4 साल तक लाश के ऊपर सोता रहा कातिल: चंद्रवीर मर्डर केस का पूरा सच

पुलिस ने लापता समझकर केस बंद कर दिया था, लेकिन 4 साल बाद ऐसा खुलासा हुआ जिसने सभी को हिला कर रख दिया। दोस्तों, हमेशा की तरह हमारी आज की कहानी भी बिल्कुल सच्ची है, लेकिन इसमें फिल्मी अंदाज का तड़का है।

ये कहानी लगभग 4 साल पहले की है, जब गाजियाबाद में एक व्यक्ति ने अपने भाई चंद्रवीर की किडनैपिंग की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पुलिस ने महीनों तक जांच की, लेकिन चंद्रवीर का कोई सुराग नहीं मिला। आखिरकार, पुलिस ने इस केस को बंद कर दिया।

चार साल बाद, शहर में एक नए पुलिस अधिकारी की नियुक्ति होती है। वह लंबित मामलों की फाइलें खुलवाते हैं और उनमें से एक फाइल चंद्रवीर की भी होती है। केस की दोबारा जांच शुरू होती है, और इस बार जो सच सामने आता है, वह रोंगटे खड़े कर देने वाला होता है।

तो आखिर वह खुलासा क्या था? इस केस को सुलझाने में पुलिस की मदद किसने की? और इस असल कहानी का कनेक्शन बॉलीवुड की एक मशहूर फिल्म से कैसे जुड़ता है? आइए, जानते हैं इस दिलचस्प किस्से को।

यह कहानी गाजियाबाद के नंद ग्राम थाना क्षेत्र के सिख रोड गांव में रहने वाले चंद्रवीर उर्फ पप्पू की है। गांव में चंद्रवीर के पास काफी जमीन थी, जिसमें वह खेती करता था। उसके परिवार में एक भाई और पत्नी थी। चंद्रवीर की पत्नी की तबीयत अक्सर खराब रहती थी, और वह लगातार उसका इलाज करवा रहा था।

लेकिन समय के साथ उसकी पत्नी का निधन हो गया। पत्नी की मौत के बाद चंद्रवीर बिल्कुल अकेला और टूट चुका था। उसकी हालत देखकर गांव के कुछ लोगों ने उसे दोबारा शादी करने की सलाह दी। चंद्रवीर ने उनकी बात मान ली और दूसरी शादी के लिए लड़की की तलाश में जुट गया।

आगे की कहानी और भी चौंकाने वाली है, जिसमें फिल्मी ट्विस्ट और असल जिंदगी का जुड़ाव है।

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चंद्रवीर और सविता की कहानी: प्यार, पारिवारिक झगड़े और एक रहस्यमयी गुमशुदगी

कुछ दिनों बाद, चंद्रवीर के पास सविता नाम की एक महिला का रिश्ता आता है। सविता की उम्र लगभग 35-36 साल थी, और कुछ समय पहले ही उसके पति का निधन हुआ था। पहली शादी से सविता की एक बेटी भी थी। चंद्रवीर को यह रिश्ता पसंद आता है, और सभी बातें तय होने के बाद, वह 2015 में सविता से शादी कर लेता है।

शादी के बाद, चंद्रवीर न सिर्फ सविता को अपनाता है, बल्कि उसकी बेटी को भी अपनी बेटी की तरह स्वीकार करता है। शुरुआती दिनों में उनका जीवन खुशी-खुशी चलता है। शादी के बाद सविता ने एक बेटे को जन्म दिया, और परिवार में सब कुछ सामान्य लग रहा था। हालांकि, कभी-कभी छोटी-मोटी लड़ाइयां भी होती थीं, जो किसी भी आम परिवार में होती हैं।

समय बीतते-बीतते 2018 आ गया। सविता और चंद्रवीर की शादी को तीन साल से ज्यादा हो चुके थे। लेकिन अब उनके रिश्ते में पहले जैसा प्यार नहीं बचा था। झगड़े बढ़ने लगे थे, और चंद्रवीर अक्सर नशे में घर आने लगा था।

इसी बीच, 28 सितंबर 2018 को सविता ने नंद ग्राम पुलिस स्टेशन में अपने पति चंद्रवीर की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। सविता ने बताया कि चंद्रवीर रातभर घर नहीं लौटे, और उन्हें ढूंढने की कोशिशों के बावजूद उनका कोई सुराग नहीं मिला।

पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर तुरंत चंद्रवीर की तलाश शुरू कर दी। सबसे पहले घरवालों और पड़ोसियों के बयान लिए गए, लेकिन कोई भी उपयोगी जानकारी सामने नहीं आई। कई दिनों तक जांच चलती रही, मगर चंद्रवीर का कोई पता नहीं चला।

4 साल पुराना केस फिर खुला: एसएसपी मुनिराज और क्राइम ब्रांच की नई जांच

पुलिस जांच के दौरान, चंद्रवीर के भाई ने गांव के कुछ लोगों पर उसके अपहरण का शक जताया। पुलिस ने इस एंगल से भी जांच की और जिन पर आरोप लगाए गए, उनसे गहन पूछताछ की गई। लेकिन पुलिस को कोई ठोस सबूत नहीं मिला। कई हफ्तों की जांच के बाद, पुलिस ने कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट पेश करते हुए केस बंद कर दिया। इस तरह चंद्रवीर का मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

समय बीतने के साथ, लोग चंद्रवीर को भूल गए और अपनी-अपनी जिंदगी में आगे बढ़ गए। इस केस को बंद हुए 4 साल से ज्यादा हो चुके थे, और 2022 का साल इस मामले के लिहाज से अहम साबित होने वाला था।

4 अप्रैल 2022 को, 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी मुनिराज जी ने गाजियाबाद के एसएसपी का पद संभाला। पद संभालते ही उन्होंने अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी पुलिस स्टेशनों से ऐसे केस की फाइलें मंगवाईं, जो अब तक सुलझ नहीं पाई थीं। इन फाइलों में नंद ग्राम पुलिस स्टेशन से आई चंद्रवीर की फाइल भी शामिल थी।

एसएसपी मुनिराज ने चंद्रवीर के केस को सुलझाने के लिए गाजियाबाद क्राइम ब्रांच की मदद ली और इसकी जिम्मेदारी क्राइम ब्रांच के प्रभारी अब्दुल रहमान सिद्दीकी को सौंपी। अब्दुल रहमान सिद्दीकी अपने अनुभव और अनसुलझे मामलों को सुलझाने की महारत के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने पहले भी कई जटिल केस सुलझाए थे।

जांच की जिम्मेदारी संभालते ही अब्दुल रहमान सिद्दीकी ने चंद्रवीर के गांव, सीकर रोड, पहुंचकर पड़ोसियों और रिश्तेदारों से पूछताछ शुरू की। कई दिन इस जांच में निकल गए, लेकिन कोई भी ठोस सुराग हाथ नहीं लगा। मामला अब भी रहस्य बना हुआ था।

सविता की बेटी बनी जांच की अहम कड़ी: पुलिस की नजर पड़ोसी अरुण पर

क्राइम ब्रांच टीम को जांच के दौरान पता चलता है कि चंद्रवीर और सविता की शादी के कुछ समय बाद ही उनके रिश्तों में दरार आने लगी थी। इसका कारण सविता का प्रेम संबंध था, जो चंद्रवीर के पड़ोसी अरुण उर्फ अनिल के साथ शुरू हो गया था।

दूसरी तरफ, 2018 में अरुण के भाई बुरे सिंह ने भी अपने भाई के अपहरण का आरोप अरुण पर ही लगाया था। हालांकि, उस वक्त पुलिस को अरुण के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला था, और उसे छोड़ दिया गया था। लेकिन जब इस मामले में दोबारा अरुण का नाम सामने आया, तो केस की जांच कर रहे मुख्य अधिकारी अब्दुल रहमान सिद्दीकी को यह बात खटकने लगी कि आखिर हर बार अरुण का नाम क्यों आता है।

इसके बाद, सिद्दीकी ने अरुण पर नजर रखना शुरू कर दिया और उससे जुड़ी हर छोटी से छोटी जानकारी जुटाने लगे। जांच के दौरान यह भी पता चला कि चंद्रवीर की पत्नी सविता अब भी उसी घर में रहती है। उसकी पहली शादी से हुई बेटी अब 16 साल की हो चुकी है और पास के एक ब्यूटी पार्लर में काम करती है। इसके अलावा, सविता का एक छोटा बेटा भी है।

