सानिया शेख की हत्या की दिल दहला देने वाली कहानी / Sania Sheikh Murder Mystery

सानिया शेख नाम की एक लड़की की यह खौफनाक घटना 2021 में मुंबई को झकझोर कर रख देने वाली थी। इस केस को इतनी निर्दयता और सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया कि पुलिस को इसे सुलझाने में पूरे 14 महीने लग गए। तो आखिर इस केस की पूरी कहानी क्या थी? सानिया शेख के साथ क्या हुआ, और पुलिस ने कैसे इस जटिल केस को सुलझाया? आइए, जानें इस चौंकाने वाली घटना की हर परत, सिलसिलेवार तरीके से।

इस घटना का सबसे हैरान कर देने वाला पहलू इसका मोटिव था, जिसने सभी को सकते में डाल दिया। इसे समझने के लिए वीडियो को अंत तक जरूर देखें। लेकिन उससे पहले, जल्दी से क्राइम की कहानी चैनल को सब्सक्राइब कर लें, ताकि ऐसी ही रोमांचक कहानियां आपसे छूट न जाएं।

इस रहस्य की शुरुआत: 26 जुलाई 2021

26 जुलाई की सुबह, मुंबई के वसई इलाके के भुई गांव के बीच से गुजर रहे कुछ लोगों की नजर एक बड़े सूटकेस पर पड़ी। शक होने पर उन्होंने तुरंत वसई पुलिस स्टेशन को इसकी जानकारी दी। पुलिस मौके पर पहुंची और सूटकेस को जब्त किया। जब सूटकेस खोला गया, तो पुलिस के होश उड़ गए—अंदर एक महिला की हेडलेस (बिना सिर की) बॉडी थी।

डेड बॉडी काफी हद तक डीकंपोज़ हो चुकी थी, जिससे उसकी पहचान करना मुश्किल हो रहा था। सिर गायब होने के कारण पुलिस के लिए पीड़िता की पहचान करना और भी चुनौतीपूर्ण हो गया। घटनास्थल के आसपास कोई ऐसा सुराग भी नहीं मिला, जिससे महिला की पहचान की जा सके।

शुरुआती जांच और परेशानियां

पुलिस ने हेडलेस बॉडी की तस्वीरें लेकर मुंबई और आसपास के सभी थानों में भेजीं, लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिली। पहचान न हो पाने की वजह से, पोस्टमॉर्टम के बाद पुलिस ने शव का अंतिम संस्कार करवा दिया। हालांकि, भविष्य में जांच के लिए महिला का डीएनए सैंपल सुरक्षित रख लिया गया।

यह केस अब तक सिर्फ एक अनसुलझी गुत्थी था। पर पुलिस ने हार नहीं मानी और धीरे-धीरे परत-दर-परत सच्चाई को उजागर किया

Sania Sheikh Murder Mystery

सूटकेस मर्डर केस: जब वसई पुलिस ने 13 महीने बाद पाया पहला सुराग

वसई पुलिस इस मामले में किसी भी तरह की ढील देने के मूड में नहीं थी। केस को सुलझाने के लिए चार अलग-अलग टीमें बनाई गईं। मुंबई के अलग-अलग इलाकों में लगभग 200 बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए, जिन पर सूटकेस में मिली लड़की से जुड़ी सभी जानकारी पब्लिश की गई। मकसद था—किसी भी तरह से लड़की की पहचान स्थापित कर, उसके कातिल तक पहुंचना।

लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद कोई सुराग हाथ नहीं लगा। एक साल से भी ज्यादा समय गुजर गया, और पुलिस के पास अब भी कोई ठोस जानकारी नहीं थी।

सूटकेस मिलने के 13 महीने बीत चुके थे। फिर, 29 अगस्त 2022 को, एक अप्रत्याशित मोड़ आया। मुंबई के मुमरा पुलिस स्टेशन में कर्नाटक के बेलगांव से जावेद अली नाम का व्यक्ति आया और अपनी भतीजी सानिया शेख के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई।

जावेद अली ने पुलिस को बताया कि सानिया के जन्म के कुछ साल बाद ही उसके माता-पिता का देहांत हो गया था। उन्होंने ही सानिया को अपनी बेटी की तरह पाला और 2017 में उसकी शादी बड़े धूमधाम से नालासोपारा के रश्मी रीजेंसी अपार्टमेंट में रहने वाले आसिफ शेख से करवाई। शादी के बाद सानिया अपने पति आसिफ, उनके माता-पिता, और एक भाई के साथ टू बीएचके अपार्टमेंट में रहने लगी।

