पति दुबई में और पत्नी किसी और के बिस्तर पर Hindi Crime Story

13 फरवरी 2022 को एक महिला, शिल्पा शर्मा, बेहद खुश थीं। उन्होंने शादी में शामिल होने की तैयारियां एक दिन पहले ही पूरी कर ली थीं। जैसे-जैसे 16 तारीख करीब आ रही थी, उनकी खुशी और बढ़ रही थी, क्योंकि उन्हें लंबे समय बाद काशीपुर जाने का मौका मिल रहा था। वह काशीपुर अपने पति अशोक पंडित के साथ अपने चचेरे भाई मनोज शर्मा की शादी में शामिल होने जा रही थीं। शिल्पा पहले भी कुछ समय के लिए काशीपुर में रह चुकी थीं, इसलिए वह वहां जाने के लिए बेहद उत्साहित थीं।

14 फरवरी की सुबह, अशोक ने शिल्पा से कहा, “शिल्पा, घर के काम निपटाकर जल्दी तैयार हो जाओ। हमें जल्दी निकलना है। चाचा ने कुछ काम के लिए हमें पहले बुलाया है।” शिल्पा कई दिनों से काशीपुर जाने को लेकर उत्साहित थीं। लेकिन जैसे ही उन्होंने अशोक की बात सुनी, उनका चेहरा अचानक उतर गया।

अशोक ने शिल्पा के चेहरे का रंग बदलते हुए देखा और पूछा, “क्या हुआ? काशीपुर चलने की बात सुनकर तुम्हारा चेहरा उदास क्यों हो गया?” अशोक के सवाल सुनकर शिल्पा गुस्से से भर गईं। उन्हें समझ नहीं आया कि इस सवाल का जवाब कैसे दें। फिर उन्होंने तुरंत एक बहाना बना लिया, “देखो, बात यह है कि रात को मेरी तबीयत अचानक खराब हो गई थी। ऐसे में मैं किसी भी हाल में आज शादी में नहीं जा सकती। यहां बहुत सारे मेहमान हैं, और ऐसे में मैं अपनी देखभाल कैसे करूंगी?”

अशोक को शिल्पा की बात समझने में जरा भी देर नहीं लगी। उन्होंने तुरंत अंदाजा लगा लिया कि शिल्पा को मासिक धर्म की वजह से असुविधा हो रही थी। यह सोचकर कि एक महिला को इस समय कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, अशोक ने समय पर तैयारी की। उन्होंने शिल्पा को घर पर आराम करने के लिए छोड़ दिया और अपने माता-पिता के साथ काशीपुर के लिए निकल गए।

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शादी का उत्साह और काशीपुर की यात्रा

जैसे ही अशोक घर से निकले, शिल्पा ने चैन की सांस ली। ऐसा लगा जैसे उनके सिर से कोई बोझ उतर गया हो। उन्होंने तुरंत अपने बाकी बचे काम निपटाने शुरू कर दिए। अगले दिन दोपहर में, शिल्पा अपने भाई विशाल के साथ काशीपुर पहुंच गईं। काशीपुर पहुंचते ही शिल्पा बेहद खुश थीं, क्योंकि वहां बहुत सारे मेहमान आए हुए थे। चूंकि यह शादी का घर था, दिन कैसे बीता, उन्हें पता ही नहीं चला।

अगले दिन, यानी 16 फरवरी 2020 की दोपहर से बारात की तैयारियां शुरू हो गईं। शिल्पा भी पूरी तरह से तैयार थीं। तैयार होने के बाद उन्होंने अलग-अलग एंगल से सेल्फी लीं और उनमें से कुछ चुनकर अपनी एक दोस्त अनामिका को भेजीं। फिर उन्होंने एक मैसेज लिखा, “हाय अनामिका, मैं कैसी लग रही हूं?” अपनी दोस्त का जवाब पढ़कर शिल्पा बहुत खुश हुईं। जवाब में अनामिका ने लिखा, “दोस्त, तुम तो बहुत खूबसूरत लग रही हो, एकदम चमक रही हो।” यह पढ़कर शिल्पा खुशी से झूम उठीं। इससे पहले कि वह कुछ और कहतीं या चैट करतीं, बारात की तैयारियां पूरी हो चुकी थीं।

