यह कहानी एक ऐसे पिता की है, जिसने अपनी बेटी की खुशियों के लिए अपनी सारी जमा पूंजी और पुश्तैनी ज़मीन तक बेच दी थी, क्योंकि उसका सपना था कि उसकी बेटी की शादी के बाद उसका जीवन खुशहाल हो। लेकिन उसे यह नहीं पता था कि यह सपना एक दिन उसे और उसकी बेटी को एक ऐसे खौ़फनाक रास्ते पर ले जाएगा, जो न सिर्फ उनके विश्वास को तोड़ डालेगा, बल्कि उनकी ज़िन्दगी को भी दागदार बना देगा।
दिल्ली के पालम कॉलोनी के साध नगर में एक छोटा सा परिवार रहता था, जिसमें घर के मुखिया सतवीर बरेला, उनकी पत्नी और दो बेटियाँ थीं। बड़ी बेटी सोनिया की शादी हो चुकी थी, जबकि छोटी बेटी हर्षिता दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई कर रही थी। सतवीर बरेला के पास दो ही बेटियाँ थीं, कोई बेटा नहीं था। पेशे से ड्राइवर सतवीर अपनी बेटियों के लिए एक अच्छे भविष्य की कामना करता था।
हर्षिता और सोनिया में हमेशा एक अनोखा रिश्ता था। चूँकि घर में कोई भाई नहीं था, हर्षिता अपनी बड़ी बहन सोनिया को राखी बांधती थी, और दोनों में बहुत गहरी मित्रता थी। हर्षिता ने अपनी ग्रेजुएशन के बाद बीएड भी किया था। जबकि बड़ी बहन सोनिया की शादी हो चुकी थी, हर्षिता के परिवार ने सोचा कि अब उसकी शादी के लिए भी एक अच्छा लड़का ढूंढा जाए।
साल 2023 में, हर्षिता के परिवार ने एक लड़का तलाशने की शुरुआत की और अंततः मैट्रिमोनियल के जरिए पंकज लांबा नाम के एक लड़के को पसंद किया। पंकज न सिर्फ देखने में अच्छा था, बल्कि वह लंदन में एक अच्छी नौकरी भी करता था और वहाँ सेटल था। उसका परिवार भारत में था, लेकिन पंकज पूरी तरह से लंदन में स्थिर हो चुका था। दोनों परिवारों में बातचीत शुरू हुई और पंकज को हर्षिता के लिए एक अच्छा रिश्ता माना गया।
हर्षिता और उसके परिवार वाले इस रिश्ते को लेकर बहुत खुश थे, लेकिन किसी को भी यह नहीं पता था कि यह रिश्ता कभी उनके लिए एक खौ़फनाक मोड़ ले लेगा। वे इस बात से अंजान थे कि यह खुशी उन्हें एक दिन ऐसे रास्ते पर ले जाएगी, जो उनकी बेटी हर्षिता के लिए नर्क से भी बदतर साबित होगा।
एक शादी, एक छल, और एक दर्दनाक सच्चाई: हर्षिता की आपबीती
2023 में, जब पंकज लांबा इंडिया आया हुआ था, तो दोनों ने तुरंत ही कोर्ट मैरिज करवा ली। इसका कारण यह था कि पंकज लंदन में रहकर काम करता था, और हर्षिता के परिवारवालों को सबसे पहले वीजा अप्लाई करना था ताकि हर्षिता अपने पति के साथ लंदन जा सके। वीजा के लिए पति का नाम होना जरूरी था, इसलिए दोनों ने एक बार नहीं, बल्कि दो बार शादी करने का फैसला किया। पहले, 2023 में कोर्ट मैरिज हुई, जिसके बाद हर्षिता ने वीजा के लिए आवेदन किया। इस बीच पंकज लंदन लौट गया, और फिर 2024 में वापस भारत आया।
मार्च 2024 में, पूरे रीति रिवाज और परंपराओं के साथ हर्षिता और पंकज की शादी धूमधाम से हुई। इस मौके पर हर्षिता की बड़ी बहन, सोनिया, उसकी नथ ठीक कर रही थी, और हर्षिता ने एक पोस्ट में लिखा, “बड़ी बहन छोटी बहन के लिए कब मां बन जाती है, यह पता ही नहीं चलता।” परिवार के सभी सदस्य खुश थे, और हर्षिता भी अपने नए जीवन को लेकर बहुत खुश थी। इसके बाद, 30 अप्रैल को वे दोनों लंदन के लिए रवाना हो गए।
