि, सुमित और देव सुनार को सजा दिलाई, बल्कि लापरवाही करने वाली पुलिस टीम के खिलाफ भी एक जांच कमेटी बिठाई।
सबक और सवाल
यह केस दिखाता है कि लोभ, धोखा और लालच किस हद तक इंसान को गिरा सकते हैं। नीधि, जो एक आदर्श पत्नी और मां मानी जाती थी, अपनी इच्छाओं के लिए इतनी गिर गई कि उसने अपने ही पति की हत्या करवा दी।
यह कहानी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है—क्या इंसान की असलियत इतनी आसानी से छिपाई जा सकती है? और जब इश्क लालच से जुड़ जाए, तो क्या उसका अंजाम हमेशा खौफनाक ही होगा?