मनोज दूल्हे के रूप में फूलों से सजी एक कार में सवार हुए। उनके पिता, बदन, एक अलग कार में बैठ गए। अशोक पंडित अपने चाचा के साथ एक ही कार में किच्छा जाने के लिए सवार हुए। बारात काशीपुर से निकलकर समय पर ऊधम सिंह नगर के किच्छा कस्बे में स्थित महाराजा अग्रसेन मैरिज हॉल पहुंच गई। वहां पहुंचते ही बारात के सभी सदस्यों ने नाश्ता किया।

जैसे ही नाश्ता खत्म हुआ, बारात आगे बढ़ने लगी। बारात निकलने से पहले, अशोक पंडित ने अपने कुछ दोस्तों के साथ शराब पी ली ताकि वह बारात में जमकर नाच सकें।

अशोक पंडित का रहस्यमय गायब होना

इसी बीच रात के करीब 10:30 बजे, एक युवक ने अशोक पंडित को इशारा किया। उस इशारे पर अशोक पंडित बारात छोड़कर उस युवक के साथ चला गया। किसी को पता नहीं था कि वह युवक कौन था, जो उसे अपनी बाइक पर लेकर चला गया। बारात आगे बढ़ी, लेकिन अशोक कहीं नजर नहीं आया। फिर उसके छोटे भाई सुनील ने उसे ढूंढने की कोशिश की, लेकिन वह कहीं नहीं मिला।

सुनील ने यह बात अपने चाचा बुद्धन सिंह को भी बताई। लेकिन बुद्धन सिंह के ऊपर पूरी बारात की देखभाल की जिम्मेदारी थी, इसलिए वह बारात छोड़कर जाने की स्थिति में नहीं थे। बारात पूरी होने के बाद शादी की बाकी रस्में भी पूरी कर ली गईं, लेकिन अशोक का कोई अता-पता नहीं चला।

परिवार के लोगों ने सोचा कि शायद नशे में होने के कारण अशोक काशीपुर चला गया होगा। गुरुवार की सुबह बारात काशीपुर लौटने के लिए निकल पड़ी। काशीपुर पहुंचने के बाद पता चला कि अशोक पंडित रात में घर नहीं पहुंचा था। यह खबर सुनते ही परिवार वाले परेशान हो गए। शादी में आए सभी लोग भी चिंतित हो गए। हर किसी के मन में सवाल था कि अशोक रात में अचानक कहां गायब हो गया?

अशोक की अचानक गुमशुदगी की खबर से शिल्पा शर्मा पूरी तरह से टूट गईं। वह लगातार रो रही थीं। शादी में आए हर व्यक्ति ने उन्हें सांत्वना देने की कोशिश की। लोग समझाने लगे कि परेशान मत हो, अशोक किसी दोस्त के साथ गया होगा और जल्दी ही वापस आ जाएगा। लेकिन शिल्पा किसी की बात सुनने को तैयार नहीं थीं।

अशोक पंडित की हत्या का खौफनाक खुलासा

उसी दिन सुबह करीब 8 बजे पुलभट्टा थाने के प्रभारी राजेश पांडे को सूचना मिली कि एक व्यक्ति का खून से लथपथ शव बस के पास सड़क पर पड़ा है। सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष राजेश पांडे अन्य पुलिसकर्मियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। शव बरा से करीब 1.5 किलोमीटर दूर तीमा हाईवे के किनारे पड़ा था। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर आसपास के इलाके की जांच की।

आरोपियों ने मृतक के सिर, गर्दन और पेट पर कई बार चाकू से वार किए थे। मृतक का शव पूरी तरह से खून से सना हुआ था, लेकिन घटना स्थल पर खून का कोई निशान नहीं था। इससे स्पष्ट हुआ कि युवक की हत्या किसी और स्थान पर की गई थी और बाद में उसका शव यहां लाकर फेंका गया। शव के पास एक बैग मिला, जिसमें कुछ कपड़े और तीन शराब की बोतलें थीं। हालांकि, मृतक के पास कोई मोबाइल फोन नहीं मिला।

पुलिस ने मौके पर मौजूद लोगों से मृतक की पहचान कराने की कोशिश की, लेकिन पहचान न हो पाने की वजह से शव को पुलभट्टा थाने क्षेत्र के शवगृह में रखवा दिया गया। शव मिलने की खबर धीरे-धीरे इलाके में फैलने लगी। यही खबर किच्छा भी पहुंची। मनोज के ससुराल वाले शव को देखने के लिए आए।