लंदन में, हर्षिता अपने पति पंकज के साथ रहने लगी। वह अपने माता-पिता से हर दिन वीडियो कॉल पर बात करती थी, लेकिन कुछ अजीब सी बातें सामने आने लगीं। फोन अक्सर कट जाता था, और परिवार वाले इसका कारण नेटवर्क इश्यू समझते थे। हालांकि, इसका असली कारण कुछ और ही था। समय बीतने के साथ, हर्षिता अपने परिवार से कम और कम बात करने लगी, और फिर एक दिन उसने किसी तरह अपनी बहन सोनिया को फोन किया और बताया कि पंकज उससे ठीक से नहीं रहता, वह उसे मारता है।
29 अगस्त 2024 को, पंकज ने हर्षिता को इतनी बुरी तरह पीटा कि वह नॉर्थ हैटन शायर पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ डोमेस्टिक वायलेंस का मामला दर्ज कराने पहुंची। इस मामले में एक गवाह भी था, जो उनके पड़ोस में रहती थी। उसने पुलिस को बताया कि उसने पंकज के घर से किसी महिला के रोने और चीखने की आवाजें सुनी थीं। वह महिला यह भी बताती है कि दोनों विदेशी भाषा में बात कर रहे थे, लेकिन उनके घर से चीखने-चिल्लाने की आवाजें आ रही थीं।
जब हर्षिता ने अपनी मारपीट के निशान और घाव पुलिस को दिखाए, तो यह साफ हो गया कि पंकज लांबा ने उसे टॉर्चर किया था और डोमेस्टिक वायलेंस का शिकार बनाया था। हालांकि, पंकज ने गुपचुप तरीके से जुर्माना भरकर मामले को रफा-दफा करवा दिया। यह घटना उस दर्द की कहानी बयां करती है जो हर्षिता को अपने सपनों और शादी के नाम पर झेलनी पड़ी, और वह अब भी अपने परिवार से यह सच्चाई छुपाने की कोशिश कर रही थी।
क और भयावह मोड़: हर्षिता की चुप्प और खामोशी
हर्षिता की बहन, सोनिया, ने बताया कि डोमेस्टिक वायलेंस मामले का बंद होना भी हर्षिता से छुपाया गया था। इसके बाद पंकज कुछ दिनों तक हर्षिता से दूर ही रहा, लेकिन धीरे-धीरे चीजें सामान्य होने लगीं और दोनों के बीच बातचीत फिर से शुरू हो गई। हालांकि, पंकज का व्यवहार अब भी पहले जैसा नहीं था। हर्षिता जब भी अपने माता-पिता से बात करती, और अगर पंकज उसे बात करते हुए देख लेता, तो वह उसका फोन काट देता था। इसके कारण हर्षिता अपने परिवार से बात करने के लिए अक्सर बाथरूम में जाकर फोन करती थी, ताकि पंकज को इस पर कोई आपत्ति न हो।
10 नवंबर 2024 को, हर्षिता अपने परिवार को वीडियो कॉल करती है। उस दिन वह बहुत खुश थी और बताती है कि पंकज ड्यूटी पूरी करके घर आ रहा है और वह उसके लिए कुछ पकौड़े और साग बना रही है, जो उसे बेहद पसंद हैं। इस पर सोनिया ने हर्षिता से पूछा कि अगर पंकज के साथ लड़ाई हो गई थी और वह उसे मारता है, तो वह घर वापस क्यों नहीं आ जाती? हर्षिता ने मुस्कराते हुए कहा, “दीदी, अब सब कुछ ठीक हो चुका है।” इसके बाद वह फोन काट देती है।