जांच अधिकारी को लगने लगा कि सविता की बेटी इस मामले की एक अहम कड़ी हो सकती है। उन्हें लगा कि शायद उसके पास ऐसी जानकारी हो जो इस केस को सुलझाने में मदद कर सके।

एक दिन, जब सविता की बेटी काम पर जा रही थी, तब रहमान सिद्दीकी ने रास्ते में उसे रोक लिया और चंद्रवीर के बारे में पूछताछ शुरू कर दी। लड़की अचानक काफी घबरा गई और कहने लगी कि उसे कुछ भी नहीं पता। इसके बाद वह वहां से चली गई।

हालांकि, लड़की ने कुछ नहीं बताया, लेकिन जिस तरह वह चंद्रवीर का नाम सुनकर घबराई, उससे अधिकारी को शक हो गया कि उसके पास जरूर ऐसी जानकारी है जो इस केस को सुलझाने में मदद कर सकती है। जांच अब और भी दिलचस्प मोड़ पर पहुंच चुकी थी।

सविता और अरुण के खिलाफ बढ़े शक: पुलिस पूछताछ में सामने आया चौंकाने वाला सच

रहमान सिद्दीकी ने एक बार फिर सविता की बेटी से मुलाकात की और उसे बड़े प्यार से समझाने की कोशिश की। उन्होंने उसे भरोसा दिलाया कि अगर वह उनकी मदद करेगी, तो शायद वे चंद्रवीर को ढूंढ पाएंगे। उन्होंने यह भी वादा किया कि उसे किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी। लेकिन इसके बावजूद, लड़की ने कुछ नहीं बताया और वहां से चली गई।

इस घटना के बाद, पुलिस को फिर लगने लगा कि शायद यह केस कभी सुलझ नहीं पाएगा। लेकिन अगले ही दिन, एक नया मोड़ आया। जांच अधिकारी के ऑफिस में पास के गांव का एक लड़का आया और उसने एक चौंकाने वाली जानकारी दी। उसने बताया कि चंद्रवीर के गायब होने से कुछ महीने पहले, चंद्रवीर और सविता के बीच एक बड़ी लड़ाई हुई थी। इस लड़ाई की वजह यह थी कि चंद्रवीर ने अपनी पत्नी सविता को पड़ोसी अरुण के साथ आपत्तिजनक हालत में पकड़ लिया था।

लड़के ने यह भी बताया कि चंद्रवीर के गायब होने के बाद भी, गांव के कुछ लोगों ने सविता और अरुण को चोरी-छिपे मिलते हुए देखा था। उसकी राय में, सविता और अरुण ने ही मिलकर चंद्रवीर को गायब किया होगा।

यह तीसरी बार था जब किसी ने अरुण का नाम लेकर उस पर शक जताया। अब जांच अधिकारी ने सख्ती से अरुण और सविता से पूछताछ करने का फैसला किया। अचानक पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया।

पहले तो दोनों पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करते रहे। लेकिन जब अरुण से कड़ी पूछताछ शुरू हुई, तो आखिरकार वह पुलिस की सख्ती के आगे टूट गया। उसने ऐसा खुलासा किया जिसने सबको हैरान कर दिया। इस राज ने चंद्रवीर के गायब होने की गुत्थी को सुलझाने की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ा दिया।

चंद्रवीर की हत्या का खुलासा: सविता और अरुण का खौफनाक प्लान

अरुण ने पुलिस के सामने चौंकाने वाली कहानी बताई। उसने कहा कि जब सविता चंद्रवीर से शादी करके आई, तो कुछ ही महीनों बाद उसकी मुलाकात अरुण से हुई। अरुण, जो चंद्रवीर का पड़ोसी होने के साथ-साथ रिश्ते में उसका भाई भी लगता था, अक्सर चंद्रवीर के घर आता-जाता था। भाभी-देवर के रिश्ते के चलते सविता और अरुण के बीच हंसी-मजाक का सिलसिला शुरू हुआ, जो धीरे-धीरे एक गहरे संबंध में बदल गया।