मनोज के ससुराल वालों ने अशोक को अच्छी तरह से पहचान लिया था। शवगृह में शव देखते ही उन्होंने पहचान लिया कि यह अशोक पंडित का शव है। उन्होंने तुरंत यह खबर मोबाइल पर बुद्धन सिंह को दी। अशोक पंडित का शव मिलने की खबर सुनते ही बुद्धन सिंह के घर में मातम छा गया। शादी की खुशी पल भर में गम में बदल गई।

यह खबर सुनते ही शिल्पा बेहोश हो गईं। घर में मौजूद महिलाओं ने उनके चेहरे पर पानी छिड़ककर उन्हें होश में लाने की कोशिश की, लेकिन शिल्पा की हालत बेहद खराब थी। वह जोर-जोर से रो रही थीं और घर में कोहराम मचा हुआ था। अशोक की हालत देखकर घर आए मेहमान भी अपने आंसू नहीं रोक पा रहे थे।

हत्या की खबर सुनते ही अशोक के पिता कृष्ण पंडित अपने रिश्तेदारों के साथ पुलभट्टा थाने पहुंचे। जब पुलिस ने शवगृह में रखा शव दिखाया, तो वह फूट-फूटकर रोने लगे। उन्होंने शव की पहचान अपने बेटे अशोक पंडित के रूप में की। पुलिस ने आवश्यक जानकारी जुटाई और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए 17 फरवरी 2022 को भेज दिया।

इस मामले में सुमित कुमार ने अज्ञात हथियारों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया।

अशोक पंडित की हत्या का खौफनाक खुलासा

पुलभट्टा थाने के प्रभारी राजेश पांडे को सूचना मिली कि एक व्यक्ति का खून से लथपथ शव बस के पास सड़क पर पड़ा है। सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष राजेश पांडे अन्य पुलिसकर्मियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। शव बरा से करीब 1.5 किलोमीटर दूर तीमा हाईवे के किनारे पड़ा था। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर आसपास के इलाके की जांच की।

आरोपियों ने मृतक के सिर, गर्दन और पेट पर कई बार चाकू से वार किए थे। मृतक का शव पूरी तरह से खून से सना हुआ था, लेकिन घटना स्थल पर खून का कोई निशान नहीं था। इससे स्पष्ट हुआ कि युवक की हत्या किसी और स्थान पर की गई थी और बाद में उसका शव यहां लाकर फेंका गया। शव के पास एक बैग मिला, जिसमें कुछ कपड़े और तीन शराब की बोतलें थीं। हालांकि, मृतक के पास कोई मोबाइल फोन नहीं मिला।

पुलिस ने मौके पर मौजूद लोगों से मृतक की पहचान कराने की कोशिश की, लेकिन पहचान न हो पाने की वजह से शव को पुलभट्टा थाने क्षेत्र के शवगृह में रखवा दिया गया। शव मिलने की खबर धीरे-धीरे इलाके में फैलने लगी। यही खबर किच्छा भी पहुंची। मनोज के ससुराल वाले शव को देखने के लिए आए।

मनोज के ससुराल वालों ने अशोक को अच्छी तरह से पहचान लिया था। शवगृह में शव देखते ही उन्होंने पहचान लिया कि यह अशोक पंडित का शव है। उन्होंने तुरंत यह खबर मोबाइल पर बुद्धन सिंह को दी। अशोक पंडित का शव मिलने की खबर सुनते ही बुद्धन सिंह के घर में मातम छा गया। शादी की खुशी पल भर में गम में बदल गई।

यह खबर सुनते ही शिल्पा बेहोश हो गईं। घर में मौजूद महिलाओं ने उनके चेहरे पर पानी छिड़ककर उन्हें होश में लाने की कोशिश की, लेकिन शिल्पा की हालत बेहद खराब थी। वह जोर-जोर से रो रही थीं और घर में कोहराम मचा हुआ था। अशोक की हालत देखकर घर आए मेहमान भी अपने आंसू नहीं रोक पा रहे थे।

हत्या की खबर सुनते ही अशोक के पिता कृष्ण पंडित अपने रिश्तेदारों के साथ पुलभट्टा थाने पहुंचे। जब पुलिस ने शवगृह में रखा शव दिखाया, तो वह फूट-फूटकर रोने लगे। उन्होंने शव की पहचान अपने बेटे अशोक पंडित के रूप में की। पुलिस ने आवश्यक जानकारी जुटाई और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए 17 फरवरी 2022 को भेज दिया।