सानिया से आखिरी बातचीत का जिक्र

जावेद अली ने पुलिस को बताया कि उन्होंने आखिरी बार 8 जुलाई 2021 को सानिया से बात की थी। उस दिन सानिया की दादी का देहांत हुआ था। इसके बाद, उन्होंने कई बार सानिया से बात करने की कोशिश की, लेकिन हर बार आसिफ ने कोई न कोई बहाना बनाकर बात कराने से मना कर दिया।

जावेद के बयान के साथ ही इस रहस्य के कई टुकड़े जुड़ने लगे। पुलिस को आखिरकार ऐसा सुराग मिला, जिससे इस केस की दिशा बदल सकती थी।

समय बीतने के साथ सानिया के पति आसिफ ने उसके परिवार वालों के कॉल उठाने भी बंद कर दिए। सानिया के चाचा, जावेद अली, बताते हैं कि उन्होंने आसिफ की मां के फोन पर भी संपर्क करने की कोशिश की, ताकि सानिया से बात हो सके, लेकिन सफलता नहीं मिली।

सानिया का परिवार, जो मूल रूप से कर्नाटक के बेलगांव से था, लॉकडाउन के कारण बहुत परेशान था। 2021 में कोरोना के प्रकोप की वजह से देशभर में सख्त लॉकडाउन लागू था। जब सानिया से बात नहीं हो पाई, तो परिवार चिंतित हो गया और मुंबई आकर उससे मिलने का प्लान बनाया। लेकिन लॉकडाउन की पाबंदियों के चलते वे कर्नाटक से मुंबई तक यात्रा नहीं कर पाए, और इस तरह एक साल से ज्यादा का वक्त बीत गया।

साल भर बाद, एक चौंकाने वाला खुलासा

2022 में जब सानिया के रिश्तेदार मुंबई पहुंचे और नालासोपारा में आसिफ के अपार्टमेंट पर गए, तो उन्हें चौंकाने वाली जानकारी मिली। आसिफ और उसके परिवार ने अक्टूबर 2021 में वह घर बेच दिया था और कहीं और शिफ्ट हो गए थे। पड़ोसियों ने बताया कि घर बेचने के बाद आसिफ के परिवार ने कहा था कि वे किसी दूसरे अपार्टमेंट में रहेंगे।

रिश्तेदार उस नए पते पर पहुंचे, लेकिन वहां भी कोई नहीं रह रहा था। काफी कोशिशों के बाद जब वे आसिफ से संपर्क करने की कोशिश करते हैं, तो वह बातचीत से बचता है। हालांकि, किसी तरह सानिया के चाचा आसिफ की मां से संपर्क करने में सफल हो गए। उन्होंने पता लगाया कि अब आसिफ का परिवार मुमरा के एक अपार्टमेंट में रह रहा है।

मुमरा में मिला विरोध और एक झूठी कहानी

मुमरा में आसिफ के माता-पिता ने सानिया के रिश्तेदारों को घर में घुसने नहीं दिया। हालांकि, यहां सानिया और आसिफ की तीन साल की बेटी अमायरा नजर आई, लेकिन सानिया कहीं दिखाई नहीं दी।

जब रिश्तेदारों ने सानिया के बारे में पूछा, तो आसिफ और उसके परिवार ने दावा किया कि सानिया एक साल पहले अपने बॉयफ्रेंड के साथ भाग गई थी। सबूत के तौर पर, आसिफ ने एक हाथ से लिखी चिट्ठी दिखाई, जिसमें कथित तौर पर सानिया ने लिखा था कि वह अपनी मर्जी से अपने बॉयफ्रेंड के साथ जा रही है।

लेकिन आसिफ की यह कहानी सानिया के परिवार को बिल्कुल भी विश्वास योग्य नहीं लगी। उन्हें महसूस हुआ कि सानिया के साथ कुछ गड़बड़ है। इसी शक के आधार पर, वे मुमरा पुलिस स्टेशन पहुंचे और सानिया की मिसिंग रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की।

चूंकि सानिया के गायब होने से पहले तक वह नालासोपारा में रह रही थी, मुमरा पुलिस ने सलाह दी कि वे नालासोपारा पुलिस स्टेशन में जाकर मिसिंग रिपोर्ट दर्ज कराएं। इसके बाद, मामला फिर से जांच के एक नए चरण में प्रवेश कर गया।

सूटकेस मर्डर केस: डीएनए टेस्ट से सच्चाई की ओर बढ़ता एक बड़ा कदम

मुमरा पुलिस की मदद से, आखिरकार सानिया शेख के गायब होने की रिपोर्ट हॉल पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई। एफआईआर दर्ज करने के बाद, पुलिस ने सानिया के रिश्तेदारों को एक साल पहले वसई के बीच से बरामद किए गए सूटकेस में मिली लाश की तस्वीर दिखाई।