2017 में एक दिन, जब चंद्रवीर घर पर नहीं था, अरुण सविता से मिलने उसके घर गया। दोनों के बीच बातें चल रही थीं कि अचानक चंद्रवीर लौट आया। उसने सविता और अरुण को आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ लिया। इस घटना के बाद सविता और चंद्रवीर के बीच लड़ाइयों का सिलसिला शुरू हो गया, जो समय के साथ बढ़ता चला गया।

हालांकि, सविता और अरुण का मिलना-जुलना बंद नहीं हुआ। इसके चलते सविता और चंद्रवीर के रिश्ते और खराब होते गए। चंद्रवीर शराब पीने लगा, जबकि सविता अब चंद्रवीर को छोड़कर अरुण के साथ रहना चाहती थी। लेकिन चंद्रवीर के रहते यह मुमकिन नहीं था।

हत्या की योजना और उसका क्रियान्वयन


अरुण और सविता ने मिलकर चंद्रवीर को रास्ते से हटाने का फैसला किया। 28 सितंबर 2018 की रात, चंद्रवीर शराब पीकर घर लौटा और सो गया। आधी रात को, अरुण पिछले दरवाजे से घर में घुसा। सविता भी जाग रही थी। दोनों ने धीरे-धीरे चंद्रवीर के पास जाकर पहले उसके सिर के नीचे एक बाल्टी रखी ताकि खून उसमें गिर सके। इसके बाद अरुण ने बेहद नजदीक से पिस्तौल से चंद्रवीर के सिर में गोली मार दी।

गोली लगते ही चंद्रवीर की मौत हो गई। बाल्टी में खून जमा होता रहा। जब खून टपकना बंद हुआ, तो अरुण और सविता ने चंद्रवीर की लाश को घर से बाहर निकाला। अरुण ने लाश को अपने घर के पीछे ले जाकर दफनाने की योजना बनाई।

अरुण ने पहले से ही अपने घर के पीछे एक 8 फीट गहरा गड्ढा खोद रखा था। लेकिन लाश को दफनाने से पहले अरुण की नजर चंद्रवीर के हाथ में पहने चांदी के कड़े पर पड़ी। उसने कड़ा निकालने की कोशिश की, लेकिन असफल रहा। इसके बाद अरुण कुल्हाड़ी लेकर आया और चंद्रवीर का हाथ काटकर कड़ा निकाला।

इसके बाद सविता और अरुण ने लाश को गड्ढे में दफना दिया और ऊपर से जानवरों का चारा डाल दिया ताकि किसी को शक न हो। हत्या का यह खौफनाक प्लान इतने सटीक तरीके से अंजाम दिया गया था कि पुलिस भी पहली बार में सच तक नहीं पहुंच सकी।

चंद्रवीर की लाश को छुपाने की चौंकाने वाली साजिश

चंद्रवीर की हत्या के बाद, सविता और अरुण ने बड़े आराम से उसके गायब होने का नाटक शुरू कर दिया। योजना के अनुसार, सविता ने अगले दिन पुलिस में अपने पति के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई, ताकि किसी को उन पर शक न हो। शुरुआती जांच में अरुण का नाम सामने आया, लेकिन पूछताछ में वह पुलिस को यकीन दिलाने में सफल रहा कि उसे चंद्रवीर के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

जिस जगह पर अरुण और सविता ने चंद्रवीर को दफनाया था, वहां पहले अरुण की गाय और भैंस बंधी रहती थीं। लेकिन चंद्रवीर को दफनाने के कुछ ही समय बाद, अरुण ने वहां एक दो-मंजिला घर बनवाया। घर का नक्शा इस तरह तैयार किया गया कि जहां चंद्रवीर को दफनाया गया था, वहां एक बड़ा सा कमरा बना दिया गया। कमरे की फर्श को पक्का करवाया गया, और अरुण ने उसी कमरे में अपना बेड लगा लिया।

अरुण ने इस कमरे में रहते हुए चार साल तक बड़े आराम से चंद्रवीर की लाश के ऊपर चैन की नींद सोई।

अरुण के इकबालिया बयान के बाद, पुलिस ने तुरंत उसके घर पर छापा मारा। उसकी निशानदेही पर गड्ढा खुदवाया गया। खुदाई में वास्तव में 8 फीट गहराई पर एक मानव कंकाल बरामद हुआ। चंद्रवीर के शरीर के अवशेष बरामद करने के साथ ही, पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल की गई पिस्तौल, हाथ काटने के लिए इस्तेमाल कुल्हाड़ी, और अन्य सबूत भी बरामद किए।