इस मामले में सुमित कुमार ने अज्ञात हथियारों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया।

अशोक पंडित हत्या मामले की जांच शुरू

मुकदमा दर्ज होते ही पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी। यह केस तीन अलग-अलग स्थानों से जुड़ा था। मृतक अशोक पंडित का संबंध विभिन्न जगहों से था। वह उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के खतौली निवासी कृष्ण पंडित का बेटा था। अशोक उत्तराखंड के काशीपुर में अपने चचेरे भाई मनोज शर्मा की शादी में शामिल होने हेमपुर इस्माइल गांव आया था। इस दौरान वह किच्छा भी गया था। किसी ने उसकी हत्या कर दी, और अब यह मामला तीन अलग-अलग स्थानों से जुड़ चुका था।

पुलिस ने सबसे पहले काशीपुर जाकर अशोक के परिवारवालों से पूछताछ की। पुलिस की जांच के दौरान मृतक के साले विशाल शर्मा ने बताया कि बारात चढ़त के समय उसने अपने जीजा अशोक को आखिरी बार एक अज्ञात व्यक्ति की मोटरसाइकिल पर जाते हुए देखा था। तभी से वह गायब हो गया था।

इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने महाराजा अग्रसेन मैरिज पैलेस के पास स्थित इंट्रोस फैक्ट्री के सीसीटीवी फुटेज चेक किए। इसमें बाइक चला रहे युवक की पहचान की कोशिश की गई, लेकिन उसका चेहरा स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं दे रहा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने चार अलग-अलग टीमें गठित कीं।

अब इस केस की जिम्मेदारी एसओजी प्रभारी कमलेश भट्ट को सौंपी गई। उन्होंने सबसे पहले मृतक की पत्नी शिल्पा से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान शिल्पा ने बताया कि वह काशीपुर अपने पति के एक दिन बाद पहुंची थी। काशीपुर आने के बाद भी उनके पति शादी की तैयारियों में बहुत व्यस्त थे, जिस कारण दोनों ज्यादा बातचीत नहीं कर पाए। 16 फरवरी को अशोक शादी में गए और उसके बाद क्या हुआ, यह उन्हें पता नहीं।

पुलिस पूछताछ के दौरान मृतक अशोक के साले विशाल ने बताया कि घुड़चढ़ी के कार्यक्रम के दौरान उसने अशोक को देखा था। उस समय अशोक एक बाइक पर बैठा था। विशाल ने इशारे से अशोक से पूछा था, “जीजा, कहां जा रहे हो?” इस पर अशोक ने जवाब दिया था कि वह थोड़ी देर में वापस आ जाएगा। इसके बाद रात 11 बजे अशोक ने विशाल को फोन करके कहा कि “आप लोग खाना खा लीजिए, मैं आने में थोड़ा समय लूंगा।” इसके बाद अशोक का मोबाइल फोन स्विच ऑफ हो गया।

अशोक पंडित हत्या मामले का रहस्य खुला

विशाल द्वारा दी गई जानकारी से स्पष्ट हो गया कि हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार का संबंध मामले से गहरा था। इसके बाद एसओजी टीम ने घटनास्थल से लेकर शादी के घर और महाराजा अग्रसेन भवन तक के सीसीटीवी कैमरों की जांच शुरू की। अशोक की हत्या बर्बर तरीके से की गई थी, जो किसी गहरी दुश्मनी का परिणाम लग रही थी।

पुलिस को अंदाजा था कि अगर ऐसा हुआ है, तो अशोक की पत्नी शिल्पा को इस बारे में और जानकारी हो सकती है। इसी वजह से पुलिस ने शिल्पा से हर पहलू पर घंटों तक पूछताछ की और उसका मोबाइल भी चेक किया। पुलिस ने शिल्पा और उससे जुड़े सभी संदिग्ध लोगों के फोन कॉल्स की बारीकी से निगरानी की।