लाश का चेहरा नहीं था, लेकिन सानिया के रिश्तेदार तस्वीर में दिख रहे कपड़ों के आधार पर उसे सानिया शेख के रूप में पहचान लेते हैं। दूसरे रिश्तेदार भी तस्वीर को देखकर पुष्टि करते हैं कि वह लड़की सानिया ही थी।

इसके बाद, पुलिस ने तुरंत सानिया के पति, आसिफ शेख, और उसके माता-पिता को थाने बुलाया। उन्हें भी वही तस्वीर दिखाई गई। हालांकि, आसिफ और उसका परिवार इस तस्वीर में दिख रही लड़की को सानिया मानने से साफ इंकार कर देता है।

आसिफ ने पुलिस को वही पुरानी कहानी सुनाई—कि सानिया अपनी मर्जी से अपने बॉयफ्रेंड के साथ घर छोड़कर भाग गई थी। उसने फिर से वह हाथ से लिखा कथित लेटर भी पेश किया। लेकिन इस बार, पुलिस को आसिफ और उसके परिवार की बातों पर शक हुआ।

इसके बावजूद, पुलिस ने संयम दिखाया और फिलहाल उन्हें जाने दिया। लेकिन अब, 13 महीने से अनसुलझे पड़े इस केस में पुलिस के सामने एक बड़ा प्राइम सस्पेक्ट आ चुका था—आसिफ शेख।

डीएनए जांच का फैसला

हालांकि सानिया के परिवार वालों ने तस्वीर में लाश को पहचान लिया था, आसिफ के इनकार ने पुलिस को डीएनए जांच का रास्ता अपनाने के लिए मजबूर कर दिया।

पुलिस ने कागजी कार्रवाई पूरी कर, आसिफ का डीएनए सैंपल लिया। इसके बाद, सूटकेस से बरामद लड़की के डीएनए सैंपल का मिलान आसिफ और सानिया की तीन साल की बेटी अमायरा के डीएनए से करने का फैसला किया गया।

इस जांच का उद्देश्य सच्चाई को उजागर करना था। अब सवाल यह था कि क्या डीएनए रिपोर्ट पुलिस के शक को सही साबित करेगी और सूटकेस में मिली लड़की की पहचान को पुख्ता कर सकेगी? जांच एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी थी।

रहस्यमयी सूटकेस से सानिया की दिल दहलाने वाली हत्या का पर्दाफाश

जब डीएनए जांच की रिपोर्ट आई, तो हर कोई सन्न रह गया। रिपोर्ट से साफ हो गया कि सूटकेस से बरामद लड़की कोई और नहीं, बल्कि सानिया शेख थी। आसिफ और सानिया का डीएनए उनकी बेटी अमायरा के डीएनए से पूरी तरह मेल खाता था। इस खुलासे ने आसिफ और उसके परिवार के पहले झूठ को पूरी तरह बेनकाब कर दिया।

जैसे ही डीएनए रिपोर्ट मिली, पुलिस ने तुरंत आसिफ को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान, आसिफ शुरू में सानिया की हत्या में अपनी संलिप्तता से इनकार करता रहा और अपनी पुरानी कहानी—सानिया के बॉयफ्रेंड के साथ भागने की—पर अड़ा रहा।

हैंडराइटिंग एनालिसिस ने तोड़ी झूठ की दीवार

जल्द ही, कथित तौर पर सानिया द्वारा लिखे गए लेटर की हैंडराइटिंग एनालिसिस रिपोर्ट आई, जिसने आसिफ का दूसरा झूठ भी उजागर कर दिया। रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि लेटर की लिखावट सानिया की नहीं, बल्कि आसिफ की थी। यह साबित हो गया कि बॉयफ्रेंड वाली कहानी आसिफ ने खुद गढ़ी थी और फर्जी लेटर के जरिए लोगों को गुमराह करने की कोशिश की थी।

एक के बाद एक झूठ पकड़ में आने के बाद, पुलिस ने आसिफ पर कड़ाई से पूछताछ शुरू की। आखिरकार, आसिफ की चालाकी टूट गई, और उसने उस खौफनाक सच को कबूल कर लिया, जिसे सुनकर रूह कांप उठे।