लेकिन अगले दिन, 11 नवंबर को जब हर्षिता के परिवार ने उसे वीडियो कॉल करने की कोशिश की, तो उसने फोन नहीं उठाया। यह देखकर परिवार वाले परेशान हो गए, क्योंकि एक दिन पहले तो सब कुछ ठीक था और हर्षिता बहुत खुश नजर आ रही थी। उन्होंने सोचा कि हो सकता है कि वह कहीं घूमने चली गई हो। लेकिन 12 नवंबर को भी जब हर्षिता ने फोन नहीं उठाया, तो उसके पिता ने उसे कॉल किया। हर्षिता के फोन का जवाब न मिलने पर, उन्होंने घबराकर अपने दामाद पंकज लांबा को कॉल किया, क्योंकि उन्हें पता था कि हर्षिता वहीं होगी। लेकिन पंकज ने भी उनका कॉल नहीं उठाया। अब हर्षिता के परिवार वालों का दिल बैठने लगा, और उन्हें एक अनहोनी की आंशका सताने लगी। वे नहीं जानते थे कि क्या हो सकता है, लेकिन यह स्थिति कुछ बहुत गंभीर होने का संकेत दे रही थी।
एक पिता की आखिरी उम्मीद: हर्षिता की तलाश और उसकी रहस्यमय मौत
हर्षिता के पिता, सतवीर बरेला, अपनी बेटी के लापता होने के बाद अत्यंत परेशान थे। उन्होंने पंकज के जानकारों से लंदन में संपर्क किया, लेकिन वहां से कोई मदद नहीं मिली। इसके बाद, उन्होंने लंदन में अपने एक जानकार सरदार जी से मदद की गुहार लगाई। सतवीर जी सरदार जी से रोते हुए कहता है, “मेरी बेटी कई दिन से फोन नहीं उठा रही है, अगर पास में कोई पुलिस स्टेशन हो तो आप वहां जाकर पुलिस को सारी बात बताइए। मुझे बहुत डर है कि कहीं मेरी बेटी के साथ कोई अनहोनी न हो जाए।”
सरदार जी ने मदद का वादा किया और पुलिस स्टेशन पहुंचे। वहां उन्हें एक पंजाबी पुलिस अधिकारी से मुलाकात हुई। सरदार जी ने पुलिस को पूरी कहानी पंजाबी में सुनाई, कि हर्षिता दिल्ली से आई एक लड़की है, जो अपने पति पंकज के साथ लंदन में रहती थी, लेकिन अब उसका कोई पता नहीं चल रहा। इस गंभीर मामले को ध्यान में रखते हुए, नॉर्थ हैटन शायर पुलिस ने तुरंत एक सर्च ऑपरेशन शुरू किया। पुलिस ने हर्षिता और पंकज की कॉल डिटेल्स और गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर से सुराग तलाशने की कोशिश की, लेकिन न तो हर्षिता का कोई पता मिला और न ही उसका पति पंकज। कुछ स्थानीय लोगों से पूछताछ करने पर यह जानकारी मिली कि हर्षिता और पंकज को आखिरी बार एक झील के किनारे घूमते हुए देखा गया था।
तभी 14 नवंबर 2024 को पुलिस को किसी व्यक्ति से सूचना मिली कि ईस्ट लंदन के ब्रिस्बेन रोड पर एक लावारिस कार खड़ी है। सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। गाड़ी खड़ी करने की जगह संदिग्ध लगी, क्योंकि वह एक रिहायशी इलाका था, और वहां आमतौर पर कोई अपनी कार यूं नहीं पार्क करता था। पुलिस ने कार की तलाशी ली, लेकिन कुछ नहीं मिला। लेकिन जैसे ही पुलिस ने कार की डिक्की खोली, उनकी आंखों के सामने एक भयावह दृश्य था—गाड़ी की डिग्गी में हर्षिता की लाश पड़ी हुई थी।
इस खबर से इलाके में हड़कंप मच गया और सभी लोग चौंक गए। हर्षिता की लाश को पोस्टमॉर्टम और फॉरेंसिक जांच के लिए अस्पताल भेजा गया। एक दिन बाद, 15 नवंबर को फॉरेंसिक रिपोर्ट आई, जिससे यह साफ हो गया कि शव हर्षिता बरेला का था। लेकिन अब भी उसके पति पंकज का कोई सुराग नहीं था, और यह सवाल उठने लगा कि क्या वह भी हर्षिता की तरह किसी और ठिकाने पर था या फिर वह अब भी जिंदा था।
पुलिस अब इस सवाल के जवाब की तलाश में जुटी थी कि हर्षिता को उसके घर से 143 किलोमीटर दूर लाकर उसकी हत्या क्यों की गई और इस भयावह साजिश के पीछे क्या कारण थे। पुलिस ने हर्षिता और पंकज के बैकग्राउंड की गहरी छानबीन शुरू कर दी थी, ताकि इस पूरे मामले की गुत्थी सुलझाई जा सके।