इसी जांच के दौरान एसओजी टीम को शिल्पा के मोबाइल में एक संदिग्ध नंबर मिला, जो “ज़ीनत खान” के नाम से सेव था। शिल्पा की सबसे लंबी और सबसे अधिक बातचीत इसी नंबर पर होती थी। जब एसओजी टीम ने शिल्पा से इस नंबर और उसके व्हाट्सएप चैट्स के बारे में पूछा, तो उसने बताया कि यह उसकी पुरानी दोस्त है, जिससे वह रोज बात करती है। लेकिन जब टीम ने उससे उस दोस्त का पता पूछा, तो शिल्पा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई।

इससे शिल्पा पुलिस के शक के घेरे में आ गई। एसओजी टीम को लगने लगा कि वे अपनी जांच में सफलता के करीब हैं। पुलिस के सामने शिल्पा का चेहरा पीला पड़ गया। जब पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की, तो वह ज्यादा देर तक पुलिस के सामने टिक नहीं पाई।

आखिरकार, शिल्पा ने टूटकर यह स्वीकार कर लिया कि उसने अपने प्रेमी अमित अग्निहोत्री और उसके दोस्त अंकित तिवारी के साथ मिलकर अपने पति अशोक की हत्या करवाई थी।

शिल्पा और अशोक की प्रेम कहानी का काला सच

पुलिस को दिए गए बयान में शिल्पा ने बताया कि वह पिछले तीन साल से अमित के साथ प्रेम संबंध में थी। इस जानकारी के बाद, 19 फरवरी 2022 को एसओजी टीम ने आरोपियों को पकड़ने की कार्रवाई शुरू की। मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम ने पुलभट्टा सीमा के पास से अमित अग्निहोत्री और अंकित त्रिपाठी दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तारी के बाद तीनों आरोपियों से पूछताछ के दौरान एक चौंकाने वाली कहानी सामने आई। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के खतौली शुगर मिल रेजिडेंशियल कॉलोनी में कृष्ण पंडित का परिवार रहता था। कृष्ण पंडित एक शुगर मिल में कर्मचारी थे। उनका परिवार छोटा और साधारण था। उनके सबसे छोटे बेटे संतोष की शादी पहले ही हो चुकी थी। संतोष एक राजमिस्त्री था और शादी के बाद अपनी पत्नी के साथ अलग रहने लगा था।

कृष्ण पंडित के दो अन्य बेटे अशोक और सुमित थे। अशोक, जो परिवार का दूसरा बेटा था, अपने बड़े भाई के साथ मजदूरी करने लगा था ताकि परिवार की जिम्मेदारी में हाथ बटा सके। कृष्ण पंडित के क्वार्टर के पास श्यामलाल का परिवार रहता था। श्यामलाल भी उसी शुगर मिल में ड्राइवर थे। श्यामलाल के परिवार में दो बेटे और दो बेटियां थीं, जिनमें शिल्पा उनकी बेटी थी।

श्यामलाल ने अपने बच्चों को बचपन से ही अच्छी शिक्षा देने के लिए एक अच्छे कॉन्वेंट स्कूल में दाखिला दिलवाया था। शिल्पा दिखने में बेहद खूबसूरत थी। उसी दौरान अशोक पंडित की नजरें शिल्पा पर पड़ीं। दोनों पड़ोसी थे और इसलिए दिन में कई बार आमना-सामना होता था। शिल्पा की खूबसूरती ने अशोक को मोह लिया, और वह उसे चाहने लगा।

धीरे-धीरे अशोक की नजरें शिल्पा के प्रति उसकी भावनाओं को बयां करने लगीं। शिल्पा ने कई बार अशोक की आंखों को पढ़ने की कोशिश की और समझ गई कि अशोक उसे चाहता है। उस समय शिल्पा भी अपनी युवावस्था के 18वें साल में थी। दोनों के दिलों में प्यार पनपने लगा।

एक-दूसरे से नजरें मिलते-मिलते उनका प्यार इतना गहरा हो गया कि वे परिवार की नजरों से बचकर मिलने लगे। शिल्पा पढ़ी-लिखी और समझदार थी। वह अपने माता-पिता का नाम रोशन करना चाहती थी, लेकिन अशोक की चाहत ने उसे बेवकूफ बना दिया। शिल्पा का परिवार शिक्षित और सम्मानित था।

शिल्पा जानती थी कि उसका परिवार अशोक के साथ इस रिश्ते को कभी स्वीकार नहीं करेगा। बावजूद इसके उसने अशोक को अपना जीवनसाथी चुना और उसे अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा बना लिया। शिल्पा ने अशोक को भरोसा दिलाया कि चाहे उसकी जिंदगी में कितने भी तूफान आएं, वह कभी उसका साथ नहीं छोड़ेगी।