21 जुलाई 2021: खौफनाक हत्या की दास्तान

आसिफ ने खुलासा किया कि 21 जुलाई 2021 को सानिया की हत्या उसी ने की थी। एक मामूली बहस के दौरान विवाद इतना बढ़ गया कि आसिफ ने सानिया पर हाथ उठा दिया। गुस्से में वह सानिया के हाथ-पैर बांधकर उसके चेहरे को पानी से भरे टब में डुबोने लगा।

जब सानिया लगभग बेहोश हो गई, तो भी आसिफ नहीं रुका। उसने गुस्से में आकर सानिया का गला घोंटना शुरू कर दिया और तब तक दबाए रखा, जब तक उसकी सांसें नहीं थम गईं।

सानिया की मौत के बाद भी आसिफ का गुस्सा शांत नहीं हुआ। उसने दूसरे कमरे से एक बड़ा चाकू लाकर सानिया का गला रेतना शुरू कर दिया। इस भयानक हरकत के दौरान, आसिफ खुद बेहोश हो गया।

इसी बीच, कथित तौर पर आसिफ के पिता कमरे में आए और उन्होंने चाकू से सानिया का सिर धड़ से अलग कर दिया। इस नृशंस कृत्य ने इस हत्याकांड को और भी भयावह बना दिया।

आसिफ की ये स्वीकारोक्ति इस मामले में सबसे अहम मोड़ थी। पुलिस के लिए यह केवल एक अंत नहीं, बल्कि न्याय सुनिश्चित करने की शुरुआत थी। इस खौफनाक हत्या ने न केवल सानिया के परिवार को तोड़कर रख दिया, बल्कि समाज को भी झकझोर कर रख दिया।

परफेक्ट प्लानिंग और हैवानियत का खौफनाक अंत

आसिफ की क्रूरता और योजना का अंदाजा उसकी हरकतों से लगाया जा सकता है। सानिया की हत्या के बाद, आसिफ ने उसके शरीर को पहचान से परे बनाने का शैतानी काम शुरू किया।

होश में आने के बाद, आसिफ ने दूसरे कमरे से ट्रिमर लाकर सानिया के लंबे बाल शेव कर दिए ताकि उसकी पहचान करना मुश्किल हो जाए। सानिया के ऊपरी होंठ पर मौजूद तिल को भी उसने पहचान मिटाने के लिए चाकू से काटकर हटा दिया। इस तरह उसने पुलिस या किसी को भी सुराग देने के सारे रास्ते बंद करने की कोशिश की।

सानिया का सिर अलग करने के बाद, आसिफ ने उसे एक बेडशीट में लपेटा और बड़े पॉलीथिन बैग में रख दिया। अपने भाई यासीन की मदद से, वह बाइक पर सिर लेकर मुंबई-अहमदाबाद हाईवे की ओर निकल गया। सुनसान इलाके में झाड़ियों के बीच सिर फेंकने के बाद, दोनों वापस घर लौट आए।

अब बारी थी सानिया के शरीर को ठिकाने लगाने की। बाइक पर पूरा शरीर ले जाना संभव नहीं था, इसलिए आसिफ ने अपने जीजा यूसुफ की मदद ली। यूसुफ, जो पेशे से कैब ड्राइवर था, को तुरंत कार लेकर आने के लिए बुलाया गया।

आसिफ ने अपने पिता और भाई के साथ मिलकर सानिया के शरीर को एक बड़े ट्रॉली बैग में बंद किया। जब यूसुफ कार लेकर पहुंचा, तो ये लोग बैग को लेकर भुइगांव बीच पर पहुंचे और उसे सुनसान इलाके में फेंक दिया। बैग वहीं पड़ा रहा, जब तक कि जानवर और परिंदे उस पर मंडराने नहीं लगे। इसी के बाद, स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचित किया।

ट्रॉली बैग फेंकने के बाद, आसिफ घर लौटा और खून से सने कमरे को अच्छी तरह से साफ कर दिया। अपने खून से सने कपड़ों को भी उसने बड़े आराम से ठिकाने लगा दिया, जिससे कोई सबूत न बचे।

आसिफ की परफेक्ट प्लानिंग और हैवानियत ने सानिया की हत्या को भले ही छिपाने की कोशिश की हो, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी और वैज्ञानिक जांच ने इस नृशंस कांड की परतें खोल दीं। यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि अपराध कितना भी योजनाबद्ध क्यों न हो, सच देर-सवेर बाहर आ ही जाता है।

बकरीद के दिन मौत की साजिश और हैरान कर देने वाला कबूलनामा

21 जुलाई 2021 को, जब पूरा भारत बकरीद का त्यौहार मना रहा था, आसिफ ने सानिया की हत्या के बाद परिवार संग यह त्यौहार भी बड़े आराम से मनाया। यही नहीं, वह अन्य रिश्तेदारों के घर मिलने भी गया, जैसे कुछ हुआ ही न हो। आसिफ और उसके परिवार की यह ठंडे दिमाग की हैवानियत चौंकाने वाली थी।