जब पुलिस ने अरुण और सविता से पूछा कि लाश को इस तरह गायब करने का आइडिया उन्हें कहां से आया, तो अरुण ने बताया कि उसने एक फिल्म देखी थी। उस फिल्म में हीरो लाश को छुपाने के लिए उसे एक नई बन रही पुलिस स्टेशन की बिल्डिंग के बेसमेंट में दफन कर देता है। पुलिस लाख कोशिशों के बावजूद लाश को नहीं ढूंढ पाती। उसी फिल्म से प्रेरणा लेकर, अरुण और सविता ने भी चंद्रवीर की लाश को अपने घर के अंदर दफनाया और उसके ऊपर पक्का घर बनवा दिया, ताकि कभी भी पुलिस उस लाश तक न पहुंच सके।

यह साजिश और उसकी सटीकता ने सभी को हैरान कर दिया।

चंद्रवीर हत्याकांड और बॉलीवुड कनेक्शन

क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि चंद्रवीर के हत्यारों ने लाश को छुपाने का तरीका किस फिल्म से सीखा होगा? अगर आप जानते हैं, तो उस फिल्म का नाम कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। हो सकता है कि आपको यह सीन याद हो और इस केस का बॉलीवुड कनेक्शन भी समझ में आ गया हो।

पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले का खुलासा नवंबर 2022 में किया। हालांकि, आपके मन में एक सवाल अब भी घूम रहा होगा: आखिर वह लड़का कौन था जिसने पुलिस को आकर सविता और अरुण के बारे में बताया, और उसने ऐसा क्यों किया?

लड़की का खुलासा और बॉयफ्रेंड की चालाकी

दरअसल, जब मुख्य जांच अधिकारी अब्दुल रहमान सिद्दीकी सविता की बेटी से लगातार पूछताछ करते हैं, तो वह भले ही पुलिस को कुछ न बताती हो, लेकिन घर जाकर अपने बॉयफ्रेंड को इस बारे में सब कुछ बता देती है। वह बताती है कि जिस रात उसके पिता चंद्रवीर गायब हुए थे, उसी रात उसने घर के बाहर कुछ संदिग्ध हरकतें देखी थीं। उसने अरुण और अपनी मां सविता को एक साथ घर से बाहर भागते हुए देखा था।

लड़की ने अपने बॉयफ्रेंड को बताया कि उसे पूरा शक है कि अरुण और उसकी मां ने ही उसके पिता को गायब किया। हालांकि, वह अब तक डर के कारण किसी को कुछ नहीं बता पाई थी।

बॉयफ्रेंड की योजना

यह सुनकर लड़की का बॉयफ्रेंड एक चालाक योजना बनाता है। उसे पता था कि सविता अपनी बेटी की शादी अरुण के करीबी रिश्तेदार से करवाना चाहती थी, जबकि लड़की अपने बॉयफ्रेंड से शादी करना चाहती थी। इस मुद्दे को लेकर मां और बेटी के बीच पहले ही झगड़ा हो चुका था, और बॉयफ्रेंड भी इस बात से वाकिफ था।

बस यहीं पर उसने अपना दिमाग लगाया। उसने लड़की को समझाया कि अगर वे चंद्रवीर के गायब होने की सच्चाई पुलिस को बता दें, तो सविता और अरुण पकड़े जाएंगे और वे दोनों बिना किसी रुकावट के शादी कर सकेंगे।

लड़की की सहमति के बाद, बॉयफ्रेंड ने पुलिस के पास जाकर अरुण और सविता की सच्चाई उजागर कर दी।

इस खुलासे के बाद, पुलिस ने चंद्रवीर के कंकाल को बरामद कर लिया। हत्या में इस्तेमाल की गई पिस्तौल, कुल्हाड़ी और अन्य सबूतों को भी फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया। सविता और अरुण को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया, जहां वे अब अपने अपराध की सजा का इंतजार कर रहे हैं।

अब यह सवाल आपसे है: सविता और अरुण को क्या सजा मिलनी चाहिए? अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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