शिल्पा और अशोक की प्रेम कहानी: छल और टूटे सपनों की दास्तां

कुछ समय तक शिल्पा और अशोक ने अपने परिवारों की नजरों से बचकर छुप-छुपकर मिलने का सिलसिला जारी रखा। वे जैसे-तैसे अपने प्यार की हकीकत को छुपाए रखने में सफल रहे, लेकिन एक दिन उनकी सच्चाई सामने आ गई। इसके बाद दोनों परिवारों के बीच विवाद खड़ा हो गया। यह विवाद इतना बढ़ा कि उनके मिलने-जुलने पर सख्त पाबंदियां लगा दी गईं।

परिस्थितियों के बावजूद शिल्पा और अशोक ने हार नहीं मानी। उन्होंने परिवार को धोखा देकर घर छोड़ने का फैसला कर लिया। 2013 में दोनों ने घर से भागकर मंदिर में शादी कर ली और फिर एक किराए के मकान में अपनी नई जिंदगी की शुरुआत की।

शादी तक शिल्पा ने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली थी। हालांकि अशोक ने शादी के बाद भी अपने परिवार के साथ संबंध बनाए रखा, लेकिन शिल्पा का परिवार उससे पूरी तरह कट चुका था। शिल्पा कई बार अशोक के साथ गांव गई, लेकिन उसके परिवार ने उसे अपनाने से इनकार कर दिया।

अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद शिल्पा ने मेरठ के एक प्राइवेट कॉलेज में एएनएम (नर्सिंग) का कोर्स किया। उसने यह कोर्स सफलतापूर्वक पूरा भी कर लिया। शिल्पा को उम्मीद थी कि नर्स के रूप में नौकरी करके वह अपनी आजीविका कमा सकेगी।

शिल्पा को यह भी भरोसा था कि शादी के कुछ समय बाद उसके परिवार वाले उसे स्वीकार कर लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उसकी यह उम्मीद चकनाचूर हो गई। सपने टूटने लगे। अशोक की सीमित कमाई ने उनकी आर्थिक स्थिति को और खराब कर दिया।

शिल्पा ने कभी डॉक्टर बनने का सपना देखा था, लेकिन प्रेम की धारा में बहते हुए उसने वह रास्ता छोड़ दिया। शादी के बाद शिल्पा का भविष्य उसे अंधकारमय लगने लगा। उसका आत्मविश्वास डगमगा गया और उसे महसूस होने लगा कि उसका जीवन, जिसे उसने प्यार के लिए चुना था, अब एक बड़ी भूल बन चुका है।

धोखा, बेवफाई और रहस्यमय रिश्ते: शिल्पा और अमित का खतरनाक खेल

कुछ समय बाद, अशोक ने शिल्पा को अपने चाचा बुद्धान सिंह के घर काशीपुर ले जाकर वहां बसने का फैसला किया। काशीपुर जाने के बाद अशोक ने मिस्त्री का काम शुरू कर दिया, जिसे शिल्पा बिल्कुल पसंद नहीं करती थी। अशोक उसी घर में रहता था, जहां वह पहले किराए पर रहा करता था। वहीं, अमित नाम का एक व्यक्ति, जो संजीव ली का निवासी था, अक्सर अपने चाचा संजीव के पास आता था। अमित शिक्षित था और टाटा मोटर्स में काम करता था, लेकिन लगभग दो साल पहले किसी कारणवश उसे नौकरी से हाथ धोना पड़ा। इसके बाद वह महो अखेड़ा गया, जहां उसने एक प्राइवेट कंपनी में काम करना शुरू कर दिया और जगतपुर गांव में एक कमरा भी लिया था।

जब भी अमित अपने चाचा के घर आता, तो वह कई दिनों तक वहीं रहता और अपनी ड्यूटी करता। यहीं पर उसकी मुलाकात शिल्पा से हुई। अशोक सुबह जल्दी काम पर निकल जाता था और फिर शिल्पा अकेली कमरे में रहती थी। अशोक पंडित और संजीव के कमरे एक-दूसरे के सामने थे, जिससे शिल्पा को आसानी से देखा जा सकता था। शिल्पा को अच्छे से तैयार रहना बहुत पसंद था, और वह केवल सुंदर नहीं बल्कि आकर्षक भी थी।