इस भयावह घटना के दौरान, आसिफ और सानिया की 3 साल की बेटी अमायरा कहां थी? चूंकि यह हत्या पूरी तरह प्री-प्लान थी, आसिफ ने पहले से ही अपनी बेटी को त्यौहार मनाने के बहाने अपने जीजा यूसुफ की पत्नी के पास भेज दिया था। इस चालाकी ने आसिफ की योजना को और भी संगठित बना दिया।

शुरुआत में, आसिफ ने हत्या की बात स्वीकार की, लेकिन उसने दावा किया कि उसने सानिया की हत्या और लाश ठिकाने लगाने का काम अकेले किया था। यह बयान उसने अपने परिवार को बचाने के इरादे से दिया था। लेकिन पुलिस की सूझबूझ और कड़ाई से हुई पूछताछ ने उसकी चालाकी को उजागर कर दिया। जांच में परिवार के दूसरे सदस्यों की भूमिका भी सामने आ गई।

हालांकि, पुलिस को अब तक यह समझ नहीं आया था कि आसिफ ने सानिया की हत्या क्यों की। इस सवाल का जवाब जानने के लिए पुलिस ने आसिफ से बार-बार पूछताछ की। आखिरकार, आसिफ ने हत्या के पीछे की वजह का खुलासा किया।

आसिफ की कहानी ने पुलिस को झकझोर कर रख दिया, क्योंकि यह कारण न केवल चौंकाने वाला था बल्कि इंसानी रिश्तों और भावनाओं को कलंकित करने वाला भी था।

ममता की सजा: बच्ची के लिए जंग और साजिश का खुलासा

आसिफ के परिवार में एक गहरी साजिश की परतें तब खुलीं, जब पुलिस को सानिया की हत्या का असली कारण पता चला।

आसिफ की बहन, जिसकी शादी कई साल पहले यूसुफ से हुई थी, संतान सुख से वंचित थी। दूसरी तरफ, सानिया और आसिफ के घर शादी के दो साल बाद एक बेटी का जन्म हुआ। बेटी के जन्म के बाद जहां घर में खुशी का माहौल था, वहीं कुछ समय बाद सानिया पर दबाव बनाया जाने लगा कि वह अपनी नन्ही बच्ची को अपनी ननद (आसिफ की बहन) को सौंप दे।

सानिया ने अपनी बच्ची को किसी भी कीमत पर देने से इनकार कर दिया। यही इनकार उसके लिए मुसीबतों की शुरुआत थी। आसिफ और उसके माता-पिता लगातार सानिया पर बच्ची को देने का दबाव डालते रहे। बात इतनी बढ़ गई कि सानिया ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में ससुरालवालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने तक का कदम उठाया। हालांकि, परिवार के हस्तक्षेप से उस वक्त मामला शांत करवा दिया गया, लेकिन यह सिर्फ तूफान से पहले की खामोशी थी।

पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि सानिया को ससुरालवालों द्वारा पैसों के लिए भी प्रताड़ित किया जाता था। सानिया के माता-पिता का निधन उसके बचपन में ही हो गया था, लेकिन उन्होंने अपनी बेटी के लिए दो बड़े घर, आम का बगीचा, और कर्नाटक के बेलगांव में कीमती जमीनें छोड़ी थीं।

शादी के बाद जब आसिफ और उसके परिवार को सानिया की संपत्ति का पता चला, तो उन्होंने सानिया पर जमीन बेचकर पैसे लाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। सानिया ने संपत्ति बेचने से साफ इनकार कर दिया। यह इनकार भी उसकी ससुराल में दुर्व्यवहार और प्रताड़ना का बड़ा कारण बन गया।

पुलिस की गहन जांच के बाद सानिया की मौत की साजिश में आसिफ, उसके माता-पिता, भाई, और जीजा को गिरफ्तार कर लिया गया। सभी को जेल भेज दिया गया है। अब अदालत तय करेगी कि इस जघन्य अपराध के लिए इन सभी दोषियों को क्या सजा मिलनी चाहिए।

इस भयानक साजिश और हत्या के लिए आसिफ समेत दोषियों को क्या सजा मिलनी चाहिए? अपनी राय कमेंट में जरूर दें। अगर आपको यह कहानी और हमारी मेहनत पसंद आई हो, तो इसे लाइक और शेयर करना न भूलें।

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