पंकज की संदिग्ध गतिविधियाँ और हत्या का खुलासा
पुलिस को हर्षिता के पति, पंकज लांबा के बारे में कुछ ऐसी जानकारी मिलती है, जिससे पुलिस का शक उस पर गहरा होने लगता है। लेकिन पंकज 12 नवंबर से ही गायब था, ना वह अपने घर पर था और ना ही उसका मोबाइल ऑन था। इसके बाद, पुलिस ने हर्षिता और पंकज के पड़ोसियों और जानकारों से पूछताछ की, लेकिन किसी से कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई। इस बीच, पुलिस की एक टीम इलाके में लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की जांच करने लगती है, साथ ही हर्षिता और पंकज के कॉल रिकॉर्ड्स भी निकलवाए जाते हैं।
जांच के दौरान, सीसीटीवी फुटेज चेक कर रही पुलिस टीम को शहर के अलग-अलग इलाकों से कई ऐसे फुटेज मिलते हैं जिनमें पंकज नजर आ रहा था। खासकर, उस इलाके में जहां से हर्षिता की लाश कार की डिग्गी में पाई गई थी, वहाँ भी एक कैमरे में पंकज दिखाई देता है। पुलिस के अनुसार, यह फुटेज उस समय का है जब पंकज ने हर्षिता की लाश को कार में डालकर वहां से भागने की कोशिश की थी। इसके अलावा, पुलिस को तस्वीरें मिलती हैं जब पंकज शहर के अलग-अलग हिस्सों से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था। चौंकाने वाली बात यह थी कि यह वही कार थी, जो हर्षिता और पंकज की थी।
इन तमाम सबूतों के बाद, मामला स्पेशल क्राइम यूनिट को सौंपा जाता है, जिसमें करीब 70 डिटेक्टिव्स इस मामले की गहनता से जांच करने लगते हैं। 17 नवंबर 2024 को, स्पेशल क्राइम यूनिट के चीफ इंस्पेक्टर जॉनी कैंबल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। उन्होंने हर्षिता के कत्ल के मामले को सुलझाने का दावा किया और बताया कि हर्षिता का कातिल कोई और नहीं, बल्कि उसका अपना पति पंकज लांबा था। इसके साथ ही, जॉनी कैंबल ने यह भी बताया कि हर्षिता की हत्या के बाद, पंकज लंदन से नहीं, बल्कि इंग्लैंड से भी फरार हो चुका है।
इंटरनेशनल सर्च ऑपरेशन शुरू करने की घोषणा के साथ, जॉनी कैंबल ने लोगों से अपील की कि अगर किसी के पास पंकज के बारे में कोई जानकारी हो, तो वह तुरंत पुलिस से साझा करें।
हर्षिता की हत्या और पंकज की तलाश: एक दर्दनाक कहानी
हर्षिता के परिवार और पुलिस को अब इस बात का शक है कि पंकज लंदन से भागकर भारत आ सकता है, और यहीं कहीं छिपा हुआ है। हर्षिता की बहन सोनिया ने बताया कि पंकज ने उनकी बहन को पूरी तरह से तोड़कर रख दिया था। वह अक्सर हर्षिता को मारता-पीटता था, और सोनिया ने कई बार अपनी बहन से यह कहा था कि वह वापस घर आ जाए। सोनिया ने यह भी बताया कि पंकज की नौकरी के बारे में उन्हें झूठ बताया गया था। जब उन्होंने मैट्रिमोनियल साइट पर पंकज का प्रोफाइल देखा था, तो उसमें यह बताया गया था कि वह लंदन में एक अच्छी कंपनी में काम करता है, लेकिन जब हर्षिता वहां जाती है, तो पता चलता है कि पंकज तो एक सिक्योरिटी गार्ड था। हालांकि, हर्षिता ने इस तथ्य को स्वीकार कर लिया था, लेकिन उसके बाद पंकज ने हर्षिता को दहेज के लिए टॉर्चर करना शुरू कर दिया।