अमित ने शिल्पा को देखा और उसकी सुंदरता पर मोहित हो गया। वह जानता था कि शिल्पा शादीशुदा है, फिर भी वह उसे किसी भी कीमत पर पाने का इच्छुक था। अमित ने शिल्पा से अपने प्रेम का इज़हार किया और जल्द ही वह उसके प्रेम जाल में फंस गई। जैसे-जैसे उनके बीच प्यार बढ़ा, एक दिन ऐसा आया जब उनका अवैध संबंध भी बन गया।

इस दौरान शिल्पा ने एक बच्चे को जन्म दिया, लेकिन उसकी खूबसूरती ऐसी थी कि बच्चे के होते हुए भी वह जवान और आकर्षक लगती थी। उसी समय, 2019 में अशोक ने शिल्पा को अकेला छोड़कर दुबई काम करने के लिए चला गया। अशोक के दुबई जाने के बाद शिल्पा और अमित को मिलने के लिए पूरी छूट मिल गई थी। अशोक ने दुबई में कड़ी मेहनत की, ताकि अपनी पत्नी के सपनों को पूरा कर सके, जबकि शिल्पा ने अशोक की अनुपस्थिति में अपने रिश्ते में बेवफाई की और अमित के साथ समय बिताने लगी।

2021 में जब लॉकडाउन लगा, तो अशोक को दुबई से घर लौटना पड़ा। घर लौटने के बाद, अशोक ने महसूस किया कि शिल्पा में बहुत बदलाव आ चुका था। वह पहले की तरह न तो उसे ध्यान देती थी, न ही रोमांस और प्यार की बातें करती थी। वह हमेशा फोन पर व्यस्त रहती थी, जिससे अशोक को शक हुआ। शिल्पा और अशोक के बीच इस फोन पर बात करने को लेकर कई झगड़े हुए। अपनी सफाई में शिल्पा ने बताया कि उसका एक दोस्त है, जिसका नाम ज़ीना खान है, और वह उसी के साथ काम के सिलसिले में बात करती है। उसने यह भी बताया कि वह उसी के नंबर को सबको दिखाकर अपनी बातों को सही साबित करना चाहती थी।

शिल्पा का अमित के साथ अफेयर

जैसे ही शिल्पा का अमित के साथ अफेयर शुरू हुआ, अमित ने उसे एक छोटा मोबाइल फोन खरीदा, जिसका उपयोग शिल्पा केवल अमित से बात करने के लिए करती थी। वह फोन सभी से छुपाकर रखती थी, लेकिन एक दिन उसकी असलियत अशोक के सामने आ गई और घर में तूफान मच गया। इस झगड़े के कारण अशोक ने शिल्पा को उसके मायके भेज दिया। मायके जाने के बाद, शिल्पा ने एक अस्पताल में सहायक के रूप में काम करना शुरू कर दिया, जबकि अशोक ने काशीपुर छोड़कर हरियाणा के सोनीपत में काम करना शुरू कर दिया। दोनों के अलग रहने के कारण शिल्पा के लिए अमित से बात करने का रास्ता साफ हो गया था। कुछ दिनों तक शिल्पा से नाराज रहने के बाद, अशोक फिर से उसे मिलने के लिए खाताuli जाने लगा, लेकिन शिल्पा का पहले जैसा प्यार उसके दिल में नहीं था। वह उसे अनजाने में छोड़ रही थी।

अमित के साथ अफेयर शुरू होने के बाद, अमित ने शिल्पा से शादी करने की इच्छा जताई और शिल्पा ने इसे स्वीकार कर लिया। लेकिन अमित से शादी करने के लिए उसे अशोक से छुटकारा पाना जरूरी था। इस इच्छा को पूरा करने के लिए, शिल्पा ने अमित से शादी कर ली। अमित ने उसे खाताuli बुलाया और वह एक रात अपने कमरे में रहा, जहां एक योजना बनाई गई ताकि अशोक से छुटकारा पाया जा सके, लेकिन वह योजना किसी कारण सफल नहीं हो पाई। इसी योजना के चलते शिल्पा को यह जानकारी मिली कि 16 फरवरी 2022 को काशीपुर निवासी अशोक के चाचा बुद्धान सिंह के बेटे मनोज की शादी हो रही है और वह इस शादी में जरूर जाएगी।