सोनिया ने बताया कि पंकज और उसके परिवार वालों की दहेज की मांग के कारण उनके पिता को अपनी संपत्ति बेचनी पड़ी थी। उन्होंने कहा कि पंकज के परिवार ने शादी के बाद एक बार फिर दहेज की मांग की थी, जिसके कारण उनके पिता को संपत्ति बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा। सोनिया ने यह भी कहा कि फरवरी तक वे लोग दहेज की मांग पूरी करने में जुटे थे, लेकिन फिर भी पंकज ने हर्षिता को कत्ल कर दिया। पहले जब पंकज ने हर्षिता को पीटा था, तो सितंबर में हर्षिता के बुआ-फूफा और मां ने पंकज को धमकाया था और कहा था कि वे शादी में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे। इसके बाद भी, पंकज ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी।
हर्षिता के परिवार ने आरोप लगाया कि पंकज ब्रिटेन से भागकर भारत आ चुका है और वह यहीं कहीं छिपा हुआ है। उन्होंने ब्रिटेन और भारतीय पुलिस से अपील की है कि पंकज को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। सोनिया ने बताया कि जब उन्होंने पंकज की मां से बात की थी, तो वह बड़ी ही ठंडी आवाज में कह रही थी कि “हमारा बेटा भी तो लापता है, जबकि आपकी बहन कम से कम वापस तो आ रही है।” यह रवैया भी शक पैदा करता है और कई सवाल खड़े करता है।
हर्षिता का शव 3 दिसंबर 2024 को उसके घर दिल्ली के साध नगर में पहुंचा, और जैसे ही उसकी मां ने शव देखा, वह फूट-फूट कर रो पड़ी। हर्षिता की बड़ी बहन सोनिया ने रोते हुए कहा कि “वह बहुत मासूम और बच्चों जैसी थी, वह कभी किसी से लड़ाई नहीं करती थी।” सोनिया ने यह भी कहा कि हर्षिता के परिवार को पंकज और उसके परिवार के बारे में ज्यादा जानकारी जुटानी चाहिए थी। उन्होंने जल्दबाजी में बिना जांच पड़ताल किए पंकज और उसके परिवार पर भरोसा कर लिया। सबसे बड़ी गलती यह हुई कि हर्षिता के परिवार को यह पता चलने के बावजूद कि पंकज उसे मारता-पीटता है और दहेज के लिए टॉर्चर करता है, उन्होंने अपनी बेटी को वहां से निकालने की कोशिश नहीं की। बल्कि, वे दहेज की मांग पूरी करने में लगे रहे।
सोनिया ने कहा कि जब लड़की के परिवार को दहेज की बात पता चलती है, तो वे समझना चाहिए कि ऐसे लोग कभी भी अपनी मांगें पूरी नहीं करते और लड़की को तंग करते रहते हैं। और कभी-कभी तो लड़की या तो खुद को खत्म कर देती है या पति उसे मार डालता है। यही हुआ हर्षिता के साथ भी। वह अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन इस घटना से उन लोगों के लिए एक सबक जरूर है जो बिना जांच पड़ताल किए जल्दी-जल्दी शादी तय कर देते हैं।
अब भी पंकज की तलाश जारी है, लेकिन वह पुलिस के हाथ नहीं आया है। जब तक वह पकड़ा नहीं जाता, तब तक यह कहना मुश्किल है कि आखिर क्यों हर्षिता का कत्ल किया गया। हर्षिता का परिवार अब अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए संघर्ष कर रहा है। इस घटना को सुनाने का उद्देश्य किसी को दुखी करना नहीं है, बल्कि आपको जागरूक करना है, ताकि ऐसे मामलों में सतर्कता बरती जा सके।
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