इस जानकारी के बाद, शिल्पा न तो अमित से संपर्क कर पाई और न ही उससे फोन पर बात कर सकी। यही कारण था कि 14 फरवरी को उसने अशोक के साथ काशीपुर जाने से इनकार कर दिया, यह बहाना बनाते हुए कि वह मासिक धर्म में है। अशोक काशीपुर के लिए निकल गया, लेकिन रात में शिल्पा ने अमित से बात की और पूरे प्लान को लागू करने की रणनीति बनाई। अमित ने अशोक की आदत को समझा था कि वह शराब पीने के बाद बहुत उत्तेजित हो जाता है, और अमित ने यह सोचा कि उसे अशोक को रास्ते से हटाने का इससे बेहतर मौका नहीं मिलेगा। अमित ने तुरंत इस काम के लिए अपने कजिन अंकित तिवारी, जो बरेली के मथलक्ष्मीपुर गांव का निवासी था, को 10,000 रुपये में अशोक को मारने के लिए तैयार किया। अशोक को मारने की योजना को अंतिम रूप देने के बाद, 16 फरवरी को शाम को अमित और अंकित दोनों बरेली से किच्छा की ओर रवाना हुए, उनका वाहन नंबर UP 25 CA A216 था।

बेरहमी से चाकू से हत्या

अमित और अंकित जैसे ही विवाह महल पहुंचे, उन्होंने खाना खाया। अशोक पंडित अमित से परिचित थे, और इस परिचय के कारण अमित ने अंकित को अशोक से मिलवाया। खाने के बाद, अमित और अंकित ने मौके की तलाश शुरू की। अशोक पहले ही शराब पी चुका था। जब अमित ने देखा कि अशोक अकेला है, तो उसने अंकित को इशारा किया, और अंकित ने अशोक को अपने पास बुलाया। अमित ने शराब पीने की इच्छा जताई और अशोक को एक सुनसान जगह पर ले गया। अंकित ने भी अमित और अशोक को अपनी बाइक पर बिठाया और पुलभट्टा की तरफ बढ़ने लगे।

एक सुनसान स्थान पर पहुंचकर, अंकित ने बाइक को रोका और एक हथौड़े से अशोक के सिर पर वार किया। अशोक तुरंत बेहोश हो गया और भारी खून बहने की वजह से उसकी मौत हो गई। कुछ समय बाद, अशोक की मौत की पुष्टि होने के बाद, दोनों ने उसे झाड़ियों में खींचकर फेंक दिया और फिर बेरहमी से चाकू से उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद, उन्होंने हथौड़ा और चाकू को पास के खेतों में फेंक दिया और अगले दिन बाइक से बरेली लौट गए।

17 फरवरी को, रात करीब 9:10 बजे, अमित ने शिल्पा को फोन कर अशोक की हत्या की खबर दी। मामले के सुलझने के बाद, पुलिस ने आरोपी अमित और अंकित के द्वारा बताई गई जानकारी के आधार पर बाइक, हथौड़ा, चाकू और हत्याकांड के दौरान पहने गए कपड़े बरामद किए। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 342 और 120B के तहत मामला दर्ज किया और शिल्पा शर्मा, अमित अग्रिहोत्री और अंकित तिवारी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।

यह एक दुखद और सच्ची घटना है। यह दिखाता है कि कैसे एक छोटी सी चिंगारी, जैसे कि एक प्रेम संबंध, मौत और कई जिंदगियों की बर्बादी का कारण बन सकती है। खासकर, शिल्पा शर्मा और अशोक पंडित के बच्चे के बारे में सोचिए—उस बच्चे की जिंदगी पूरी तरह से बर्बाद हो गई। पिता अब नहीं रहे, और मां जेल में है। यह एक ऐसी दुखद सच्चाई है जिसे हम अक्सर अपराधों की कहानियों में देखते हैं, जहां लोग प्यार में हत्या को तर्कपूर्ण तरीके से अलग होने की बजाय चुनते हैं। यह सवाल उठाता है कि लोग तलाक के कानूनी तरीके से रिश्ते खत्म करने के बजाय हत्या की ओर क्यों बढ़ जाते हैं। यह दुखद कहानी शांति से विवादों को सुलझाने और आवेगपूर्ण कार्यों के परिणामों को समझने का महत्व बताती है।

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